Sunday, January 3, 2016

भविष्यवाणियो से व्यक्ति का ज्योतिष मे और अधिक विश्वास हो जाता है।

भविष्य बताना उतना ही सरल है जितना कि अपने पङोसी के घर का पता बताना जिसके कई तरीके हो सकते है। आपको पता याद हो या नहीं यदि आपने कह दिया कि हां मुझे पता है तो व्यक्ति आप का ही विश्वास करेगा क्योंकि वह इस बात को नहीं जानता है कि आप उसे बेवकूफ बना रहे है इसका पता उसे तभी चलेगा जब आपके द्वारा बताए गते पते पर घर नहीं मिलेगा उस समय ही उसे एहसास होगा कि उसे बेवकूफ बनाया गया है। ज्योतिष मे भी कुछ ऐसा ही है ज्योतिषीयो को स्वयं अपना भविष्य भी पता नही होता है लेकिन दूसरो का बता रहें होते है चूंकि व्यक्ति ज्योतिष पर विश्वास करने के कारण भविष्य पूछ रहे होते है जिसे ज्योतिष के जानकार ज्योतिषी ही बता सकते है तो उनकी बातो अर्थात टुल्लेबाजी पर विश्वास क्यों नहीं करेगें और टुल्लेबाजी अनेक प्रकार से की जाती है जिसे करने के विभिन्न तरीके होते है। लेकिन तरीका जो भी हो व्यक्ति के बारे मे जानकारी निकलवानी आनी चाहिए फिर उसे समझकर उसी के भविष्य के रुप मे सामने रखनी है जिसके लिए आपको ज्योतिष का ज्ञान नहीं वरन मनोविज्ञान का ज्ञान होना चाहिए जिसके पश्वात आप किसी भी व्यक्ति का भविष्य बिल्कुल सही बता सकते है। अगर आप के मन मे प्रश्न उठ रहा है कि मनोविज्ञान भविष्य बताता है तो ज्योतिष क्या करता है, ज्योतिष वास्तव मे ज्योतिषी पास बेअक्कलो को भविष्य जानने के लिए लाने का काम करता है जिसमे मनोविज्ञान आपकी सहायता करता है उन्हे मूर्ख बनाने मे। हकीकत मे ज्योतिष मे ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो किसी व्यक्ति का भविष्य बता सकता हो लेकिन यह बात सिवाय ज्योतिषीयो के अन्य व्यक्ति अर्थात अन्धविश्वासी व्यक्ति नहीं जानते है न ही उन्हे यह पता होता है कि ज्योतिषी उन्हे मनोवैज्ञानिक रुप से सही भविष्य बताकर मूर्ख बनाते है इसलिए जितनी ज्यादा बार ज्योतिषी उन्हे मूर्ख बनाने मे सफल रहते है उनके लिए वह ज्योतिषी उतना ही बङा ज्ञानी और विद्वान भविष्यवक्ता बन जाते है। यदि आपको एक बङा व प्रसिद्ध ज्योतिषी बनना है तो मूर्ख बनाने की कला मे माहिर होना आवश्यक है यह कार्य ज्योतिष के विभिन्न शिक्षण संस्थान करते है जैसे। इनमे व्यक्ति ज्योतिष के साथ मूर्ख बनाने के अनेक दांव पेंच भी सीख सकते है चाहे तो अलग से किसी बङे गुरु घंटाल ज्योतिषी को अपना गुरु बनाकर उसके ठगी के धन्धे का प्रचार कर समस्त दांव पेंच बारिकियों के साथ विस्तारपूर्वक सीख सकते है जिसमे एक बार पारंगत होने के पश्चात आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी बन जाएगें।
सदैव याद रखे कि जिस ज्योतिषी के पास मूर्खो बेअक्कलो अन्धविश्वासी व्यक्तियो की जितनी भीङ होगी आपकी कमाई भी उतनी ही अधिक होगी और फीस भी उस भीङ की संख्या पर ही निर्भर करती है और भीङ की संख्या ज्योतिषी के मूर्ख बनाने की योग्यता पर निर्भर करती है - यह वह जनता है जो सब्जी को फुटपाथ से तथा जूते को शोरुम से खरीदती है इसलिए ज्योतिषी अपने वातानुकुलित दफतर मे बैठकर भविष्यवाणी के रुप मे टुल्लेबाजी का प्रसाद बेचेगें तो वह जूते के भाव मे ही बिकेगा जिसे बेअक्कल व्यक्ति शिरोधार्य करते है। ज्योतिषी ज्योतिष पर विश्वास करने व टोटको मे आस्था श्रद्धा रखने को कहते है जो उनके ठगी के धन्धे के लिए आवश्यक है क्योंकि जब यह विश्वास हो जाए कि ग्रह ही व्यक्ति