रैगर जागृति मिशन के तत्वावधान में डॉ. भीम राव अंबेडकर का परिनिर्वाण
दिवस मनाया गया
संवाददाता रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया
रैगर जागृति मिशन के तत्वावधान में मादीपुर क्षेत्र में 06 दिसम्बर 2015 को रविवार
देर शाम धर्मगुरु स्वामी ज्ञान स्वरुप जी महाराज पार्क परिसर में स्थित भारतीय संविधान निर्माता, स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री भारतरत्न
डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा के आगे कैंडल जलाकर तथा प्रतिमा पर
पुष्प मालाये चढ़ाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर 59वां परिनिर्वाण दिवस मनाया गया l
इस अवसर पर मादीपुर क्षेत्र के लोगो ने सभी ब्लाको में कैंडिल मार्च का आयोजन
किया गया जो मादीपुर क्षेत्र के सभी ब्लाको से होता हुआ रविवार देर शाम धर्मगुरु स्वामी ज्ञान
स्वरुप जी महाराज पार्क परिसर में पहुंचकर एक विशाल
जनसभा में परिवर्तित हो गया l इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती
पार्वती डीगवाल निगम पार्षद, लाजपत डीगवाल समाजसेवी, रैगर समाज के पूर्व उप प्रधान श्री जवाहर
लाल उज्जिनियाँ मादीपुर पंचायत, मिशन के प्रधान
श्री देवेन्द्र सिंह सक्करवाल, उप प्रधान
धर्मेन्द्र दौतानियाँ, महामंत्री श्री
मोहन लाल डीगवाल, मंत्री
सुभाषचंद्र सोंकरियां, मंत्री बाबूलाल
सबलानियाँ, कोषाध्यक्ष श्री खूबराम जी
सबलानियाँ, संगठन मंत्री श्री ओमप्रकाश
जी कानखेडिया सलाहकार, परमानन्द जी
मुंडोतियां संगठन मंत्री, सदस्य फुलसिंह
सबलानिया, सुनील सबलानियाँ, अनिल चंदोलियाँ, भीमसैन चान्दोलियाँ, हरीश रछोयां, प्रभु दयाल शेरसियाँ, प्रेम कनवाडीयां, मेहरचंद बोकोलियाँ सहित अन्य कार्यकर्ता
मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती पार्वती डीगवाल निगम पार्षद ने सविंधान निर्माता डा0 भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए प्रतिमा के आगे कैंडल जलाकर तथा प्रतिमा पर पुष्प मालाये चढ़ाकर उन्हें
श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी l जनसमूह
को सम्बोधित करते हुए कहा की हमें बाबा साहेब के पद चिन्हो पर
चलना चाहिए। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनकी सोच थी कि सभी को समानता का
दर्जा मिले। सब मिलकर उन्नति की और अग्रसर हो।
मिशन
के प्रधान
श्री देवेन्द्र सिंह सक्करवाल ने कहा कि एक षडयंत्रकारी घृणित विचारधारा के तहत हमारे
समाज में महिलाओं और मूल निवासी वर्गों को लम्बे समय तक मानवीय अधिकारों से वंचित
रखा गया। इन तमाम वर्गों के मानवीय अधिकारों की बहाली के लिए युग पुरुष बाबा साहब
अबेडकर आजीवन संघर्ष करते रहे। हजारों
जातियों व सप्रदायों में बंटे समाज और सैंकड़ों रियासतों में विखडित भारत को,
संविधान द्वारा एकता के सूत्र में बांधकर और तमाम अधिकारों को कानूनी रूप देकर
बाबा साहब ने आधुनिक भारत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उप
प्रधान धर्मेन्द्र दौतानियाँ ने कहा कि हर युग में मानवता के सही दर्शन
के लिये महापुरूषों ने जन्म लिया हैं जिन्होने समाज की बुराइयों से टकराने का काम
किया हैं। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भी उन्हीं महापुरूषों में से एक थे, जिन्होने ऊंचनीच, छुआंछूत जैसे सामाजिक कोढ़ को समूल नष्ट
करके दलित समाज को सम्मान का हकदार बनाया। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जी आदर्श राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, मजदूर नेता, कुशल शिक्षक के साथ-साथ योग्य
पत्रकार थे, उन्होने
अज्ञान, अशिक्षा, आडंबर और अंधविश्वास में डूबे
देशवासियों को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किया।
मिशन के कोषाध्यक्ष श्री खूबराम
जी सबलानियाँ ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारत के शिल्पकार थे, उनका व्यक्तित्व हर स्तर पर जूझता
हुआ नजर आता हैं। वे संविधान के निर्माता ही नही बल् किदलित, पिछडों. के हितों के सशक्त
प्रवक्ता के साथ-साथ मानवाधिकारों के सजग प्रहरी थें। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ज्ञान के प्रतीक थे उनका
व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे किसी धर्म के आलोचक नही थे लेकिन समाज में जब उन्होने
