अंगारक योग की वैदिक ज्योतिष में प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में राहु
अथवा केतु का मंगल से किसी भी स्थान पर संबंध स्थापित हो जाए तो ऐसी कुंडली में
अंगारक योग का निर्माण हो जाता है जिसके कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक
तथा नकारात्मक हो जाता है तथा इस योग के प्रभाव में आने वाले जातकों के अपने भाईयों,
मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी खराब हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी
यह मानते हैं कि किसी कुंडली में अंगारक योग बन जाने पर ऐसा जातक अपराधी बन जाता है
तथा उसे अपने अवैध कार्यों के चलते लंबे समय तक जेल अथवा कारावास में भी रहना पड़ सकता है।
राहु - मंगल का अंगारक योग= ज्योतिष में राहु और मंगल मिल कर अंगारक योग बनाते हैं।
लाल किताब में इस योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है। अगर यह योग किसी की
कुंडली में होता है तो वो व्यक्ति अपनी मेहनत से नाम और पैसा कमाता है। ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार
चढ़ाव आते हैं।यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने वाला है।ज्योतिष में इस योग को अशुभ माना जाता है।
1- कुंडली के पहले घर में राहु - मंगल अंगारक योग होने
से पेट के रोग और शरीर पर चोट का निशान रहता है।
2- कुंडली के दूसरे भाव में अंगारक योग होने से धन
संबंधित उतार चढ़ाव आते हैं। ऐसे लोग धन के मामलों में
जोखिम लेने से नहीं घबराते हैं।
3- जिन लोगों की कुंडली के तीसरे भाव में ये योग
होता उनको भाइयों और मित्रों से सहयोग मिलता
है और वो लोग मेहनत से पैसा, मान सम्मान कमाते हैं।
4- कुंडली के चौथे भाव में ये योग होने से माता के सुख
में कमी आती है और भूमि संबंधित विवाद चलते रहते हैं
5- कुंडली के पांचवें भाव में अंगारक योग योग जुए,
सट्टे, लॉटरी और शेयर बाजार में लाभ दिलाता है।
6- जिन लोगों की कुंडली के छठे घर में मंगल-राहु एक साथ होते हैं
ऐसे लोग ऋण लेकर उन्नति करते हैं। अच्छे वकील और चिकित्सक भी इसी योग के कारण बनते हैं।
7- कुंडली के सातवें भाव में अंगारक योग साझेदारी के काम में फायदा दिलाता है
8- जिन लोगों की कुंडली के आठवें घर में अंगारक योग बनता है
ऐसे लोगों को वसीयत में सम्पत्ति मिलती है। ऐसे लोगों को ऐक्सीडेंट का खतरा होता है।
9- कुंडली के नवें घर में ये योग बनता है तो ऐसे लोग कर्मप्रधान होते है ऐसे लोगों की
किस्मत ज्यादातर साथ नहीं देती। ये लोग कुछ रूढ़ीवादी होते हैं।
10- दसवें भाव में अंगारक योग जिन लोगों की
कुंडली में होता है वो लोग रंक से राजा बन जाते हैं।
11- कुंडली के लाभ भाव यानि ग्यारहवें भाव में
अंगारक योग होने से प्रॉपर्टी से लाभ मिलता है।
12- बारहवें भाव में अंगारक योग होता है उन लोगों का पैसा विदेश में जमा होता है।
ऐसे लोग रिश्वत में पकड़ा जाते हैं कभी कभी जेल यात्रा के योग भी बनते हैं।
अथवा केतु का मंगल से किसी भी स्थान पर संबंध स्थापित हो जाए तो ऐसी कुंडली में
अंगारक योग का निर्माण हो जाता है जिसके कारण जातक का स्वभाव आक्रामक, हिंसक
तथा नकारात्मक हो जाता है तथा इस योग के प्रभाव में आने वाले जातकों के अपने भाईयों,
मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध भी खराब हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी
यह मानते हैं कि किसी कुंडली में अंगारक योग बन जाने पर ऐसा जातक अपराधी बन जाता है
तथा उसे अपने अवैध कार्यों के चलते लंबे समय तक जेल अथवा कारावास में भी रहना पड़ सकता है।
राहु - मंगल का अंगारक योग= ज्योतिष में राहु और मंगल मिल कर अंगारक योग बनाते हैं।
लाल किताब में इस योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है। अगर यह योग किसी की
कुंडली में होता है तो वो व्यक्ति अपनी मेहनत से नाम और पैसा कमाता है। ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार
चढ़ाव आते हैं।यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने वाला है।ज्योतिष में इस योग को अशुभ माना जाता है।
1- कुंडली के पहले घर में राहु - मंगल अंगारक योग होने
से पेट के रोग और शरीर पर चोट का निशान रहता है।
2- कुंडली के दूसरे भाव में अंगारक योग होने से धन
संबंधित उतार चढ़ाव आते हैं। ऐसे लोग धन के मामलों में
जोखिम लेने से नहीं घबराते हैं।
3- जिन लोगों की कुंडली के तीसरे भाव में ये योग
होता उनको भाइयों और मित्रों से सहयोग मिलता
है और वो लोग मेहनत से पैसा, मान सम्मान कमाते हैं।
4- कुंडली के चौथे भाव में ये योग होने से माता के सुख
में कमी आती है और भूमि संबंधित विवाद चलते रहते हैं
5- कुंडली के पांचवें भाव में अंगारक योग योग जुए,
सट्टे, लॉटरी और शेयर बाजार में लाभ दिलाता है।
6- जिन लोगों की कुंडली के छठे घर में मंगल-राहु एक साथ होते हैं
ऐसे लोग ऋण लेकर उन्नति करते हैं। अच्छे वकील और चिकित्सक भी इसी योग के कारण बनते हैं।
7- कुंडली के सातवें भाव में अंगारक योग साझेदारी के काम में फायदा दिलाता है
8- जिन लोगों की कुंडली के आठवें घर में अंगारक योग बनता है
ऐसे लोगों को वसीयत में सम्पत्ति मिलती है। ऐसे लोगों को ऐक्सीडेंट का खतरा होता है।
9- कुंडली के नवें घर में ये योग बनता है तो ऐसे लोग कर्मप्रधान होते है ऐसे लोगों की
किस्मत ज्यादातर साथ नहीं देती। ये लोग कुछ रूढ़ीवादी होते हैं।
10- दसवें भाव में अंगारक योग जिन लोगों की
कुंडली में होता है वो लोग रंक से राजा बन जाते हैं।
11- कुंडली के लाभ भाव यानि ग्यारहवें भाव में
अंगारक योग होने से प्रॉपर्टी से लाभ मिलता है।
12- बारहवें भाव में अंगारक योग होता है उन लोगों का पैसा विदेश में जमा होता है।
ऐसे लोग रिश्वत में पकड़ा जाते हैं कभी कभी जेल यात्रा के योग भी बनते हैं।
nice article .please tell me, I'm Gemini ascendant and have angarak yoga (mars +rahu) in 6 th house in scorpio..is it good or bad? They are exactly 5degrees apart.see more -https://bit.ly/2I5Kaie
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