Wednesday, October 16, 2013

REGAR SAMAJ

1. स्वामी ज्ञानस्वरूपजी महाराज 
(अ). रैगर समाज के पहले महात्मा थे जिनको सन् 1986 में भारत के तात्कालिन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह द्वारा ‘रैगर रत्न’ तथा सन् 1988 में सनातन धर्म प्रतिनिधि सम्मेलन दिल्ली में तात्कालीन उप राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने ‘धर्मगुरू’ की उपाधि से विभूषित किया ।
(ब). स्वामी ज्ञानस्वरूपजी महाराज की अध्यक्षता में गठित ‘जागृत पत्र प्रकाशन समिति- 'दिल्ली’ के तत्वाधान में रैगर समाज का पहला मासिक समाचार पत्र ‘जागृति’ 2 अक्टूबर 1948 को दिल्ली से प्रकाशित हुआ था ।
2. श्री नवल प्रभाकर : दिल्ली
रैगर समाज के पहले सांसद, जिन्होंने 1952 में करोल बाग, दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीता ।
3. श्रीमती सुन्दरवती नवल प्रभाकर : दिल्ली
रैगर समाज की पहली महिला सांसद, जिन्होंने 1972 में करोल बाग, दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीती ।
4. श्री धर्मदास शास्त्री : दिल्ली
रैगर समाज के पहले सांसद जिन्होंने भारत की तात्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गॉंधी को सन् 1948 में तथा तात्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह को सन् 1986 में रैगर समाज के बीच में लाकर समाज से अवगत कराया और विश्व स्तर पर रैगर समाज को पहचान दिलाई ।
5. श्री भंवरलाल नवल : छोटी खाटू (नागौर) राजस्थान, हाल प्रवासी अमेरिका
(अ). रैगर समाज के पहले दानवीर सेठ जिन्होंने लगभग 1400 जोड़ों के समाज एवं अन्य समाजों के सामूहिक विवाह अपने समस्त खर्चे से सम्पन्न करवाए । एक ही व्यक्ति द्वारा इतने सामूहिक विवाह सम्पन्न करवाने का सम्भवत: यह पहला विश्व रिकार्ड है, जो भारत एवं रैगर समाज के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखने योग्य है । 
(ब). रैगर समाज के पहले दानदाता तथा समाजसेवी है जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और अकाल राहत, गरीबों की सहायता पर करोडों रूपये खर्च किए है ।
6. श्री छोगालाल कंवरिया : राजस्थान
रैगर समाज के पहले व्यक्ति जो प्रदेश मंत्रीमण्डल में केबीनेट मंत्री बने । दिनांक 19.01.1981 से 16.10.1982 तक आप राजस्थान सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रहे ।
7. श्रीमती मीरां कंवरिया : दिल्ली
पहली रैगर महिला जो दिल्ली नगर निगम की (1997-2000) महापौर रही ।
8. श्रीमती आनन्दीदेवी जेलिया : कोटा (राज. )
पहली रैगर महिला विधायक जो द्विवीय राजस्थान विधान सभा (1957-1962) में बारां (सु. ) से राजस्थान विधान सभा की सदस्य चुनी गई ।
9. श्री विनोद जाजोरिया : दिल्ली
रैगर समाज का पहले IAS (1967)
10. श्री यादराम धूडि़या : दिल्ली
रैगर समाज का पहले IPS (1965)
11. श्री श्रवण कुमार दास : राजस्थान
पहले रैगर IPS जो किसी प्रदेश का महानिदेशक पुलिस (डी.जी.पी. ) बना । दिसम्बर, 2003 से 31 मार्च, 2005 तक श्री दास मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे ।
12. श्री चिरंजीलाल बाकोलिया : दिल्ली 
भारतीय राजस्व सेवा (1967) के श्री चिरंजीलाल बाकोलिया को रैगर समाज का पहले आयकर आयुक्त होने का सौभाग्य मिला ।
13. श्री आर.पी. नीडर : दिवराला (राजस्थान) 
रैगर समाज का पहले RAS (1973)
14. श्री चन्दनमल नवल : जोधपुर (राज. )
(अ). रैगर समाज का पहले RPS (1977) उप अधीक्षक पुलिस, 1977 तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक 1984
(ब). रैगर समाज का पहले पुलिस अधिकारी जिसे वर्ष 1992-93 में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरों, गृहमंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘पं. गोविन्द वल्लभ पंत पुरस्कार’ (प्रशस्ति पत्र के साथ रू.7000/- नकद) प्रदान किया गया । यह पुलिस से सम्बंधित विषयों पर हिन्दी में लेखन पर दिया जाने वाला सर्वोच्य राष्ट्रीय पुरस्कार है ।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष 1994 में ‘डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया ।
15. श्री रूद्रदेव शक्करवाल : दिल्ली
रैगर समाज का पहले इंजीनियर स्नातक जिसने सन् 1959 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की ।
16. श्री सुगनचन्द सिंगाडि़या : जैतारण (राज. )
पहले रैगर जो प्रदेश लोक सेवा आयोग का सदस्य रहा । श्री सिंगाडि़या सन् 1986 में छ: वर्ष के लिए राजस्थान लोक सेवा अयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था ।
17. श्री नवल किशोर निडर : जयपुर (राज. )
पहले रैगर जो वकील बने ।
18. श्री भोलाराम तोंणगरिया : हैदराबाद सिंध
(अ). पहले रैगर जो स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व सिंध हैदराबाद (पाकिस्तान) में म्युनिसिपल कमीशनर रहे ।
(ब). अखिल भारतीय रैगर महासभा के पहले प्रधान (1944) बने ।
19. श्री जसपतराय गिरधर : दिल्ली
रैगर समाज में सबसे पहले मैट्रिक पास श्री जसपतराय गिरधर ने की थी ।
20. अनिता बाकोलिया : देवदर (सिरोही)
पहली रैगर महिला जो जिला प्रमुख बनी । वर्ष 2000-05 में सिरोही की जिला प्रमुख रही है । अनिता बाकोलिया स्व. छोगाराम बाकोलिया पूर्व मंत्री की सुपुत्री है ।
21. श्री कज्जूलाल जाजोरिया : जोबनेर (जयपुर)
रैगर समाज के पहले व्यक्ति जो नगरपालिका का चेयरमेन बने । श्री कज्जूलाल जाजोरिया वर्ष 1964 में जोबनेर नगरपालिका के चैयरमेन चुने गये थे । (सरदार शहर नगरपालिका अध्यक्ष का कार्यभार सन् 1958 में महेशभाई बंशीवाल के पास रहा मगर वे चुने हुए अध्यक्ष नहीं थे ।)
22. श्रीमती दमयंति बाकोलिया : जयपुर
पहली रैगर महिला जो राज्य महिला आयोग की सदस्य रही । वर्ष 2003-06 में श्रीमती दयमंति बाकोलिया को राजस्थान महिला आयोग की सदस्य नियुक्त की गई थी ।
23. श्रीमती कांतादेवी वर्मा : इन्दौर (मध्य प्रदेश)
पहली रैगर महिला सम्पादक जिसने 1993 में ‘’रैगर उत्थान’’ समाचार पत्र का प्रकाशन इन्दौर से शुरू किया था ।
24. श्रीमती सीता कांसोटिया : कुचामन शहर (नागौर)
रैगर समाज की पहली महिला RPS (उप अधीक्षक, पुलिस) 1999
25. श्री नन्द किशोर चौहान : परबतसर (नागौर)
रैगर समाज का पहले व्यक्ति जो पंचायत समिति के प्रधान बने । श्रीनन्द किशोर चौहान वर्ष 2004 से 2007 तक पंचायत समिति परबतसर के प्रधान निर्विरोध चुने गये थे । श्री नन्दकिशोर पूर्व विधायक श्री मोहनलाल चौहान का सुपुत्र है ।
26. श्रीमती अनिता देवी (अनिता वर्मा) : चाकसू (जयपुर)
पहली रैगर महिला जो पंचायत समिति की प्रधान रही । श्रीमती अनिता देवी वर्ष 1995 से 2000 तक पंचायत समिति चाकसू की प्रधान निर्विरोध चुनी गई थी ।

