Sunday, August 9, 2015

२ फ़रवरी १८३५ को ब्रिटेन की संसद में मैकाले की भारत के प्रति विचार और योजना मैकाले के शब्दों में


२ फ़रवरी १८३५ को ब्रिटेन की संसद में मैकाले की भारत के प्रति विचार और योजना मैकाले के शब्दों में..

मैं भारत के कोने कोने में घुमा हूँ..मुझे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं दिखाई दिया, जो भिखारी हो ,जो चोर हो, इस देश में मैंने इतनी धन दौलत देखी है,इतने ऊँचे चारित्रिक आदर्श और इतने गुणवान मनुष्य देखे हैं,की मैं नहीं समझता की हम कभी भी इस देश को जीत पाएँगे,जब तक इसकी रीढ़ की हड्डी को नहीं तोड़ देते जो इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत है.
और इसलिए मैं ये प्रस्ताव रखता हूँ की हम इसकी पुराणी और पुरातन शिक्षा व्यवस्था,उसकी संस्कृति को बदल डालें,क्युकी अगर भारतीय सोचने लग गए की जो भी बिदेशी और अंग्रेजी है वह अच्छा है,और उनकी अपनी चीजों से बेहतर है ,तो वे अपने आत्मगौरव और अपनी ही संस्कृति को भुलाने लगेंगे और वैसे बनजाएंगे जैसा हम चाहते हैं.एक पूर्णरूप से गुलाम भारत
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http://abhindumahasabha.blogspot.in/2011/06/blog-post_2268.html

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