की वर्तमान स्थिति और भविष्य का कारण है, तभी वह ज्योतिषी के पास जायेगें। अन्धविश्वासी विचारो के कारण ज्योतिषी व्यक्ति के आस्था श्रद्धा और विश्वास का लाभ उठाकर उन्हे ठगते रहते है यदि ज्योतिषी ज्योतिष और टोटको पर आस्था श्रद्धा रखने को नहीं कहेगें तो किसी कार्य व भविष्यवाणी सही न होने की स्थिति मे उन्हे अपने ठगी के धन्धे का बचाव करना मुश्किल हो जायेगा पर व्यक्ति के पूर्णतः अन्धविश्वासी होने के कारण आस्था श्रद्धा धर्म भगवान के नाम पर ही ज्योतिष का धन्धा किया जाता है और ज्योतिष मे भविष्यवाणी सिद्धांत आधारित न होकर व्यक्ति की स्वयं की मूर्खता पर आधारित होती है इसलिए सही हो जाती है जिसके लिए अन्धविश्वासी व्यक्ति की पहचान करनी भी आनी चाहिए - वैसे तो किसी ज्योतिषी के पास भविष्य जानने के लिए जाना ही उसकी सबसे बङी पहचान होती है लेकिन वह मूर्ख बन ही जायेगे इसमे तब तक संदेह रहता है जब तक वह ज्योतिषीयो के मुखार्विंद से दो कान एक नाक दो आंखे जैसी बाते सुनकर ज्योतिषी पर यकीन न कर ले। एक बार विश्वास होने के पश्चात ज्योतिषी अपनी टुल्लेबाजी का पिटारा खोलकर उसे मूर्ख बनाकर आजीवन अपना ग्राहक बनाए रख सकते है - बंधुआ मजदूर की तरह लेकिन मानसिक रुप से, उसी की तरह वह ज्योतिषी के लिए धन भी कमायेगें और उनकी झोली मे स्वेच्छा से डालकर अपने जीवन का सत्यानाश भी करेगें लेकिन अपने इस कर्तव्य का पालन करेगें। यह भी संभव है कि व्यक्ति अनेक ज्योतिषीयो के प्रति अपने धन स्वाहा रुपी कर्तव्य को निभा रहें हो, तब भी चिन्तित होने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि दो बाते आप बतायेगें दो बाते दूसरा ज्योतिषी और दो कोई अन्य इससे व्यक्ति के अन्धविश्वास की डोर और मजबूत होती है जो ठगी के धन्धे के लिए अति आवश्यक है तभी धन्धा फलता फूलता रहेगा। 
भविष्यवाणी का प्रारम्भ इस प्रकार से करें - आपको क्रोध बहुत आता है, बहुत आलसी है, परिश्रम तो करते है परन्तु उतनी सफलता नहीं मिलती, बहुत खर्चीले है, काम होते होते रुक जाते है, भाग्य साथ नहीं देता, योग्यता तो बहुत है पर अवसर नहीं मिला, स्पष्टवादी है, निराशा ही हाथ लगती है, धन की बचत नहीं होती आदि। ज्योतिषी जो भी बताए इस बात का ध्यान अवश्य रखते है कि हर बात के पीछे ग्रह ही कारण हो - उस समय अमुक ग्रह था तब नहीं हुआ इस समय अमुक ग्रह की दशा है आदि - जिससे व्यक्ति को यही लगता है कि सच मे अन्तरिक्ष मे स्थित ग्रह ही हाथ धोकर उन्हीं के पीछे पङे है। भविष्य बताते समय उसे इस प्रकार से बताए - स्वास्थ्य खराब रह सकता है, पेट से सम्बन्धित बीमारियां हो सकती है, आंखो का ध्यान रखे, ग्रह दशा सही नहीं चल रही है इसलिए ऐसा/वैसा हो रहा है, इस दशा/समय मे सब ठीक हो जायेगा, उस दशा मे धन लाभ का योग है, सरकारी नौकरी का योग कम है, अमुक ग्रह से सम्बन्धित वस्तु का व्यापार करे तो लाभ होगा, विवाह के बाद ही भाग्योदय होगा, समय अनुकूल नहीं है आदि। यदि किसी घटना का कोई निश्चित समय भी बताना पङे तब भी कोई समस्या नहीं है निश्चिंत होकर बता सकते है जो दूर की कौङी होगा इसे कोई याद नहीं रखता है व ज्योतिषी ने व्यक्ति द्वारा स्वयं ही बताई गई बात भविष्य के संदर्भ मे दर्शाकर सही बता दी अथवा कोई तुक्का किसी संयोगवश सही लग गया तो वह व्यक्ति के मन मे एक अमिट छाप छोङता है। दूर की कौङी जैसे भविष्यवाणी गलत हो भी गई तो व्यक्ति उसे याद नहीं रखते है न ही उस सम्बन्ध