Friday, June 20, 2014

9 महीने 9 दिन गर्भ मे बच्चा क्यो रहता है क्या है बच्चे को महान बनाने का वैज्ञानिक उपाय ?

9 महीने 9 दिन गर्भ मे बच्चा क्यो रहता है क्या है
बच्चे को महान बनाने का वैज्ञानिक उपाय ?
लोग ज्योतिष पर बहुत कम विश्वास करते है क्योकि ज्योतिषियों ने
ही ज्योतिष का विनाश किया है । उनके अधूरे ज्ञान के
कारण ऐसा हुआ है । गर्भ मे बच्चा 9 महीने और 9
दिन ही क्यो रहता है । इसका एक वैज्ञानिक आधार
है । हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह
अपनी अपनी किरणों से गर्भ मे पल रहे
बच्चे को विकसित करते है । हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप
बच्चे के शरीर के भागो को विकसित करता है । अगर कोई
ग्रह गर्भ मे पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो उपाय से
उसको ठीक किया जा सकता है ।
गर्भ से 1 महीने तक शुक्र का प्रभाव रहता है ।
अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत
करना चाहिए । अगर शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर
होगा । और उस समय
स्त्री को चटपटी चीजे
खानी चाहिए । शुक्र का दान न करे । अगर दान
किया तो शुक्र कमजोर हो जाएगा । कुछ
अनाड़ी ज्योतिषी अधूरे ज्ञान के कारण शुक्र
का दान करा देते है । दान सिर्फ उसी ग्रह का करे
जो पापी और क्रूर हो और उसके कारण गर्भपात
का खतरा हो ।
दूसरे महीने मंगल का प्रभाव रहता है ।
मीठा खा कर मंगल को मजबूत करे ।तथा लाल वस्त्र
ज्यादा धारण करे ।
तीसरे महीने गुरु का प्रभाव रहता है । दूध
और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन
करे तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करे ।
चौथे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है । रसों का सेवन
करे तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण करे ।
पांचवे महीने चंद्र का प्रभाव रहता है । दूध और
दहि तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करे तथा सफ़ेद
ज्यादा वस्त्र धारण करे ।

छटे महीने शनि का प्रभाव रहता है ।
कशीली चीजों केल्शियम और
रसों के सेवन करे तथा आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करे
।।
सातवे महीने बुध का प्रभाव रहता है । जूस और
फलों का खूब सेवन करे तथा हरे रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करे ।।
आठवे महीने फिर चंद्र का तथा नौवे महीने
सूर्य का प्रभाव रहता है । इस दौरान अगर कोई ग्रह
नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे
महीने यज्ञ करन चाहिए । जितना गर्भ
ग्रहों की किरणों से
तपेगा उतना ही बच्चा महान और
मेधावी होगा । जैसी एक
मुर्गी अपने अंडे को ज्यादा हीट
देती है तो उसका बच्चा मजबूत पैदा होता है । अगर
हीट कम देगी तो उसका चूजा बहुत कमजोर
होगा । उसी प्रकार माँ का गर्भ
ग्रहों की किरणों से
जितना तपेगा बच्चा उतना ही मजबूत होगा । जैसे
गांधारी की आँखों की किरणों के
तेज़ से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था ।


http://lalkitab1952.blogspot.in/2012_06_01_archive.html

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