Friday, October 31, 2014

शनि का राशि परिवर्तन : जानिए 12 राशियों पर प्रभाव

शनि अपनी उच्च राशि तुला से राशि परिवर्तन कर 2 नवंबर से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं। शनि वृश्चिक राशि में ढाई साल तक रहेंगे। शनि का राशि परिवर्तन : जानिए 12 राशियों पर प्रभाव

मेष- मेष राशि वाले जातकों को शनि के प्रभाव से अपने प्रियजनों से दूरी (वियोग) का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक परेशानी के साथ शारीरिक परेशानी रहेगी। 
वृषभ- मित्रों से मनमुटाव की स्थिति सकती है, पत्नी से परेशानी वाद-विवाद की स्थिति रहेगी। दोनों को स्वास्थ्य सबंधी कष्ट रहेगा। विचारों में संकीर्णता आएगी एवं क्रोधी स्वभाव रहेगा। 
मिथुन- मिथुन राशि वालों के लिए शनि का परिवर्तन शुभ रहेगा। शत्रु पर विजय प्राप्त होगी। किसान वर्ग को गाय-भैंस का सुख मिलेगा। मामा पक्ष के लिए अशुभ रहेगा। 
कर्क- संतान की चिंता बढ़ेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। अपने वालों से भी बैर वाला व्यवहार रहेगा। धर्म के प्रति आस्था कम होगी। धन व बुद्धि चंचल रहेगी। 
सिंह- स्वजनों से कलंकित हो सकते हैं, साथ ही पिता का घर छूट सकता है। वात रोग से परेशान हो सकते हैं। व्यापार ठीक रहेगा। 
कन्या- सत्कार एवं सम्मान मिलेगा, परंतु प्रसन्नता नहीं होगी। महत्वाकांक्षा बढ़ती जाएगी। सोचे हुए कार्य देरी से होंगे। 
तुला- विदेश यात्रा के प्रबल योग बनेंगे, साथ ही अनेक प्रकार के सुख प्राप्त होंगे। मित्रों एवं स्वजनों के प्रति कटुभाषी हो सकते हैं, ध्यान देना होगा। 
वृश्चिक- आर्थिक सुख प्राप्त होगा। लालच वाला स्वभाव हो सकता है। नेत्र सबंधी तकलीफ आ सकती है। शारीरिक कमजोरी रहेगी। विपक्ष पर विजय प्राप्त होगी। 
धनु- शनि विदेश यात्रा कराएगा। व्यापार कमजोर हो सकता है। नेत्र में तकलीफ हो सकती है। शनि आपको कर्तव्यशील बनाएगा। 
मकर- मकर के लिए लाभप्रद रहेगा। आर्थिक लाभ में स्थिरता आएगी, साथ ही मन स्थिर होगा। शारीरिक सुख प्राप्त होगा। संतान सुख मिलेगा। 
कुंभ- सुख की धीरे-धीरे प्राप्ति होगी। कार्य सोच समझ कर करें। माता-पिता पर कष्ट आ सकता है।

मीन- स्वभाव में गंभीरता आएगी। स्त्री के प्रति लगाव में कमी आ सकती है। किसी के कहने में न आएं। संन्यासी जैसे विचार हो सकते हैं। व्यापार में हानि हो सकती है।