मे ज्योतिषी से प्रश्न करते है यदि किसी ने कर भी दिया तो ज्योतिषी के पास अनेक ग्रह योग/दोष दशा होती है जो किसी को किसी भी समय लगाई जा सकती है और व्यक्ति भी ग्रहों के मारे ही ज्योतिषी के पास जाते है ऐसे मे यह कार्य कितना मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा ज्योतिषी व्यक्ति के द्वारा परोक्ष/अपरोक्ष रुप से दी गई जानकारी के आधार पर व्यक्तिगत भविष्यवाणी भी करते है जो व्यक्ति के भूतकाल वर्तमान समय का विश्लेषण कर की जाती है इस तरह की भविष्यवाणियो से व्यक्ति का ज्योतिष मे और अधिक विश्वास हो जाता है। विवाह नौकरी सन्तान धन विदेश यात्रा व्यापार वाहन आदि से सम्बन्धित प्रश्नो के उतर मे कोई भी समय व्यक्ति की परिस्थिति अनुसार दिया जाना चाहिए जैसे किसी ने सन्तान के बारे मे प्रश्न किया तो जाहिर है एक वर्ष से पूर्व तो होने से रही और यदि किसी तरह की बायोलोजिकल समस्या है वह व्यक्ति बता ही देगें उस आधार कोई समय बता दीजीए समस्या मामूली हो तो अगले वर्ष की किसी दशा अन्तर्दशा मे बता दीजीए - होने पर भविष्यवाणी भी सही हो जायेगी न होने पर अन्य ग्रहो की अङचन तो है ही। इसी तरह ज्योतिषी ने कह दिया कि पेट से सम्बन्धित समस्या रह सकती है, आजकल किसको नहीं रहती है मामूली गैस कब्ज से लेकर हार्निया तक पेट की ही बीमारी है कुछ भी होने पर भविष्यवाणी सही - और ज्योतिष मे पेट अर्थात आन्ते लीवर अमाशय ब्लैडर पिताशय गर्भाशय यहां तक कि गुर्दे भी पेट ही है। ज्योतिषी ने किसी से कह दिया कि सरकारी नौकरी का योग नहीं है और योग्यता न होने के कारण उसे नहीं मिल रही हो तो व्यक्ति यही समझते है कि उनकी कुंडली मे ग्रह स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए उन्हे नौकरी नहीं मिल रही है और तब तक ज्योतिषीयो के चक्कर काटते रहते है जब तक कि किसी ज्योतिषी के बताए टोटके से ग्रह दशा ठीक होकर नौकरी का योग न बना दे या जब तक नौकरी की आयु ही न निकल आए और ऐसे व्यक्तियो की कोई कमी नहीं है जो ग्रहो के द्वारा सताए हुए है उन्ही के कन्धो पर इस ठगी के धन्धे का पूरा दारोमदार है। ज्योतिषीयो ने व्यक्ति के अन्धविश्वास का लाभ उठाकर उनके मन मे ग्रहों के प्रति डर उत्पन्न कर दिया है/जाता है इसलिए एक छींक आने मे भी ग्रहों का हाथ समझते है तो भला नौकरी न मिलने विवाह न होने धन की समस्या होने व्यापार मे घाटा पङने पर ग्रहों द्वारा किया धरा क्यों नहीं समझेगें। ज्योतिषीयो को तो केवल कुंडली देखकर उस ग्रह की पहचान कर उन्हे बताना मात्र है जैसे विवाह न होने की स्थिति मे कह दिया कि - मंगल सातवें भाव मे स्थित होकर मांगलिक दोष बना रहा है और विवाह नहीं होने दे रहा है - इसके बाद व्यक्ति उपाय स्वयं पूछते है और जेब मे पैसे हो तो उसी समय उस मंगल की स्थिति ठीक करवायेगें जिस पर नासा और इसरो को पहुंचने मे ही 10 महीने लग गए तथा इसकी रुपरेखा तैयार करने मे वर्षो लग गए - ज्योतिषी उसकी स्थिति को बस 10 मिनट मे ठीक कर देंगे जिससे मंगल अपना दोष समाप्त होकर विवाह करवा देगा ? सब ठगी का धन्धा है समझ जाइए अभी भी वक्त है मंगल को ठीक करने की बजाय अपना दिमाग ठीक करिए वरना एक दिन कई मंगल केतु शनि राहु कुंडली मे स्थित होगें जो वास्तव मे आकाश मे कहीं स्थित होगें और कुंडली मे किसी और भाव में - हांलाकि स्थिति अभी भी यही है - और आप बेवकूफ बनते रहेगें।
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