Sunday, August 9, 2015

आजादी के पहले और आजादी के बाद शिक्षा

आजादी के पहले         --------
1. भारत परतंत्र था पर भारतीय मन से परतंत्र नहीं थेउनकी सोच परतंत्र नहीं थी, अपनी आध्यात्मिक और राष्ट्रवाद की परिकल्पनाओं से यहां के लोग ओतप्रोत थे, अंग्रेजी सत्ता को इसका आभास थातभी लार्ड मैकाले ने इस देश की सार्वभौमिकता और यहां के लोगों की मानसिकता को तोड़ने के लिए ऐसी शिक्षा पद्धति निकाली कि यहां के लोग अंदर से टूट जाये और अंग्रेजी मानसिकता को श्रेष्ठ समझअपनी संस्कृति से नफरत करने लगेफिर भी अंग्रेज भारतीयों को मन से गुलाम बनाने में असफल रहे। 

2. पूरा देश चरित्रवान थाखासकर भारतीय राजनीतिज्ञों का जीवन आदर्शों से भरा रहता थालोग उनकी बातों को ध्यान से सुनते और अपनाने की कोशिश करते। 

3. यहां की युवा पीढ़ी भीदेश को नयी दिशा दे रही थीसाथ ही अपने चरित्र पर ध्यान देती थीअपने देश के पूर्वजों के सम्मान पर कोई आंच नहीं आयेइसका ध्यान रहता थाइनके लिए एक ही लक्ष्य था देश के लिए जीना और देश के लिए मरना। स्वामी विवेकानंद, आज़ादभगतसुभाष आदि इसके सर्वश्रेस्थ उदाहरण है। 
 
4. सभी का एक ही लक्ष्य थाकि भारत स्वतंत्र हो।
 
5. भारत अखंड था, आज का पाकिस्तानबांगलादेशचीन द्वारा बलपूर्वक और धूर्ततापूर्ण तरीके से भारत की हड़पी गयी जमीनसभी भारत के नक्शे में नजर आते थेभारत का मानचित्र भव्य दीखा करता था।

6. 
मुसलमानों और अंग्रेजों  द्वारा 700 सालों से भी ज्यादा लूटने के बाबजूद भारत गरीब नहीं थालेकिन हमारे दिलों और दिमाग में बैठा दिया गया की भारत बहुत गरीब है और आज तक यही बात दोहरा दोहरा कर हमें मूर्ख बनाया जा रहा है। गरीबी के नाम पर हमारे ऊपर विदेशी कर्ज थोपने की शुरुआत कर दी गयी। 

7. परतंत्र होने के बावजूददेश की आध्यात्मिक शक्ति का लोहा विदेशी माना करते थेजैसे स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो धर्म सम्मेलन में भारतीय धर्म का पताका फहरायाऔर बताया कि भारत क्या हैं।
8. 
देश का ग्राम और कुटीर उद्योग बहुत ही मजबूत था, अंग्रेजों द्वारा इस उद्योग को सर्वनाश के कगार पर लाने के बावजूद स्वदेशी आंदोलन ने इनको नयी दिशा दी थी।

आजादी के बाद --------------------

 
1. भारत स्वतंत्र हुआपर लार्ड मैकाले की जीत भी हुईकांग्रेस ने सत्ता संभाला और मैकाले की शिक्षा पद्धति को जन जन तक पहुंचाने की कोशिश शुरु हुईदेश में जो काम अंग्रेज नहीं कर सकेवो काम यहां की कांग्रेसी सरकार ने शुरु कियालोग भारत और भारतीय संस्कृति से दूर होते चले गये और भारतीय मन पूरी तरह से परतंत्र हो गया।

2. 
परतंत्र भारत में जहां सभी चरित्रवान थेआजादी के बाद चरित्रवानों का टोटा पड़ गयाआप किसी भी क्षेत्र में जाये चरित्रहीनों की संख्या सर्वाधिक हैंज्यादातर लोग भ्रष्टाचार में डूबे हैंऔर अपने हिस्से का भारत लूट लेना चाहते हैंजो नहीं लूट रहेउन्हें मूर्ख समझा जाता हैं।

3. 
आज की युवा पीढ़ीअब देश और समाज तथा परिवार के लिए भी नहीं सोचतीउसे सिर्फ अपने लिए धन कमाना और ऐश करने से मतलब हैंइनके लिए देश व समाज कोई मायने नहीं रखताइनके लिए तो परिवार भी कोई मायने नहीं रखता, सेल्फमेड जिंदगी जीने में ये ज्यादा आनन्द अनुभव करते हैं।

