Monday, March 2, 2015

चर लग्न 1 ,4 ,7 ,10 हो तो एकादश भाव एवं भावेश बाधक होता है

सु प्रभात मित्रो क्या आप जानते है ,चर लग्न 1 ,4 ,7 ,10 हो तो एकादश भाव एवं भावेश बाधक होता है ,स्थिर लग्न 2 ,5 ,8 ,11 में नवम भाव एवं नवम भावेश ,एवं द्विस्वभाव 3 ,6 ,9 ,12 के लिए सप्तम भाव एवं भावेश बाधक होता है ,एक बात और इन बाधक भावो में स्थित गृह भी बाधक होते है ,बाधक स्थान या बाधक गृह स्वग्रही एवं उच्च का होकर भी फल नहीं करते ,इन बाधक ग्रहो की अन्तर्दशा में ये अनिष्ठ फल देते है ,ये बाधक गृह त्रिकोण ,केंद्र में होकर और भी अशुभ हो जाते है ,परन्तु त्रिक भाव में रहने से बाधकता से मुक्त हो जाते है एवं विपरीत राज योग बनाते है।

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