सबसे पहले ध्यान देने की बात है की मंगल कब अच्छे और कब ख़राब हो जाते हैं।
जब मंगल का सम्बन्ध केतु या बुध के साथ हो जाये चाहे बो एक साथ हों या दृस्टि से मिल रहे हों तो भी मंगल का फल ख़राब हो जाता है।
जब सूर्य और शनि मिल जाते हैं तब भी मंगल बुरे हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त और भी कई प्रकार से मंगल के गुण अवगुण में बदल जाते हैं।
लेकिन जब मंगल देव अच्छे होते हैं तो क्या सुख मिलते हैं।पूर्ण पराक्रमी अच्छी हिम्मत बाला बिलकुल हनुमान जी की तरह जिसके साथ लग जाये उसके लिए अपना बलिदान तक दे दे।
एक दम सीधा साधा इंसान ज्यादा चंट चालक नहीं होता। मंगल अच्छे तो भाई यार दोस्तों के लिए पूरा सहायक और बो भी ऐसे व्यकित के लिए पूर्ण समर्पित होते हैं।
और सबकी पूरी स्पोर्ट भी मिलती है। जीवन में कभी खून से सम्बंधित बीमारी नहीं होती। 15 साल की उम्र से हालात अच्छे होने शुरू हो जाते हैं।28 से 33 साल की उम्र में पूरी तरह से ऊंचाइयों को पा लेता है।
घर में मंगल कारज जल्दी जल्दी होते हैं। घर के बच्चों के शादी व्याह सही समय पर होते हैं।
लेकिन अगर मंगल देव आपकी कुंडली में नीच के बद होके अर्थात ख़राब हो के बैठे हो तो घर का माहौल अच्छा नहीं होता भाई भाई में दुश्मनी हो जाती है।माँ बाप ही बच्चों में बिगड़बाते हैं। आपस में घर के सदस्य एक दुसरे से जलते हैं। 15 साल की उम्र से बच्चा बिगड़ना शुरू कर देता है।पढ़ाई लिखाई चौपट ।कँही भी टिकता नहीं।धैर्य कम हो जाता है। भटकाव बढ़ने लगता है। किसी पर विषबास् नहीं करता।।बुरी सोहबत में पड़ जाता है। बुरे यार दोस्तों के साथ घूमता फिरता है और फालतू के झगड़े करता है। भाई भाई में भी लड़ाई झगड़े होते हैं जो दुनिया देखती है
जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। आस पड़ोस के लोगों से भी अनबन का माहौल रहता है।घर में खुशियों का माहौल नहीं बन पाता ।शादी व्याह बड़ी उम्र में होते हैं। एक बात और ऐसे हालात में 28 से 33 साल की उम्र के बीच परिवार टूटते हैं।
जब मंगल का सम्बन्ध केतु या बुध के साथ हो जाये चाहे बो एक साथ हों या दृस्टि से मिल रहे हों तो भी मंगल का फल ख़राब हो जाता है।
जब सूर्य और शनि मिल जाते हैं तब भी मंगल बुरे हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त और भी कई प्रकार से मंगल के गुण अवगुण में बदल जाते हैं।
लेकिन जब मंगल देव अच्छे होते हैं तो क्या सुख मिलते हैं।पूर्ण पराक्रमी अच्छी हिम्मत बाला बिलकुल हनुमान जी की तरह जिसके साथ लग जाये उसके लिए अपना बलिदान तक दे दे।
एक दम सीधा साधा इंसान ज्यादा चंट चालक नहीं होता। मंगल अच्छे तो भाई यार दोस्तों के लिए पूरा सहायक और बो भी ऐसे व्यकित के लिए पूर्ण समर्पित होते हैं।
और सबकी पूरी स्पोर्ट भी मिलती है। जीवन में कभी खून से सम्बंधित बीमारी नहीं होती। 15 साल की उम्र से हालात अच्छे होने शुरू हो जाते हैं।28 से 33 साल की उम्र में पूरी तरह से ऊंचाइयों को पा लेता है।
घर में मंगल कारज जल्दी जल्दी होते हैं। घर के बच्चों के शादी व्याह सही समय पर होते हैं।
लेकिन अगर मंगल देव आपकी कुंडली में नीच के बद होके अर्थात ख़राब हो के बैठे हो तो घर का माहौल अच्छा नहीं होता भाई भाई में दुश्मनी हो जाती है।माँ बाप ही बच्चों में बिगड़बाते हैं। आपस में घर के सदस्य एक दुसरे से जलते हैं। 15 साल की उम्र से बच्चा बिगड़ना शुरू कर देता है।पढ़ाई लिखाई चौपट ।कँही भी टिकता नहीं।धैर्य कम हो जाता है। भटकाव बढ़ने लगता है। किसी पर विषबास् नहीं करता।।बुरी सोहबत में पड़ जाता है। बुरे यार दोस्तों के साथ घूमता फिरता है और फालतू के झगड़े करता है। भाई भाई में भी लड़ाई झगड़े होते हैं जो दुनिया देखती है
जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। आस पड़ोस के लोगों से भी अनबन का माहौल रहता है।घर में खुशियों का माहौल नहीं बन पाता ।शादी व्याह बड़ी उम्र में होते हैं। एक बात और ऐसे हालात में 28 से 33 साल की उम्र के बीच परिवार टूटते हैं।
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