Thursday, October 30, 2014

कुंडली में ग्रहों की दशा बदलते हैं

इस तरह से बदलते हैं कुंडली में ग्रहों की दशा
- केसर या चन्दन की तिलक लगाने से बृहस्पति पहले भाव का फल देने लग जाता है और गुरू उसके जीवन में शुभ ग्रह का असर देने लगता है।
- यदि किसी ग्रह की वस्तु मंदिर में या दान में दे दी जाए तो संबंधित ग्रह दूसरे भाव का फल देने लग जाता है। मान लीजिए आपका सूर्य कुंडली के दूसरे घर में न होकर अन्यत्र किसी भाव में है तो सूर्य की वस्तु मंदिर में दान देने से वह दूसरे भाव का शुभ फल देना शुरू कर देता है।
- हाथ में ग्रह से संबंधित रंग का धागा बांधने से ग्रह तीसरे भाव का फल देना शुरू कर देता है।
- खराब ग्रह की वस्तु नदी में प्रवाहित करने से वह चौथे घर का शुभ फल देने लगता है।
- संबंधित ग्रह की वस्तु शिक्षण स्थान पर देने से पांचवें घर का शुभ असर मिलने लगता है।
- खराब ग्रह की वस्तु कुंए में डालने से वह छठें भाव का शिफ्ट होकर वहां शुभ असर देने लगता है।
- खराब ग्रह की वस्तु जमीन में दबाने पर ग्रह सातवें भाव का फल देता है।
- श्मशान में किसी ग्रह से संबंधित वस्तु के रखने या दबाने पर वह ग्रह आठवें घर का शुभ फल देता है।
- ग्रह से संबंधित रत्न या वस्तु को शरीर पर पहनने से वह नौंवे भाव में चला जाता है और अपना शुभ प्रभाव दिखाता है।
- सरकारी संस्थान में जिस भी ग्रह या भाव की वस्तु रखी जाएगी वह दसवें भाव का शुभ फल देना शुरू कर देगा।
- 11वें भाव में यह उपाय काम नहीं करते हैं परन्तु इसके लिए संबंधित ग्रह के अन्य उपाय करने पड़ते हैं अथवा अन्य ग्रहों को शक्तिशाली बनाकर उनसे पॉजीटिव असर प्राप्त किया जाता है।
- ग्रह की वस्तु छत पर डालने से वह 12वें भाव के अशुभ फल को शुभ कर देता है।
लाल किताब के उपाय के लिए आवश्यक सावधानी
लाल किताब के उपाय पूर्णतया विधि संगत तथा तांत्रिक हैं। बिना विशेषज्ञ पंडित की सलाह के लाल किताब के उपाय करने पर अर्थ का अनर्थ हो सकता है और अच्छा भला चल रहा जीवन पूरी तरह पटरी से उतर भी सकता है। -

24 घंटे में भाग्य बदलते हैं लाल किताब के उपाय ,जानिए कैसे बदलते हैं कुंडली में ग्रहों की दशा..
यहाँ पढ़िए :- http://www.patrika.com/article/use-lal-kitab-tips-to-change-your-destiny-immediately/49977

दोस्त


शनि 2 नवम्बर की रात 8.55 पर ग्रह बदलेगा चाल

राजनीति व प्रजातंत्र का कारक ग्रह
शनि 2 नवम्बर की रात 8.55 पर ग्रह बदलेगा चाल
अपनी उच्च राशि तुला को छोड़कर शत्रु राशि वृश्चिक में प्रवेश कर 26 जनवरी 2017 तक यही रहेगा। 30 वर्ष पहले 20 दिसम्बर 1984 को शनि वृश्चिक राशि में आया था।
तुला राशि के लिए कारक शनिदेव विकास के मार्ग प्रशस्त करेगा। विलम्बित कार्यो व योजनाओं को सुचारू करेगा।

आगे 29 वर्ष बाद 10 दिसम्बर 2043 को आएंगा। शनि का शत्रु राशि में प्रवेश सामान्य फलदायी रहेगा। साथ ही जल तत्व की राशि में विचरण समुद्री तटों व जलीय क्षेत्र में जल विप्लव से जन-धन की हानि करने वाला हो सकता है। वैसे शनि के 5 दिसम्बर 2014 तक अस्त रहने से इसका दुष्प्रभाव कम रहेगा।
राशियों पर रहेगा यह प्रभाव

राशि - पाया - फल

मेष, कन्या, कुंभ - सोना - दौड़धूप की अधिकता रहेगी, इसलिए स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
वृष, सिंह, धनु - तांबा - मिले-जुले सामान्यफल की प्राप्ति हो पाएगी। इसलिए शान्ति बनाए रखें।
मिथुन, तुला, मकर - चांदी - मान-सम्मान के साथ, सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के अवसर मिलेंगे। अवसर हाथ से नहीं जाने दें।
कर्क, वृश्चिक, मीन - लोहा - शारीरिक कष्ट तो होगा परन्तु उन्नति व धन प्राप्ति के अवसर भी प्राप्त होंगे।