देखा कि धर्म के नाम पर दलित समाज का शोषण हो रहा हैं। छुआछूत अपनी चरम पर हैं, तभी उन्होने हिन्दू धर्म से नाता
तोड़ने का निश्चय किया और बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
संगठन मंत्री श्री ओमप्रकाश जी कानखेडिया ने कहा कि बाबा साहब बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे
उन्होने विषमताओं का दंश झेलते हुए बडौदा नरेश के सहयोग से भारत, अमेरिका और लंदन में उच्च शिक्षा ग्रहण
की, उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि कोलम्बिया विश्वविद्यालय
ने अपने 300 वर्षों के इतिहास में विश्व के जो 6 तेजस्वी विद्यार्थी पैदा किये
उसमें बाबा साहब का प्रथम स्थान था, ऐसे महापुरूष जिन्होनें
जीवन भर देशवासियों को अज्ञान, अशिक्षा, आडंबर और अंधविश्वास से लड़ने के लिये ज्ञान का प्रकाश दिया, ऐसे महान पुरूष के परिनिर्वाण दिवस पर हमे उन्हें दिल से याद करके श्रद्धासुमन
अर्पित करने में गर्व की अनुभूति होती हैं।
मिशन के
संगठन मंत्री परमानन्द जी मुंडोतियां ने कहा कि बाबा साहेब मानवता व समानता के पोषक थे। स्वतंत्रता के
बाद देश को संविधान देने में इनका अहम योगदान रहा। वह एक कुशल राजनेता, प्रशासक व विद्वान होने के साथ-साथ
कुशल लेखक थे। परमानन्द जी ने आगे कहा कि वर्तमान में राजनीतिक पार्टियां व कतिपय
लोग अम्बेडकर के अनुयायी बनने का दिखावा कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इन लोगों द्वारा
अम्बेडकर के नाम का लाभ लिया जा रहा है। ऐसे लोगों से समाज को सावधान रहने की
जरूरत है। कहा कि अम्बेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना होगा, तभी देश सशक्त राष्ट्र की ओर अग्रसर होगा। यही हमारी समाज परिवर्तन के
मसीहा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मादीपुर रैगर पंचायत के पूर्व उप प्रधान श्री जवाहर लाल उज्जिनियाँ
ने अपने सम्बोधन में बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर के
जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जय भीम घोष का मतलब है, बाबा साहब के संघर्षों की जय, उनके आदर्शों और संविधान की जय। संविधान सभा में
बाबा साहब ने कहा था कि मेरा संघर्ष सत्ता व सम्पति के लिए नहीं बल्कि समता मूलक
समाज व राष्ट्र का निर्माण मेरा लक्ष्य है।
3.5 ब्राह्मनो का देश मै राज होके'हिन्दू' धर्म कैसे खतरे मैं
ReplyDelete1) देश के लोकतंत्र के चार मजबूत स्तम्भ संसद ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका, मिडीया पे ब्राह्मनो का राज है तो हिन्दू धर्म खतरे मैं।
2) देश के हिंदुत्व का संघटन के ठेकेदार ब्राह्मन ही हिन्दू धर्म कैसे खतरे मैं
3)देश के 'अ' श्रेणी के 71% क्लास one officar 'ब्राह्मण' होकर भी
हिन्दू धर्म कैसे खतरमे।
4)अगर हिंदुत्व के ठेकेदार ब्राह्मण होकर हिन्दूओ के बच्चों के
लिए फ्री शिक्षा क्यों नहीं मिल रही।
5) ब्राह्मनो का देश मैं राज होकर
देश मैं 20 करोड़ हिन्दू बच्चे कुपोषित कैसे
6)ब्राह्मनो का देश का राज होकर
देश के 83 करोड़ हिन्दू 6 दिन के रूपये क्यों
कमा रहे है
7)देश मैं ब्राह्मणो का राज होके देश का हिंदू धर्म माननेवाले किसान किसान क्यों आत्महत्या कर रहे है
8)कभी ब्राह्मण हिन्दूओके बच्चों के
रोजगार , मुफ़्त शिक्षा , अथवा अन्य सुविधाओ के लिए आंदोलन,दंगा
किंवा किसी नेता का घर क्यों नहीं
जलाया।
जादातर मीडिया में आपको ये सरनेम दिखेगे। 'शर्मा ,पांडे ,तिवारी ,मिश्रा , द्विवेदी ,अवस्थी , बक्शी, दत्त त्रिवेदी ,जोशी ,श्रीवास्तव ,पाठक
शुक्ला ,चतुर्वेदी ,दुबे ,भारद्वाज
सरस्वती ,स्वामी ,उपाध्याय
रॉय ,सेन ,आचार्य ,भावे,
नेहरू, बोस, सरदेसाई, आनंद
बनर्जी ,मुखर्जी ,चटर्जी ,वाजपेयी
देसाई , दिक्सित , झा , रस्तोगी
भट ,रॉय , शात्री , तिलक दत्त , हेगड़े ,मूर्ति ,सत्यार्थी
फड़नवीस ,देशपांडे, शौरी धर्माधिकारी ,कुलकर्णी,गिरी
भागवत ,डांगे ,सप्तर्षि , घोष ,
त्रिपाठी, भट्टाचर्य, भण्डारी,
पूरी,व्यास, सेन,बालकृष्णन सावरकर,आज़ाद ,तिलक ,मेहता विस्वास,वशीष्ट,कौशिक,कश्यप प्रसाद', प्रकाश ,मनोहर
जब तक ब्राह्मनो का राज है तब तक
ब्राह्मण 'हिन्दू 'के नाम पे लोगो को बाटकर देश पे राज करेगा।
फुट डालो राज करो अंग्रेज नहीं
ब्राह्मणो द्वारा आज के टाइम किया जा रहा है।