Tuesday, March 3, 2015

राहु से ग्रस्त व्यक्ति के लक्षण

पेट के रोग दिमागी रोग पागलपन खाजखुजली भूत चुडैल का शरीर में प्रवेश बिना बात के ही झूमना, नशे की आदत लगना, गलत स्त्रियों या पुरुषों के साथ सम्बन्ध बनाकर विभिन्न प्रकार के रोग लगा लेना, शराब और शबाब के चक्कर में अपने को बरबाद कर लेना,लगातार टीवी और मनोरंजन के साधनों में अपना मन लगाकर बैठना, होरर शो देखने की आदत होना, भूत प्रेत और रूहानी ताकतों के लिये जादू या शमशानी काम करना, नेट पर बैठ कर बेकार की स्त्रियों और पुरुषों के साथ चैटिंग करना और दिमाग खराब करते रहना, कृत्रिम साधनो से अपने शरीर के सूर्य यानी वीर्य को झाडते रहना, शरीर के अन्दर अति कामुकता के चलते लगातार यौन सम्बन्धों को बनाते रहना और बाद में वीर्य के समाप्त होने पर या स्त्रियों में रज के खत्म होने पर टीबी तपेदिक फ़ेफ़डों की बीमारियां लगाकर जीवन को खत्म करने के उपाय करना, शरीर की नशें काटकर उनसे खून निकाल कर अपने खून रूपी मंगल को समाप्त कर जीवन को समाप्त करना, ड्र्ग लेने की आदत डाल लेना, नींद नही आना, शरीर में चींटियों के रेंगने का अहसास होना,गाली देने की आदत पड जाना,सडक पर गाडी आदि चलाते वक्त अपना पौरुष दिखाना या कलाबाजी दिखाने के चक्कर में शरीर को तोड लेना, बाजी नामक रोग लगा लेना, जैसे गाडीबाजी, आदि, इन रोगों के अन्य रोग भी राहु के है, जैसे कि किसी दूसरे के मामले में अपने को दाखिल करने के बाद दो लोगों को आपस में लडाकर दूर बैठ कर तमाशा देखना, लोगों को क्लिप बनाकर लूटने की क्रिया करना और इन कामों के द्वारा जनता का जीवन बिना किसी हथियार के बरबाद करना भी है। अगर उपरोक्त प्रकार के भाव मिलते है, तो समझना चाहिये कि किसी न किसी प्रकार से राहु का प्रकोप शरीर पर है, या तो गोचर से राहु अपनी शक्ति देकर मनुष्य जीवन को जानवर की गति प्रदान कर रहा है, अथवा राहु की दशा चल रही है, और पुराने पूर्वजों की गल्तियों के कारण जातक को इस प्रकार से उनके पाप भुगतने के लिये राहु प्रयोग कर रहा है।

उपाय : अगर किसी को राहू की दशा में या कोई इस ग्रह से संबंधित पीडा हो तो ऐसे व्यक्ति को अपने उपर से सलेटी रंग का कंबल उतार कर मकर संक्रांति पर किसी भी ऐसे व्यक्ति को उडाकर आये जो ठिठुरन में सोसोया हुआ हो ऐसा गुप्त रूप से करे।वर्ष में एक ही बार ऐसा होता है।

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