ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल देव को कर्ज का कारक ग्रह माना गया है। कोई भी व्यक्ति कर्ज लेता है तो यह मंगल ग्रह का ही प्रभाव होता है। मंगल को ग्रहों का सेनापति माना गया है। मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है यह अधिकांश स्थितियों में बुरा फल ही देने वाला है। इसी वजह से शास्त्रों द्वारा मंगल के दिन मंगलवार को कर्ज लेना वर्जित किया गया है।
मंगलवार को लोन लेने से यह चुका पाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कर्ज लेने पर व्यक्ति के बच्चों तक को इस लोन से मुसीबतें उठाना पड़ती हैं। मंगलवार को लोन लेने वाले व्यक्ति पर मंगल की कुदृष्टि रहती है। इसी वजह से ज्योतिष शास्त्र द्वारा मंगलवार के दिन लोन लेना वर्जित किया गया है।
ऋण लेन-देन के विषय में मुहूर्त का विचार करना उपयोगी रहता है। स्वाती, पुनर्वसु, चित्रा, अनुराधा, मृगशिरा, रेवती, विशाखा, पुष्य, धनिष्ठा, शतभिषा और अश्विनी जब चर संज्ञक लग्र- मेष, कर्क, तुला और मकर राशियों के लगन हों। साथ ही लग्न, पंचम, अष्टम स्थान शुभ ग्रहों से युक्त हों तो धन संबंधी हर प्रकार का निवेश करना, बीमा कराना, किसी व्यापारिक अनुबंध में बड़ा निवेश करना ठीक रहता है।
विशेषकर मंगलवार को ऋण लेने का निषेध किया गया है। इसके अतिरिक्त सूर्य की संक्रांति के दिन, वृद्धि योग में, रविवार को हस्त नक्षत्र हो तो कदापि ऋण नहीं लें। इस वर्जित समय में जो कर्ज लिया जाता है वह वंश परम्परा के लिए हो जाता है अर्थात चुकता नहीं है। इसके विपरीत निषिद्ध समय में ऋण चुकाने से ऋणी ऋणभार से मुक्त हो जाता है। यदि ऋणग्रस्त कुटुम्ब मंगलवार का व्रत करे तो कर्ज से मुक्ति मिलती है। बुधवार के दिन यथासंभव धन का व्यय करने से बचें। इस दिन केवल धन संग्रह ही करें। बुधवार के दिन किसी भी रूप में धन की प्राप्ति होना अति शुभ माना गया है।
पंचक के दिनों में कर्ज चुकाने से जल्द ही कर्ज कम होता है कोई भी किसी भी प्रकार का कर्जा हो उसे पंचको में ही उतारे अगर आप ने बाजार से कोई उधारी ली हुई है उसे भी पंचक में दे
No comments:
Post a Comment