27. श्रीमती अन्नीदेवी उदय : पुष्कर (राज. )
रैगर समाज की पहली महिला जो नगरपालिका की अध्यक्ष चुनी गई । श्रीमती अन्नीदेवी उदय वर्ष 1999 से 2003 तक पुष्कर नगरपालिका की अध्यक्ष रही है ।
28. श्री दयाराम जलुथरिया : दिल्ली
पहले रैगर जो दिल्ली महानगर परिष्द का सन् 1952 में सदस्य चुने गये ।
29. श्रीमती पार्वती आर्य (बालोटिया) : मन्दसौर (म.प्र. )
रैगर समाज की ही नहीं एशिया की प्रथम महिला ट्रक चालक का खिताब सन् 1986 में भारत के तत्कालिन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह द्वारा उन्हें यह खिताब प्रदान किया गया । साथ ही साथ मध्य प्रदेश में पहली महिला जिला पंचायत उपाध्यक्ष वर्ष 2005 में बनी ।
30. श्री योगेन्द्र चान्दोलिया : दिल्ली (करोल बाग)
रैगर समाज की ही नहीं दलित समाज के प्रथम दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए 2009 चुने गये । और लगातार तीसरी बार अध्यक्ष चुने गये है । रैगर समाज में hat-trick जमाने वाले पहले व्यक्ति है । 
31. श्री ले. कर्नल जे.एल. कानवा (कनवाड़िया) : जोधपुर
पहले रैगर जिन्हे भारतीय सेना में कर्नल होने का गौरव मिला । आपने 21 दिसम्बर 1968 को अपनी ट्रेनिग पूरी करके द्वितीय लेफ्टीनेन्ट के पर आपका चयन हुआ । रैगर समाज में अभी तक बिरले ही हुए है जिनको अपने जीवन काल में तीन-तीन युद्धों में भाग लेने का गौरव प्राप्त हुआ हो । 

(साभार- चन्दनमल नवल कृत 'रैगर जाति : इतिहास एवं संस्कृति')

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