Thursday, September 5, 2013

लग्न और कैरियर

ज्योतिष विद्या में 12 राशियों और 12 लग्नों की चर्चा है, इनमें भारतीय विधान से बनी कुंडली राशि और लग्न की जानकारी देती है, अब अगर आपको अपने लग्न की जानकारी होगी तो आप तय कर तकते हैं कि कौन सी नौकरी या कौन सा व्यापार आपको फलदायी होगा। यहां प्रत्येक लग्न के अनुसार नौकरी और व्यवसाय की चर्चा की जा रही है। आप भी देखें और जाने अपने व्यवसाय और नौकरी के बारे में।
मेष लग्न- मेष लग्न में जन्म लेने वाले. जातक कई तरह के कार्यों में सफल हो सकते हैं। मेष लग्न हो और मंगल प्रभावशाली होकर शुभ प्रभाव देने वाले हों तो जातक वर्दी वाली नौकरी (मसलन पुलिस या सेना में) सफल होता है। इसके अलावा एनसीसी, स्काउट, चिकित्सक, वकालत सहित ड्राइविंग की नौकरी में भी सफलता मिलती है, व्यवसाय कृषि, खेल, खनिज द्रव्य, औषधियां, अनुसंधान, शोध, अन्वेषण, भवन निर्माण और इससे संबंधित सामानों का व्यवसाय मेष लग्न वाले जातक के लिए फलदायी होते हैं।
वृष लग्न- वृष लग्न वाले जातक शुक्र से अत्यधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे जातक आमतौर पर विलासिता से जुड़े संस्थानों में नौकरी करते हैं, अथवा स्वतंत्र रूप से अभिनेता गायक, वादक, स्वर विशेषज्ञ, संगीतज्ञ, नर्तक, कलाकृति, निर्माता ज्योतिष, कवि, लेखक साहित्यकार, सट्टा बैंकर आदि के रूप में स्थापित होता है, साथ ही बैंक में नौकरी, स्टॉक एक्सचेंज में नौकरी, दुग्ध व्यवसाय, रेडीमेड वस्त्र, सुगंधित पदार्थों, कॉस्मेटिक्स, रंग, रसायन आदि का व्यवसाय में भी वृष लग्न के व्यक्ति सफल हो सकते हैं।
मिथुन लग्न- मिथुन लग्न वाले जातक बुद्धिमान होते हैं और ये बुद्धि से जुड़ा व्यवसाय या नौकरी में अधिक सफल होते हैं। मसलन अनुसंधानकर्ता, सहायक, संपादक, व्याख्याता, दलाल व पीए या सचिव को नौकरी इन्हें ज्यादा सफलता देती है। इसके साथ ही मैकेनिक, ज्योतिष, खगोलशास्त्र, चार्टड एकाउंटेंट आदि का काम भी इनके लिए फलित होता है। ठेकेदारी, शिक्षण, प्रशिक्षण, गुप्तचरी, रेडियो, टीवी, प्रकाशन, टेलीफोन, टेलीग्राफ, दूध, घी, ऊन, कनफेक्शनरी, मिठाई आदि का व्यवसाय लाभकारी होता है।
कर्क लग्न- कर्क लग्न के व्यक्ति के व्यवसाय में स्थिरता नहीं रहती है। उतार-चढ़ाव और बदलाव निश्चित है। नौकरी भी लगातार बदलती रहती है। बावजूद इसके ऐसे व्यक्ति जज, वकील, जेलर, नौसेना, आदि के क्षेत्र में नौकरी में सफलता अर्जित करते हैं। इसके अतिरिक्त जल से जुड़ा, लांड्री, डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, होटल, व्यवसाय सिंचाई, बागवानी, फल-फूल आदि के व्यवसाय में सफलता मिलती है।
सिंह लग्न- सिंह लग्न के लोग अक्सर नौकरी नहीं करते हैं और अगर करते भी हैं तो प्रशासनिक या व्यवस्थापक की नौकरी ही इन्हें मिलती है, हां कई तरह के व्यवसाय इन्हें जरूर सफल बनाता है। इंजीनियर, पेट्रोलियम, भवन निर्माण, डॉक्टर, ठेकेदार, नकली आभूषणों, खिलौना, कृषि या कृषि से संबंधित पशुपालन, हड्डियों से जुड़ा व्यवसाय या दवाई का व्यवसाय सिंह लग्न के जातकों के लिए बेहतर होता है।
कन्या लग्न- कन्या लग्न के जातक का व्यवसाय या पेशा भी बुध से प्रभावित होता है। मसलन कला, अभिनय, गणित, लेखन, ज्योतिष, साहित्य, अध्यापन, प्रशिक्षण, कम्प्यूटर, कमीशन कार्य, पत्रकारिता, राजनीति, फोटोग्राफी, मिष्ठान आदि का व्यवसाय कन्या लग्न के जातक को फेवर करता है।