Sunday, October 5, 2014

ग्रह उपाय

अगर आपके ग्रह नीच मन्दे या शत्रु ग्रहो के साथ बैठे हो तो बिना किसी भी ज्योतिषीय प्रारमश के निम्नलिखित उपाय करने से फायदा लिया जा सकता है :-
१. सूर्य का अच्छा प्रभाव - समाज मे मान-सम्मान, नौकरी व काम-काज की जगह स्थिरता पिता को कोई तकलीफ नहीं होती धैर्यवान, काम-काज मे अच्छा, सरकार मे अच्छा दखल होता है। सरकार की ओर से कोई नोटिस या सम्मन आदि नहीं आते। सरकारी अफ़्फ्सरो का सहयोग मिलता है।
अगर आपके साथ एसा है तो सूर्य अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो उपाय करे पिता की सेवा करे उन्हे सम्मान दें। उनके पांव-हाथ लगाकर आशीर्वाद ले, सूर्य को जल दे, विष्णु पूजा करे सरकार के खिलाफ कोई कार्य न करें, मीठा खा कर काम पर जाए गेंहु, बाजरा या जल प्रवाह करें।
२. चन्द्रमा का अच्छा प्रभाव - मां का जीवन सुखों से परिपूर्ण व ऐश्वर्यशाली रहेगा उनके जीवन मे कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी। मां, दादी, नानी व मोशियो को भी भरपूर सुख, अच्छे चन्द्रमा वाला व्यक्ति इन सबका लाडला होता है व इनके द्वारा ऐसे व्यक्ति को धन-सम्पत्ति प्राप्त होती है। घर व मन मे पूरी शांति और बर्कत रहती है रूपया पैसा और प्रोपटी भी खुब रहती है । सभी एक-दूसरे को प्यार और सम्मान से देखते हैं। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हो रहा है तो निम्नलिखित उपाय कार्स मां, दादी का कहना माने, सेवा करे, पांव-हांथ लगाए, बुजुर्ग और विधवा औरतो की मदद करे उनके भी पांव हाथ लगाये घर आए को हो सके तो पानी की जगह दूध पिलाए नर्म व्यवहार रखे, सात्विक जीवन जिए चांदी का चौकोर टुकड़ा गले मे डाले ज्यादा से ज्यादा चांदी धारण करे गंगा जल भरपूर मात्रा मे घर मे रखे, मन्दिर मे दूध और चावल देते रहे चावल को घर में स्टोक करें
३. मंगल- मंगल का शुभ प्रभाव भाएयो और दोस्तो का भरपूर प्यार व आदर मिलता है। भाई व मित्र मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। व ऐसे व्यक्ति की हर मुसीबत मे साथ देते हैं। ऐसे व्यक्ति की कार्य क्षमता बहुत अच्छी होती है। हर काम को आसानी से धैर्य के साथ पूरा करता है। घर मे मंगल कार्य (पार्टी फंक्षन, पूजा-पाठ आदि) होते रहते हैं। शादी व्याह सही उम्र मे होते हैं। कम उम्र मे तरक्की होनी शुरू हो जाती है २८ साल से करोबार या नौकरी मे उचाई आनी शुरू हो जाती है और ३३ साल की उम्र तक अच्छी उचाई मिल जाती है। अगर आपके साथ एसा नहीं हो रहा है तो मंगल को ठीक करने के लिए सरल व आसान उपाय करे भाई और मित्रो से प्रेम करे, उन्हे सम्मान दे, उनके साथ मीठा भोजन ग्रहण करे उन्हे पार्टी दे, उनकी ग़लतीओ को क्षमा करते रहे, हनुमान उपासना करे, मंगलवार को मीठा प्रसाद बांटे, शहद, सौंफ, छुहारे घर पर न रखे ४३ दिन गुड़ की मीठी तन्दूर की ८ रोटी रोज कुत्ते और कोआ को डाले बड के पेड़ पर कच्ची लस्सी (दूध, पानी, चीनी) चढ़ाकर गीली मिट्टी का टीका लगाए दक्षिण मुखी मकान मे न रहे
