सूर्य के बारे में बताते हैं कि वो किस भाव में क्या चिन्ता देता है
---. सूर्य पहले भाव में हो तो किसी के द्वारा कपट करने और छल करने की चिन्ता है,किसी ने झूठ कहकर बदनाम किया है. सूर्य के दूसरे भाव में होने से जो कार्य किया जा रहा है उसके अन्दर लगने वाले धनबल, बाहुबल या भाग्यबल की चिन्ता है. तीसरे भाव में किसी के द्वारा किये जाने वाले झगडे की चिन्ता है. चौथे भाव में किसी के प्रति जलन चल रही है. पांचवें भाव में सन्तान या शिक्षा या खेल की हार-जीत की चिन्ता है. छठे भाव में रास्ते में जाते वक्त या आते वक्त कोई काम किया जाना था उसकी चिन्ता है. सातवें भाव में होने पर जीवन साथी या साझेदार के अहम भरे शब्द कहने की चिन्ता है. आठवें भाव में ह्रदय की बीमारी या नौकर के द्वारा काम नहीं करने की चिन्ता है. नवें भाव से विदेश में रहने वाले व्यक्ति की चिन्ता है. दसवें भाव में राज्य या सरकार द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है. ग्यारहवें भाव में सरकार से या पुत्र या पिता के धन की चिन्ता है. बारहवें भाव में आने जाने वाले रास्ते और शत्रु द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है.
---. सूर्य पहले भाव में हो तो किसी के द्वारा कपट करने और छल करने की चिन्ता है,किसी ने झूठ कहकर बदनाम किया है. सूर्य के दूसरे भाव में होने से जो कार्य किया जा रहा है उसके अन्दर लगने वाले धनबल, बाहुबल या भाग्यबल की चिन्ता है. तीसरे भाव में किसी के द्वारा किये जाने वाले झगडे की चिन्ता है. चौथे भाव में किसी के प्रति जलन चल रही है. पांचवें भाव में सन्तान या शिक्षा या खेल की हार-जीत की चिन्ता है. छठे भाव में रास्ते में जाते वक्त या आते वक्त कोई काम किया जाना था उसकी चिन्ता है. सातवें भाव में होने पर जीवन साथी या साझेदार के अहम भरे शब्द कहने की चिन्ता है. आठवें भाव में ह्रदय की बीमारी या नौकर के द्वारा काम नहीं करने की चिन्ता है. नवें भाव से विदेश में रहने वाले व्यक्ति की चिन्ता है. दसवें भाव में राज्य या सरकार द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है. ग्यारहवें भाव में सरकार से या पुत्र या पिता के धन की चिन्ता है. बारहवें भाव में आने जाने वाले रास्ते और शत्रु द्वारा परेशान किये जाने की चिन्ता है.
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