Sunday, June 30, 2013

सजधज चाल्यी गौरड़ी , जद नैणा मुलकाय !

सजधज चाल्यी गौरड़ी ,
जद नैणा मुलकाय !
गरियाळा की मौरणी ,
रुणझुण करती जाय !!1!!
!
कजरारा नैणा सूँ या ,
चोखा हुकुम चलाय !
सगळा रो दिल जोर सूँ ,
अब तो धड़क्यो जाय !!2!!
!
मनड़ै की या बादळी ,

प्रीत उफणती जाय !
बादलियै रा मनड़ा नै ,
अब चोखो धड़काय !!3!!
!
नैण बस्यी या कामणी ,
मनड़ा नै भरमाय !
एक इसारो देकर वा ,
जोबन नै तरसाय !!4!!
!
खनखन करती चूड़ियाँ ,
या खन खन खनकाय !
बादलियै रा मनड़ै मेँ
प्रीत उफाणै आय !!5!
 

No comments:

Post a Comment