Indira Gandhi:
DOB: 19-Nov-1917
TOB: 23:11 (11:11PM)
POB: Allahabad (UP)
लाल किताब के हिसाब से , इस कुंडली को हम कुछ इस तरह समझ सकते हैं !
शनिचर खाना 1 = तालीम अधूरी ( इन की तालीम अधूरी ही रही ) 1937 में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए इम्तिहान तो पास कर लिया मगर 1941 तक डिग्री पूरी ना हो सकी एक पेपर पास ना कर पाई और भारत वापिस लोटना पड़ा ! कारण सेहत में खराबी , शनि मंदा !
मंगल खाना 2 = दौलत की पूरी प्राप्ति और दौलत जमा हो , खानदान का सरदार होवे !
सूरज बुध खाना 5 = सूरज गर्मी और बुध जंगल , सूरज की गर्मी को जंगल की नर्म हरियाली को झेलना पड़ेगा यानि बचपन में तकलीफ ! मौत अचानक हो !
हु शुक्र खाना 6 = राहु उच्च का मगर शुक्र बर्बाद ( राहु शुक्र इकठ्ठे अब शुक्र अगर मंदा हो तो खत्म ही लेंगे ) शुक्र खाना 6 में मंदा ! राहु पर मंगल की दृष्टि , राहु की मदद के लिए काला शीशा , यह काले रंग का धुप का चश्मा इस्तेमाल करती थी !
चंदर खाना 7 = तालीम जितनी भी हो कारामद होगी शादी से पहले पूरी हो जाये तो ठीक वरना अधूरी ( पोस्ट ग्रेजुएशन तक की डिग्री हासिल करने तक के हालात बने मगर शादी से पहले पूरी ना हुई और शादी के बाद पूरी ना हो पाई )
बृहस्पति खाना 11 = घर 11 में ग्रह जो आवे , तासीर शनि वह होता है, असर मगर उस घर में जावे गुरु जहाँ टेवे बैठा हो !
शनि पहले घर में नीच और राहु केतु के हिसाब से भी असर खराब !शनि तासीर के हिसाब से मंदा !
खाना 11 के ग्रहों की बेइत्बारी बृहस्पति मंदा मगर किस्मत को जगाने वाला ! पिता की मौत के बाद तरक्की शुरू हुई यानि किस्मत पलटी!
केतु खाना 12 = उच्च का , तरक्की की शर्त मगर तबदीली की नहीं ! जद्दी विरसा , खानदानी विरासत , राजनीति विरासत में मिली !
"शत्रु मित्र ख्वाह साथी बैठा - औलाद केतु ना मंदा हो , टेवे राहु का दुश्मन साथी , जहर केतु को देता हो"
टेवे में राहु के साथ शुक्र है , राहु शुक्र आपस में दुश्मन , राहु पर मंगल की दृष्टि , औलाद पर मंदे असर !
DOB: 19-Nov-1917
TOB: 23:11 (11:11PM)
POB: Allahabad (UP)
लाल किताब के हिसाब से , इस कुंडली को हम कुछ इस तरह समझ सकते हैं !
शनिचर खाना 1 = तालीम अधूरी ( इन की तालीम अधूरी ही रही ) 1937 में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए इम्तिहान तो पास कर लिया मगर 1941 तक डिग्री पूरी ना हो सकी एक पेपर पास ना कर पाई और भारत वापिस लोटना पड़ा ! कारण सेहत में खराबी , शनि मंदा !
मंगल खाना 2 = दौलत की पूरी प्राप्ति और दौलत जमा हो , खानदान का सरदार होवे !
सूरज बुध खाना 5 = सूरज गर्मी और बुध जंगल , सूरज की गर्मी को जंगल की नर्म हरियाली को झेलना पड़ेगा यानि बचपन में तकलीफ ! मौत अचानक हो !
हु शुक्र खाना 6 = राहु उच्च का मगर शुक्र बर्बाद ( राहु शुक्र इकठ्ठे अब शुक्र अगर मंदा हो तो खत्म ही लेंगे ) शुक्र खाना 6 में मंदा ! राहु पर मंगल की दृष्टि , राहु की मदद के लिए काला शीशा , यह काले रंग का धुप का चश्मा इस्तेमाल करती थी !
चंदर खाना 7 = तालीम जितनी भी हो कारामद होगी शादी से पहले पूरी हो जाये तो ठीक वरना अधूरी ( पोस्ट ग्रेजुएशन तक की डिग्री हासिल करने तक के हालात बने मगर शादी से पहले पूरी ना हुई और शादी के बाद पूरी ना हो पाई )
बृहस्पति खाना 11 = घर 11 में ग्रह जो आवे , तासीर शनि वह होता है, असर मगर उस घर में जावे गुरु जहाँ टेवे बैठा हो !
शनि पहले घर में नीच और राहु केतु के हिसाब से भी असर खराब !शनि तासीर के हिसाब से मंदा !
खाना 11 के ग्रहों की बेइत्बारी बृहस्पति मंदा मगर किस्मत को जगाने वाला ! पिता की मौत के बाद तरक्की शुरू हुई यानि किस्मत पलटी!
केतु खाना 12 = उच्च का , तरक्की की शर्त मगर तबदीली की नहीं ! जद्दी विरसा , खानदानी विरासत , राजनीति विरासत में मिली !
"शत्रु मित्र ख्वाह साथी बैठा - औलाद केतु ना मंदा हो , टेवे राहु का दुश्मन साथी , जहर केतु को देता हो"
टेवे में राहु के साथ शुक्र है , राहु शुक्र आपस में दुश्मन , राहु पर मंगल की दृष्टि , औलाद पर मंदे असर !
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