छोगा राम बाकोलिया
आपनी सुझबूज कुशल नेतृत्व , उदार पारदर्शिता, कतव्र्य निष्ठता एवं सेवा के प्रति समर्पणता से जनप्रिय राजनेता के रुप अपनी कीर्ति व छवी को निखारने वाले श्री छोगारामजी बाकोलिया का जन्म राजस्थान के सीमान्त जिला बाडमेर मे दिनांक 1 जनवरी 1944 को हुआ। इनके पिताजी का नाम श्री जयरामजी तथा माता का नाम तीजादेवी था। आपकी प्राथमिक शिक्षा बाडमेर में ही हुई एवं उच्च शिक्षा जोधपुर से ज्ञानगंगा छात्रावास में रहते हुए मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा सन् 1965 में किया। 7 जुलाई 1965 में आपकी शादी जालोर के पूर्व सांसद स्व. श्री विरधारामजी फुलवारिया की सुपुत्री लीलादेवी के साथ भीनमाल हुई। स्व. बाकोलियाजी भाग्यशाली एवं गुणात्मक व्यक्ति के धनी थे वे कांग्रेस के वरिष्ठत्म जन नेताओं जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी एवं उनके युवा एवं ऊर्जावान सुपुत्र स्व. राजीव गांधी तथा वर्तमान कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनीया गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान श्री हरदेव जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवचरण माथुर, लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनको कार्य करने का सौभाग्य मिला यह रैगर समाज के गौरव की बात है।
आपने सन् 1984 में धर्मदास शास्त्री के साथ मिल कर रैगर समाज का महासम्मेलन जयपुर में आयोजन करवाकर भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रैगर समाज को सम्बोधित किया। आप अखिल भारतीय रैगर महासभा के संरक्षक रहे तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा रामदेवरा में अखिल भारतीय रैगर धर्मशाला का उद्घाटन के समय छोगारामजी ने आग्रह किया कि आप रैगर समाज के लिए जयपुर में जमीन आवटन की घोषाण करे तब श्री अशोक गहलोत ने रैगर समाज के लिए 1000 वर्ग फिट जमीन की घोषणा रामदेवरा में की। लेकिन यह जमीन पर्याप्त नही थी इस लिए रैगर समाज का एक प्रतिनिधि मंडल तत्कालिन यातायात मंत्री छोगारामजी बाकोलिया से मिला और आग्रह किया कि आप हमारे साथ चलकर माननीय मुख्यमंत्री से कहे कि यह जमीन हमारे समाज के लिए पर्याप्त नहीं श्री बाकोलियाजी के कहने से मुख्यमंत्री ने 5000 वर्ग गज फुट जमीन की घोषणा करवाकर एवं माननीय मुख्यमंत्री से उसका शिलान्यास करवाकर रैगर समाज का वर्षो पूर्व छात्रावास निर्माण के अधूरे पडे सपनों को पूरा कर समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करवाया रैगर समाज सदैव आपको याद करता रहेगा।
आप सन् 1965 से 1976 तक कनिष्ठ अभियंता राजस्थान राज्य विद्युत मंडल के पद पर रहे तथा सन् 1976 से 1980 तक सहायक अभियंता राजस्थान राज्य विद्युम मण्डल के पद पर रहे। तद्पश्चात आप सरकारी नौकरी छोडकर पहली बार सन 1980 में कांग्रेस से रेवदर विधान सभा क्षेत्र निर्वाचित हुये। तथा जून 1981 से मई 1985 तक आप राजस्थान हाथकर्घा बोर्ड के अध्यक्ष रहे एवं सदस्य अनु. जाति कल्याण समिति के पद पर रहे। 1982 से 1985 तक सदस्य सिंचाई, जलदाय, राजस्व एवं भूमि विकास, ऊर्जा, खाद्य आपूर्ति एवं सहायता विभाग, संसदीय सलाहकार। आप सन् 1985 से 1990 में 8वीं विधान सभा के लिए पुनः रेवदर से विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गये। 17.10.82 से 10.3.85 तक उपमंत्री, ऊर्जा, समाज कल्याण एवं भ जल बोर्ड। 11.03.85 से 15.10.85 तक राज्य मंत्री, समाज कल्याण एवं जनजातिय क्षेत्र विकास जेल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (स्वतंत्र चार्ज)। 