१- राई में नमक मिला कर होम करने से बड़े से बड़ा शत्रु भी समूल रूप से
नष्ट हो जाता है !
२- नीम की पत्तियों सहित घी का होम करने से लम्बे समस से चला आ
रहा ऋण नष्ट होता है !
३- जटामांसी और कालीमिर्च से होम करने पर काल्सर्पादी दोष नष्ट होते
हैं व क्रूर ग्रह भी नष्ट होते हैं !
४- रक्तचंदन घिस कर शहद में मिला लेँ व जौ से मिश्रित कर होम करें
तो दुर्भाग्यशाली मनुष्य का भाग्य
भी चमक उठता है !
५- गुड व मखाने से होम करने पर गरीबी सदा के लिए दूर होती है !
६- केवल काली मिर्च से होम करने पर कारागार में फसा व्यक्ति मुक्त
हो जाता है !
७- मीठी रोटी व घी से होम करने पर बड़े से बड़ा संकट व बड़े से बड़ा रोग
अति शिघ्र नष्ट होता है......!!!!!!!!
चैत्र माह में नया गुड़ न खाएं
बैसाख माह में नया तेल न लगाएं
जेठ माह में दोपहर में नही चलना चाहिए
अषाढ़ माह में पका बेल न खाएं
सावन माह में साग न खाएं
भादों माह में दही न खाएं
क्वार माह में करेला न खाएं
कार्तिक माह में जमीन पर न सोएं
अगहन माह में जीरा न खाएं
पूस माह में धनिया न खाएं
माघ माह में मिश्री न खाएं
फागुन माह में चना न खाए.
तिथि अनुसार आहार-विहार ज्योतिष की नजर से
1- प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएँ क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
2. द्वितीया को छोटा बैंगन व कटहल खाना निषेध है।
3. तृतीया को परमल खाना निषेध है क्योंकि यह शत्रुओं की वृद्धि करता है।
4. चतुर्थी के दिन मूली खाना निषेध है, इससे धन का नाश होता है।
5. पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। अत: पंचमी को बेल खाना निषेध है।
6. षष्ठी के दिन नीम की पत्ती खाना, एवं दातुन करना निषेध है। क्योंकि इसके सेवन से एवं दातुन करने से नीच योनि प्राप्त होती है।
7. सप्तमी के दिन ताड़ का फल खाना निषेध है। इसको इस दिन खाने से रोग होता है।
8. अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है।
9. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ मांस के समान है।
10. दशमी को कलंबी खाना निषेध है।
11. एकादशी को सेम फली खाना निषेध है।
12. द्वादशी को (पोई) पुतिका खाना निषेध है।
13. तेरस (त्रयोदशी) को बैंगन खाना निषेध है।
14. अमावस्या, पूर्णिमा, सक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।
15. रविवार के दिन अदरक भी नहीं खाना चाहिए।
16. कार्तिक मास में बैंगन और माघ मास में मूली का त्याग करना चाहिए।
17. अंजली से या खड़े होकर जल नहीं पीना चाहिए।
18. जो भोजन लड़ाई झगड़ा करके बनाया गया हो, जिस भोजन को किसी ने लाँघा हो तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह राक्षस भोजन होता है।
19. जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए। यह नरक की प्राप्ति कराता है।
नष्ट हो जाता है !
२- नीम की पत्तियों सहित घी का होम करने से लम्बे समस से चला आ
रहा ऋण नष्ट होता है !
३- जटामांसी और कालीमिर्च से होम करने पर काल्सर्पादी दोष नष्ट होते
हैं व क्रूर ग्रह भी नष्ट होते हैं !
४- रक्तचंदन घिस कर शहद में मिला लेँ व जौ से मिश्रित कर होम करें
तो दुर्भाग्यशाली मनुष्य का भाग्य
भी चमक उठता है !
५- गुड व मखाने से होम करने पर गरीबी सदा के लिए दूर होती है !
६- केवल काली मिर्च से होम करने पर कारागार में फसा व्यक्ति मुक्त
हो जाता है !
७- मीठी रोटी व घी से होम करने पर बड़े से बड़ा संकट व बड़े से बड़ा रोग
अति शिघ्र नष्ट होता है......!!!!!!!!
चैत्र माह में नया गुड़ न खाएं
बैसाख माह में नया तेल न लगाएं
जेठ माह में दोपहर में नही चलना चाहिए
अषाढ़ माह में पका बेल न खाएं
सावन माह में साग न खाएं
भादों माह में दही न खाएं
क्वार माह में करेला न खाएं
कार्तिक माह में जमीन पर न सोएं
अगहन माह में जीरा न खाएं
पूस माह में धनिया न खाएं
माघ माह में मिश्री न खाएं
फागुन माह में चना न खाए.
तिथि अनुसार आहार-विहार ज्योतिष की नजर से
1- प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएँ क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
2. द्वितीया को छोटा बैंगन व कटहल खाना निषेध है।
3. तृतीया को परमल खाना निषेध है क्योंकि यह शत्रुओं की वृद्धि करता है।
4. चतुर्थी के दिन मूली खाना निषेध है, इससे धन का नाश होता है।
5. पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। अत: पंचमी को बेल खाना निषेध है।
6. षष्ठी के दिन नीम की पत्ती खाना, एवं दातुन करना निषेध है। क्योंकि इसके सेवन से एवं दातुन करने से नीच योनि प्राप्त होती है।
7. सप्तमी के दिन ताड़ का फल खाना निषेध है। इसको इस दिन खाने से रोग होता है।
8. अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है।
9. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ मांस के समान है।
10. दशमी को कलंबी खाना निषेध है।
11. एकादशी को सेम फली खाना निषेध है।
12. द्वादशी को (पोई) पुतिका खाना निषेध है।
13. तेरस (त्रयोदशी) को बैंगन खाना निषेध है।
14. अमावस्या, पूर्णिमा, सक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।
15. रविवार के दिन अदरक भी नहीं खाना चाहिए।
16. कार्तिक मास में बैंगन और माघ मास में मूली का त्याग करना चाहिए।
17. अंजली से या खड़े होकर जल नहीं पीना चाहिए।
18. जो भोजन लड़ाई झगड़ा करके बनाया गया हो, जिस भोजन को किसी ने लाँघा हो तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह राक्षस भोजन होता है।
19. जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए। यह नरक की प्राप्ति कराता है।
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