चंद्र राहु की युती चंद्र ग्रहण कहलाती है...इस युती का फल प्रायः खराब ही रहता है ..और ईस युती को कुछ ज्योतीष प्रेत बाधा योग भी कहते है ..यह युती योग १ ' ७ '८ वे भाव मै पूर्ण दोष कारी है ..और इस युती के कारण जातक आत्महत्या भी करता है ..और वो भी फासी लगाकर करता जब इस युती का संबंध लग्न या लगनेश से हौ...और कही बुध ग्रह भी खराबी मे हो तब ऐसा जातक पागल भी होता है ...और कही चंद्र राहु व शनी यह तीनो ग्रह ७ भाव मे हो साथ ही सप्तमैश निच या शत्रुगत हो तब ऐसे जातक की पत्नी आत्महत्या करती है ..
अपनी कुण्डली के अनुसार पुष्य नक्षत्र में और पुर्णिमा को उपाय करे।
अपनी कुण्डली के अनुसार पुष्य नक्षत्र में और पुर्णिमा को उपाय करे।
No comments:
Post a Comment