४. बुध - बुध नहीं तो कुछ नहीं, कारण हमारे शरीर के नसो और बुद्धि, विवेक का मालिक बुध है इनके अच्छे फल इस प्रकार हैं। बुआ बहन बेटी का जीवन सुखमय रहता है व आपस मे भरपूर प्रेम बना रहता है। व्यापार की अच्छी बुद्धि होती है। कम मेहनत मे ज्यादा कमाई करवाते हैं ऐसे व्यक्ति को नसो मे किसी प्रकार का रोग नहीं होता, तर्क शक्ति अच्छी रहती है पढ़ाई लिखाई भी अच्छी रहती है। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हो रहा है तो बहुत ही सरल से कुछ उपाय करके बुध का अच्छा प्रभाव लिया जा सकता है।
बुध के सामान तुलसी, रबड़ का पेड़, मनी प्लाट, केले का पेड़ इसके अलावा चौड़े पत्ते के पेड़ घर से दूर करे हरे कपड़े व अन्य सामान से दूरी रखे शंख, कौड़ी, सीप, गाने-बजाने के सामान (ढ़ोलक, सितार, गिटार) आदि घर पर न रखे भगवान की मुर्तियां न रखें तस्वीरों की पुजा करें ।
कोई भी पक्षी न पाले खास तौर से कबूतर, तोता। बकरी भी न पाले
बकरी का मांस, अण्डा से भी परहेज करे, मंूग की दाल से भी बचाव करे, साबुत मुंग घर पर न लाए, बल्कि फिटकरी के पानी मे साबुत मुंग भिगोकर रात को सिरहाने रख कर सोये और सुबह पक्षियो को डाले, दुर्गा पूजा करे, बहन-बेटी को सम्मान करे, वे जब भी घर आए उन्हे कुछ न कुछ देकर विदा करें।
छोटी-छोटी कननयाओ का पूजन करे, बकरी का दान करे
५. वृहस्पति - देवताओ के गुरू वृहस्पति उच्च हों तो सुख-वैभव, ऐश्वर्य, सम्पन्नता देते हैं। बcचो को दादा का भरपूर साथ व प्यार मिलता है। रूपये-पैसे की कोई कमी नहीं रहती। परिवार के लोग समझदार व बडो का सम्मान करने वाले होते हैं। एसे परिवार में रीति-रिवाज पूरी लगन से निभाऐ जाते हैं। घर का माहौल ऐश्वर्यपूर्ण के साथ आध्यात्मिक, पूजा-पाठ वाला भी होता है बच्चो की पढाई लिखाई बिगर रूकावट के पुरी हो जाती है।
लेकिन अगर आपके साथ एसा नहीं हो रहा है तो कुछ साधारण से उपाय करे चने की दाल मंदिर मे रखें, कुल पुरोहित को न बदले ! बदल चुके हैं तो क्षमा प्रार्थना करले साधू संन्यासीओ का सम्मान करे, दान-पुन्य करते रहे, केसर का टीका लगवाए, पीपल की सेवा करे, जल चड़ाए, बुजुर्गों के पांव-हांथ लगाकर आशीर्वाद लें। गले मे सोना पहनें पूर्वाजो के श्राद्ध कर्म आदि पूरी निष्ठा से करे
६. शुक्र - माता लक्ष्मी का स्वरूप शुक्र अगर शुक्र अच्छे होंगे तो बुद्धि (बुध) भी अच्छी होगी। अच्छा व सुन्दर जीवन साथी शरीर मे भरपूर जोश, विस्तर का भरपूर आनन्द, चाव, उमंग पूरे, घूमने-फिरने का शौकीन, हर प्रकार का लक्जरी सामान घर मे पति-पत्नि का मधुर सम्बन्ध साफ-सुथरा घर और हर प्रकार का शौक मौज का सामान घर मे!
अगर नहीं है तो मात्र कुछ सरल से उपाय करके शुक्र के अच्छे फल लिए जा सकते हैं। सुबह सही समय पर विस्तर छोड़े, नहा धो कर साफ कपड़े, प्रेस किए पहनें, डिओ, परफ्यूम का इस्तेमाल करे, पत्नि का आदर मान करे, उसे खुश रखे, उसे सौन्दर्य प्र्वावधान उपहार स्वरूप दे, लक्ष्मी पूजन करे, काले और नीले रंग के कपड़े और अन्य सामान से दूरी रखे, उच्च चरित्र का पालन करे, गाय की सेवा करे हरी चरी और ज्वार गाय को खिलाए!