4. 
आज भारत को कहां ले जाना हैंकोई लक्ष्य ही नहीं हैं, भारत को कैसा और क्या बनाना हैंइस पर किसी का ध्यान नहींसभी नौकरी कर रहे हैं चाहे वो राजा हो या प्रजा। नौकरी करने के क्रम मेंसभी अपने बेटे-बेटियों के लिएमरते दम तक कुछ ऐसा कर देना चाहते हैंताकि सात पुश्त तक गर नौकरी न भी मिले तो ये आराम से जिंदगी गुजार सकें। उसका अनेक उदाहरण हैंसुबह होते हीभारत की अखबारें ऐसी खबरों से पटी होती हैं। आज के नेता तो अपनी पत्नी और बच्चों के सिवा दूसरा कुछ सोचते नहींआज किसी पार्टी में कल किसी और पार्टी मेंसुबह का नाश्ता किसी और पार्टी में दोपहर का भोजन किसी और पार्टी मेंये इनका चरित्र हो गया हैंऐसे में समझा जा सकता हैं कि ये देश के प्रति कितने वफादार हैंअब तो शायद ही कोई ऐसा नेता हैं जो किसी भ्रष्टाचार के दलदल में न फंसा होज्यादातर इस भ्रष्टाचाररुपी गंगोत्री में डूबकी लगा चूके हैं और कुछ लगाने के चक्कर में हैं।

5. 
आज भारत खंडित हैंआजादी के समय ही भारत दो टुकड़ें में बंट गया थाबाद में चीन और पाकिस्तान ने भी भारत के हजारों वर्ग किलोमीटर भूभाग पर कब्जा कर बैठापर किसी की हिम्मत नहीं कि इन हजारों वर्ग किलोमीटर हड़पीगयी जमीन को पुनः भारत में मिला लें।
 
6. बहुत सारे भारतीय अब अमीर बन गये हैंपर भारत के उपर विदेशियों का इतना कर्ज हैं कि भारत सरकार को बजट का बहुतेरे हिस्सा तो ब्याज देने में खत्म हो जाता हैं।
 
7. स्वतंत्र होने के बाद देश का मान हर क्षेत्र में घटा हैंहम विश्व कप फुटबाल में भाग लेने के लायक नहीं हैंहमारे खिलाड़ी किसी भी खेल में गर कुछ जीतते हैं तो ये सरकार की देन नहींबल्कि उनकी अपनी मेहनत का फल होता हैं,जिस बांगलादेश को हमने आजाद करायावो हमारे लिए काल बन गया हैंउसके आतंकवादी पूरे देश में फैलकर भारत के अमन चैन के लिए खतरा बन गये हैंपूर्वोत्तर भारत तो बांगलादेशियों से पट गया हैंऔर ये अब उत्तर की ओर बढ़ते चले जा रहे हैंऔर हमारी सरकार वोट बैंक की खातिरआंख मूंद कर बैठी हैंएक तो अपनी जनसंख्या और उपर से बांगलादेश की जनसंख्या का दबाव पूरे देश के लिए सरदर्द बन गयी हैंपर इस पर भी यहां के नेता राजनीति करने से बाज नहीं आतेजबकि दूसरे देश मेंऐसा हैं ही नहींगर वहां पता लग जाये कि विदेशियों की बड़ी फौज उनके देश में आ गयी हैंतो उसके साथ उनके द्वारा ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी जाती हैं कि बाद में उस देश में आने परवहां की जनता दस बार सोचने पर मजबूर हो जाती हैं। 

8. देश का लघु और कुटीर उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो चुका हैंइसके जगह पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना कब्जा जमा लिया हैं और देश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से गिरवी हो गयी हैं।
 
कुछ लोग कहते हैं कि देश आजादी के बाद बहुत तरक्की किया हैंमैं बता दूं कि गर ये देश स्वतंत्र नहीं होताअंग्रेजों के अधीन रहता तब भी तरक्की करताक्योंकि तरक्की किसी समय का मोहताज नहीं होता।
विकास का मतलब होता हैंआंतरिक सोच और सम्मान के साथ बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक भारतीयों को बेहतर जिंदगी प्रदान करनापर ये क्या आजादी के बाद संभव हुआ हैं।

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