18.10.85 से 28.02.90 तक मंत्री, शहरी विकास एवं आवास, शहरी योजना, खाद्य एवं नोगरिक आपूर्ति, कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज., इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, सिचाई क्षेत्रीय विकास एवं उपनिवेशन विभाग। आप 11वी विधान सभा के लिए 1 दिसम्बर 1998 को पुनः रेवदर विधान सभा के निर्वाचित हुए एवं राजस्थान सरकार में यातायाम मंत्री व समाज कल्याण एव बाल विकास मंत्री बनाये गये। उसके बाद आप स्वायत शासन विभाग एवं नगरिय विकास विभाग के मंत्री भी रहे। श्री बोकोलियाजी अपने जीवन काल में विदेशी यात्रा की उनमें सिओल, टोक्यो, ओसाका (जापान) हांगकांग, बेंकाक, सिंगापुर। श्री बाकोलिया स्वर्गवास दिनांक 4 जुलाई 2007 को हो गया ।
आपने सन् 1984 में धर्मदास शास्त्री के साथ मिल कर रैगर समाज का महासम्मेलन जयपुर में आयोजन करवाकर भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रैगर समाज को सम्बोधित किया। आप अखिल भारतीय रैगर महासभा के संरक्षक रहे तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा रामदेवरा में अखिल भारतीय रैगर धर्मशाला का उद्घाटन के समय छोगारामजी ने आग्रह किया कि आप रैगर समाज के लिए जयपुर में जमीन आवटन की घोषाण करे तब श्री अशोक गहलोत ने रैगर समाज के लिए 1000 वर्ग फिट जमीन की घोषणा रामदेवरा में की। लेकिन यह जमीन पर्याप्त नही थी इस लिए रैगर समाज का एक प्रतिनिधि मंडल तत्कालिन यातायात मंत्री छोगारामजी बाकोलिया से मिला और आग्रह किया कि आप हमारे साथ चलकर माननीय मुख्यमंत्री से कहे कि यह जमीन हमारे समाज के लिए पर्याप्त नहीं श्री बाकोलियाजी के कहने से मुख्यमंत्री ने 5000 वर्ग गज फुट जमीन की घोषणा करवाकर एवं माननीय मुख्यमंत्री से उसका शिलान्यास करवाकर रैगर समाज का वर्षो पूर्व छात्रावास निर्माण के अधूरे पडे सपनों को पूरा कर समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करवाया रैगर समाज सदैव आपको याद करता रहेगा।
आप सन् 1965 से 1976 तक कनिष्ठ अभियंता राजस्थान राज्य विद्युत मंडल के पद पर रहे तथा सन् 1976 से 1980 तक सहायक अभियंता राजस्थान राज्य विद्युम मण्डल के पद पर रहे। तद्पश्चात आप सरकारी नौकरी छोडकर पहली बार सन 1980 में कांग्रेस से रेवदर विधान सभा क्षेत्र निर्वाचित हुये। तथा जून 1981 से मई 1985 तक आप राजस्थान हाथकर्घा बोर्ड के अध्यक्ष रहे एवं सदस्य अनु. जाति कल्याण समिति के पद पर रहे। 1982 से 1985 तक सदस्य सिंचाई, जलदाय, राजस्व एवं भूमि विकास, ऊर्जा, खाद्य आपूर्ति एवं सहायता विभाग, संसदीय सलाहकार। आप सन् 1985 से 1990 में 8वीं विधान सभा के लिए पुनः रेवदर से विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गये। 17.10.82 से 10.3.85 तक उपमंत्री, ऊर्जा, समाज कल्याण एवं भ जल बोर्ड। 11.03.85 से 15.10.85 तक राज्य मंत्री, समाज कल्याण एवं जनजातिय क्षेत्र विकास जेल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (स्वतंत्र चार्ज)। 18.10.85 से 28.02.90 तक मंत्री, शहरी विकास एवं आवास, शहरी योजना, खाद्य एवं नोगरिक आपूर्ति, कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज., इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, सिचाई क्षेत्रीय विकास एवं उपनिवेशन विभाग। आप 11वी विधान सभा के लिए 1 दिसम्बर 1998 को पुनः रेवदर विधान सभा के निर्वाचित हुए एवं राजस्थान सरकार में यातायाम मंत्री व समाज कल्याण एव बाल विकास मंत्री बनाये गये। उसके बाद आप स्वायत शासन विभाग एवं नगरिय विकास विभाग के मंत्री भी रहे। श्री बोकोलियाजी अपने जीवन काल में विदेशी यात्रा की उनमें सिओल, टोक्यो, ओसाका (जापान) हांगकांग, बेंकाक, सिंगापुर। श्री बाकोलिया स्वर्गवास दिनांक 4 जुलाई 2007 को हो गया ।
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