Friday, April 26, 2013

अजवाइन-I

11 अपच, मंदाग्नि में (पाचन शक्ति में) ::- भोजन के बाद नियमित रूप से 1 चम्मच सिंकी हुई सेंधानमक लगी अजवाइन चबाएं।

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जूं, लीख ::- 1 चम्मच फिटकिरी और 2 चम्मच अजवाइन को पीसकर 1 कप छाछ में मिलाकर बालों की जड़ों में सोते समय लगाएं और सुबह धोयें। इससे सिर में होने वाली जूं और लीखें मरकर बाहर निकल जाती हैं।

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पुराना बुखार, मन्द ज्वर ::- 15 ग्राम की मात्रा में अजवाइन लेकर सुबह के समय मिट्टी के बर्तन में 1 कप पानी में भिगो दें। इस बर्तन को दिन में मकान में और रात को खुले आसमान के नीचे ओस में रखें। दूसरे दिन इसको सुबह के समय छानकर इस पानी को पी लें। यह प्रयोग लगातार 15 दिनों तक करें। यदि बुखार पूरी तरह से उतरे तो यह प्रयोग कुछ दिनों तक और भी चालू रखा जा सकता है। इस उपचार से पुराना मन्द ज्वर ठीक हो जाता है और यदि यकृत और तिल्ली बढ़ी हुई हो तो वह भी ठीक हो जाते हैं साथ ही साथ भूख खुलकर लगने लगती है।

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बांझपन (गर्भाशय के ठहरने) पर ::- मासिक-धर्म के आठवें दिन से नित्य अजवाइन और मिश्री 25-25 ग्राम की मात्रा में लेकर 125 ग्राम पानी में रात्रि के समय एक मिट्टी के बर्तन में भिगों दें तथा प्रात:काल के समय ठंडाई की भांति घोंट-पीसकर सेवन करें। भोजन में मूंग की दाल और रोटी बिना नमक की लें। इस प्रयोग से गर्भ धारण होगा।

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खटमल : :- चारपाई के चारों पायों पर अजवाइन की 4 पोटली बांधने से खटमल भाग जाते हैं।

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मच्छर ::- अजवाइन पीसकर बराबर मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर उसमें गत्ते के टुकड़ों को तर (भिगो) करके कमरे में चारों कोनों में लटका देने से मच्छर कमरे से भाग जाते हैं।

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भोज्य पदार्थों के लिए ::- पूरी, परांठे आदि कोई भी पकवान हो, उसको अजवाइन डालकर बनाएं। इस प्रकार के भोजन को खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है और खाई गई चीजें आसानी से पच जाती हैं। पेट के पाचन सम्बन्धी रोगों में अजवाइन लाभदायक है।

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पाचक चूर्ण ::- अजवाइन और हर्र को बराबर मात्रा में लेकर हींग और सेंधानमक स्वादानुसार मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर सुरक्षित रख लें। भोजन के पश्चात् 1-1 चम्मच गर्म पानी से लें।

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सिर में दर्द होने पर ::- *200 से 250 ग्राम अजवाइन को गर्म कर मलमल के कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर तवे पर गर्म करके सूंघने से छींके आकर जुकाम सिर का दर्द कम होता है।

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अजवाइन को साफ कर महीन चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को 2 से 5 ग्राम की मात्रा में नस्वार की तरह सूंघने से जुकाम, सिर का दर्द, कफ का नासिका में रुक जाना एवं मस्तिष्क के कीड़ों में लाभ होता है। अजवाइन और अरंड की जड़ को पीसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द खत्म हो जाता है।

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अजवाइन के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।"

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कर्णशूल (कान दर्द) ::- 10 ग्राम अजवाइन को 50 मिलीलीटर तिल के तेल में पकाकर सहने योग्य गर्म तेल को 2-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द मिट जाता है।

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