तुला लग्न- तुला लग्न के जातकों के लिए दशम् भाव का स्वामी चंद्र होता है। इसलिए ऐसे जातकों का व्यवसाय चंद्रमा से प्रभावित होता है। आमतौर पर ऐसे जातक चांदी, ज्वेलरी, मणि, माणिक्य, वस्त्र, मिल, घी, तिल अथवा तेल, किराना, अनाज दवाई, आयात-निर्यात आदि से संबंधित व्यवसाय में सफल होता है। कभी-कभी वह स्कूल या शिक्षण कर्म में भी सफल होते देखे गए हैं। नौकरी में प्रखंड कार्यालय, प्लांट्स ऑफिसर, नेवी, नाविक, तैराकी, वन विभाग या राज्य से संबंधित विभागों में भी नौकरी मिल सकती है।
वृश्चिक- वृश्चिक लग्न के जातक आक्रामक स्वभाव के अहंकारी होते हैं। अत: नौकरी में वह ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाते हैं, लेकिन सूर्य अगर अनुकूल होता है तो सेक्रेट्री, मजिस्ट्रेट, मंत्री, प्रधानमंत्री, सांसद, राष्ट्रपति सहित इंजीनियर और राजदूत तक बना देता है। किसी प्राइवेट कंपनियों में व्यवस्थापक की नौकरी देता है। व्यवसाय में स्वर्ण व्यवसाय, ऊन, औषधि, शस्त्रादि, लकड़ी, ठेकेदारी, फोटोग्राफी अथवा विद्युत संबंधित व्यवसाय में वृश्चिक लग्न के लोगों को अपेक्षाकृत अधिक सफलता मिलती है।
धनु लग्न- धनु लग्न के जातकों के लिए कसीदाकारी, कबाड़ या प्राचीन वस्तुओं का व्यापार, घी का व्यापार, कंप्यूटर अथवा खेल आदि से संबंधित व्यापार ज्यादा शुभ होता है। पुस्तक या प्रकाशन का धंधा भी इन्हें लाभ पहुंचाते हैं। इन्हें पुरातत्व विभाग, बैंकिंग, पुस्तकालय, एकाउंटेंसी, इनकम टैक्स, डाक-तार विभाग, शेयर आदि क्षेत्रों में नौकरी मिलती है। इसके अतिरिक्त ज्योतिष अथवा हस्तरेखा के क्षेत्र में भी सफलता मिलती है।
मकर लग्न- मकर लग्न के जातक अक्सर लिखने-पढ़ने, पत्रारिता, न्यायाधीश, चिंतक, प्रोफेसर, संपादक, पुरात्तव विभाग के सहायक, हड्डियों के विशेषज्ञ के रूप में सफल होता है। इसके अतिरिक्त साबुन-सोडा अथवा इत्र, अगरबत्ती, पशुधन, शराब, फिल्म, फर्नीचर, हीरे आदि का व्यापारी बनता है। साथ ही लेन-देन के व्यापार में भी वह सफल होता है।
कुंभ लग्न- कुंभ लग्न के लोग अक्सर लंबे छरहरे और स्वस्थ्य होते हैं। ऐसे जातक को फौज, सेना, पुलिस, डॉक्टर सहित कृषि पालन और भूगर्भ विज्ञान से संबंधित नौकरी अधिक मिलती है। ऐसे जातक अक्सर ताम्र, पारे, ठेकेदारी, प्रॉपर्टी डीलिंग, कंस्ट्रक्शन, मेडिसीन अथवा पशुपालन और कृषि व्यापार में सफल होता है।
मीन लग्न- मीन लग्न के जातकों का लग्नेश और दशमेश दोनों ही गुरु होते हैं, हालाकिं ऐसे जातकों का गुरु केंद्रेश दोष से पीड़ित होते हैं, फिर भी इनका व्यवसाय अथवा इनकी नौकरी गुरु से ही नियंत्रित होती है। यह और बात है कि दशमस्थ ग्रहों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। वैसे मीन लग्न के जातक प्रकाशन, स्कूल या शिक्षा से संबंधित व्यवसाय में विशेष सफलता हासिल करते हैं। घड़ी, टेलीविजन, इत्र, तेल, चंदन, अच्छे कपड़े, पीली वस्तु सहित घी और फलों का व्यापार भी मीन लग्न के लोगों के लि फलदायी होता है।
ऐसे जातक प्रकाशक, जज, लेखक, सलाहकार, शिक्षक, प्रोफेसर, नेतृत्व प्रधान कार्य अथवा वेद पाठन कार्यों की नौकरी मलिती है।

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