Sunday, June 30, 2013

यत्र नारीयस्तु पूजन्ते वसते तत्र देवताः



यत्र नारीयस्तु पूजन्ते वसते तत्र देवताः

नारी क्या है
१- पुरुष का नारी के समान कोई मित्र नहीं है
फिर चाहे बो किसी भी रूप में क्यूँ न हो,
माँ, बीबी, या दोस्त.
२- संसार - वाटिका में नारी सबसे उत्तम फूल है
जिसका लालित्य, जिसकी सुगंध और मनोहरता विचित्र है.


३- काव्य और प्रेम दोनों नारी- ह्रदय की संपत्ति है,
नर विजय का भूंखा होता है, और नारी समर्पण की
पुरुष लूटना चाहता है, नारी लुट जाना.

४- यदि संपूर्ण विश्व का राज्य भी मिले और नारी न हो तो
पुरुष भिक्षुक ही है, परन्तु अच्छे गुण वाली नारी भिक्षुक घर में हो तो
वह राजा है.

५- नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध न करो..
उसका ह्रदय कोमल है, उस पर विश्वास करो.

६- नारी महान आघातों को क्षमा कर देती है,
लेकिन तुच्छ चोटों को नहीं भूलती.

७- नारी वादा नहीं करती, परन्तु पुरुष के लिए
सब कुछ न्यौछावर कर देती.

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