चक्र परिचय
हमारे शरीर में कुल 6चक्र हैं इसलिए इन्हें षट् चक्र कहा गया है। हम निम्न सारिणी से इन चक्रों की हमारे शरीर में स्थिति, इनसे संबंधित ग्रह और इनसे संचालित मुख्य विषय की जानकारी लेते हैं।
इस सारिणी से स्पष्ट है कि हर चक्र में विशेष प्रकार की ऊर्जा छिपी हुई है और हर चक्र किसी एक ग्रह से संचालित है। जो ग्रह हमारी जन्मपत्रिका में कमजोर है, उस ग्रह से जु़डा चक्र भी कमजोर होगा और उस चक्र द्वारा संचालित विषय हमारे जीवन की कमजोरी होगी।
उदाहरण के लिए जिन लोगों में rational thinking की कमी होती है, वह प्राय: समय के ताल से ताल नहीं मिला पाते हैं। जिसकी वजह से arrogant हो जाते हैं और अच्छाई छो़डकर गलत रास्ता अपना लेते हैं। ऎसे लोगों में अनाहत चक्र और शुक्र ग्रह भी कमजोर मिलता है।
इसी तरह जो बच्चो पढ़ने में मन नहीं लगा पाते हैं या एकाग्रता की कमी होती है उनकी जन्मपत्रिका में सूर्य, चन्द्रमा ग्रह कमजोर पाये जाते हैं और स्पष्ट है कि आज्ञा चक्र की ऊर्जा का उन्हें Support नहीं है।
हमारे शरीर में कुल 6चक्र हैं इसलिए इन्हें षट् चक्र कहा गया है। हम निम्न सारिणी से इन चक्रों की हमारे शरीर में स्थिति, इनसे संबंधित ग्रह और इनसे संचालित मुख्य विषय की जानकारी लेते हैं।
इस सारिणी से स्पष्ट है कि हर चक्र में विशेष प्रकार की ऊर्जा छिपी हुई है और हर चक्र किसी एक ग्रह से संचालित है। जो ग्रह हमारी जन्मपत्रिका में कमजोर है, उस ग्रह से जु़डा चक्र भी कमजोर होगा और उस चक्र द्वारा संचालित विषय हमारे जीवन की कमजोरी होगी।
उदाहरण के लिए जिन लोगों में rational thinking की कमी होती है, वह प्राय: समय के ताल से ताल नहीं मिला पाते हैं। जिसकी वजह से arrogant हो जाते हैं और अच्छाई छो़डकर गलत रास्ता अपना लेते हैं। ऎसे लोगों में अनाहत चक्र और शुक्र ग्रह भी कमजोर मिलता है।
इसी तरह जो बच्चो पढ़ने में मन नहीं लगा पाते हैं या एकाग्रता की कमी होती है उनकी जन्मपत्रिका में सूर्य, चन्द्रमा ग्रह कमजोर पाये जाते हैं और स्पष्ट है कि आज्ञा चक्र की ऊर्जा का उन्हें Support नहीं है।