७. शनि - अगर शनि अच्छे हों तो धरती पर ही स्वर्ग की अनुभूति होती है, स्वस्थ्य शरीर, शनि के अच्छे होने से शुक्र अच्छे यानी जीवन साथी का अच्छा सुख, शौक-मौज के पूरे सुख। अपने लिए दूसरे काम करते हैं। मतलब नौकर-चाकर और नौकर-चाकर भी ईमानदार मिलते हैं। मालिक के प्रति पूर्ण समर्पित होकर सेवा करते हैं, मकान भी एक से ज्यादा बनते हैं, जीवन साथी पूरी सर्पोट करता है। साथ ही पूरे परिवार मे किसी को कोई बड़ी मुसीबत नहीं होती, कम मेहनत मे ही पूरा लाभ मिलता है। अगर आपकी कुंडली मे शनि मंदे, नीच होंगे तो ऐसा नहीं होगा, उस समय उपाय करे साल की उम्र से पहले मकान न बनाए और न ही तोड़-फोड़ करे चाचा की सेवा करे उन्हे मान-सम्मान दे उनके पांव पर हाथ लगाकर आशीर्वाद ले! साल में ४-५ बार शनि के सामान (चमड़े की जूती, लोहे का तवा चिमटा आदि) सादु महात्मा को दान करे! मज़दूरो से बुरा व्यवहार न करे उनकी मदद करे! ईमानदारी का जीवन जिए! आचरण को ठीक रखे कोआ को खाना डाले तेल का छाया पात्र दान करे पत्थर वाला कोयला मन्दिर या गुरूद्वारे के भण्डारे मे दान करें।
८. राहु - अच्छे तो हर कार्य आसानी से पूरे हो जाते हैं जीवन मे कोई बड़ी अड़चन नहीं आती, हाजिर जवाब, अच्छा सलाहकार बनाते हैं। सभी मुसीबतांे का हल आसानी से निकालने वाला, सभी प्रकार के पूरे सुख, अच्छा औहदा, सरकार मे भी अच्छी दखल, पूरा मान-सम्मान अच्छी प्रतिष्ठा।
अच्छा सूर्य से जो गुण किसी व्यक्ति को मिलते हैं उससे भी ज्यादा गुण अच्छा राहु देता है। अगर आपको राहु ग्रह का अच्छा प्रभाव नहीं मिल रहा है तो निम्नलिखित उपाय करके फायदा उठाया जा सकता है।
किसी भी प्रकार का कबाड़ (बन्द घड़ियां, खोटे सिक्के, बिजली का खराब सामान आदि) घर पर न रखे, छत को साफ रखे, सीडीओ पर कोई सामान न रखे! उन्हे रोज साफ करे, ससुराल से बना कर रखे, उनका आदर-मान करे काले नीले कपड़े व अन्य सामान, नील, तेजाब, बारिश की भीगी लकड़ी, जंग लगा लोहा आदि सामान से दूर रहे! छत को हमेशा साफ रखे!
बजन के बराबर कच्चा कोयला जल प्रवाह करें। जौ दूध मे धो कर जल प्रवाह करे सूर्य की पूजा करे, गेहूं का स्टॉक घर पर करे!
९. केतु- दुनिया जहान मे बच्चो तो सभी जिवो के सुन्दर होते हैं पर कुत्ते और गधे के बच्चे ज्यादा सुन्दर होते हैं जो कि पूर्ण केतु होते हैं।
केतु किसी की कुंडली मे शुभ हो तो निम्नलिखित लक्षण होंगे आपकी कीर्ति चारो तरफ होगी। बेटे व बहनोई का भरपूर सुख मिलेगा बेटे आज्ञाकारी होते हैं सेवा भी करते हैं। घर पर धर्मपत्नी भी अच्छी प्रकार से रहती है। जीवन भर उचाई मिलती रहती है जो टारगेट लोग सोंच भी नहीं सकते जिसके केतु अच्छे हों तो उसके टारगेट तक जरूर पहुंचाते हैं। एसा व्यक्ति अगर राजनैतिक चुनाव लड़े तो निर्वाचित होता है। जो झण्डा एम.एल.ए., एम.पी. या मंत्रियांे की गाड़ियांे और कोठियांे पर लहराता है वह केतु देवकी मेहरबानी के बिना नहीं हो सकता।
औलाद का पूर्ण प्रेम सम्मान व अएशोआरम जीवन व्यतीत होता है जिन्दगी मंे कोई बड़ी परेशानी नहीं आती। अपने जीवन मे ही अपनी सन्तान को उचाई पर पहुंचते हुए देखते हैं।
अगर आपके साथ ऐसा नहीं हो रहा है तो थोड़े से उपाय करके फायदा उठाया जा सकता है। काला-सफेद कम्बल मंदिर मे दे, कानो! मे सोना पहनें, कुत्ता पाले, सेवा करे! केसर का टीका लगाऐं।
नौकरी मे गड़बड़ हो तो ४३ दिन तक एक झण्डा रोज (जो घर पर ही बनाए और उसमे गोटा-किनारी लगाए) मंदिर की छत पर लगे
जोड़ो में दर्द हो तो पैर के अंगूठे मे सफेद रेशमी धागा बांदे!