Wednesday, April 4, 2018

आईजी जोन वाराणसी को लिखे पत्र की प्रतिः
सेवा में, 
      पुलिस महानिरीक्षक,
      वाराणसी ज़ोन,
      वाराणसी। 
विषय- श्री मनीष कुमार सिंह,सूचना कार्यकर्ता,निवासी-ग्राम-गोतवां, पोस्ट-जमुआ बाजार, जिला-मीरजापुर, उत्तर प्रदेश को भदोही में आरटीआई मांगने पर पुलिस थाने में प्रताड़ित किये जाने 
महोदय, 
      कृपया निवेदन है कि मैं अमिताभ ठाकुर निवासी 5/426, विराम खंड, गोमती नगर, लखनऊ हूँ और वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक, नागरिक सुरक्षा, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के पद पर कार्यरत हूँ. मैं यह पत्र आपको निजी हैसियत में एक आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ.
मुझे श्री मनीष कुमार सिंह, सूचना कार्यकर्ता, निवासी-ग्राम-गोतवां, पोश्ट-जमुआ बाजार, जिला-मीरजापुर, उत्तर प्रदेश मो० -9621800325, ईमेल- mirzapur.singh@gmail.com द्वारा पुलिस अधीक्षक, संत रविदास नगर को प्रेषित पत्र संख्या-02/02 दिनांक 24.08.2014 की प्रति उनके द्वारा ईमेल के जरिये प्राप्त हुआ है. (पत्र की प्रति संलग्न). इस पत्र के अनुसार श्री मनीष सूचना कार्यकर्ता हैं जिन्होंने जन सूचना अधिकारी, कार्यालय सन्तरविदास नगर भदोही के यहाँ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना प्राप्त करने हेतु पत्र संख्या 37 जनसूचना दिनांक-24/07/2014 द्वारा आवेदन किया था.
उन्हें उपरोक्त आवदेन पर सूचना प्रदान करने हेतु क्षेत्राधिकारी औराई कार्यालय से मो० नम्बर-8931057498 द्वारा दिनांक 23.08.2014 को फोन करके दिनांक 24.8.2014 को बुलाया गया. श्री मनीष दिनांक 24.08.2014 को समय लगभग 11.00 बजे क्षेत्राधिकारी औराई से मिले और क्षेत्राधिकारी औराई ने उनके आवेदन पत्र दिनांक 24.07.2014 पर की गयी कार्यवाही की मौखित जानकारी दी.
आवेदनपत्र के अनुसार क्षेत्राधिकारी औराई से मिलकर जैसी ही वे उनके कार्यालय के बाहर आये तो वहा पर मौजूद एक पुलिसकर्मी श्री जितेन्द्र यादव मो० -8115960014 ने कहा कि तुमको थानाध्यक्ष औराई बुला रहे हैं, वहां थाने में पहुचते ही सिपाही श्री जितेन्द्र यादव उन्हें गाली देते हुए माट-पीट करने लगे और कहने लगे, बहुत बड़का पत्रकार बनता है, मेरे खिलाफ आरटीआई फाइल करता हैं चल तुझे मैं आज बताता हॅू. श्री जितेन्द्र यादव ने उन्हें ले जाकर कथित रूप से थाने में जबरदस्ती बैठा दिया और उनका  मोबाईल छिन कर स्वीच आफ कर दिया.
थानाध्यक्ष की अनुपस्थिती में उन्हें थाने में जबरजस्ती बैठाया गया और थाने के ज्यादातर पुलिसकर्मीयों द्वारा उन्हें भला-बुरा कहा गया. किसी तरह क्षेत्राधिकारी को सूचना होने पर उन्होने श्री मनीष को छुड़वाया और श्री जितेन्द्र यादव से उनका मोबाईल दिलवाया परन्तु क्षेत्राधिकारी औराई ने उक्त सिपाही के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की.
 
श्री मनीष का यह पत्र प्राप्त होने के बाद मैंने स्वयं श्री मनीष से फोन से बात की जिन्होंने पूरी घटना की मुझसे फोन पर पुष्टि की. फिर मैंने क्षेत्राधिकारी ओराई, जनपद संत रविदासनगर से उनके फोन पर बात की और उन्होंने मुझे भी यह कहा था कि श्री मनीष उनके पास एक आरटीआई प्रार्थनापत्र के सन्दर्भ में आये थे. उन्होंने मुझे यह भी कहा था कि उन्होंने अपने स्तर से श्री जीतेन्द्र से श्री मनीष को उनका मोबाइल वापस दिलवाया था और उन्हें अपने स्तर से श्री जीतेन्द्र को डांट-फटकार भी लगाई थी.
उपरोक्त तथ्यों से प्रथमद्रष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि श्री मनीष की बातों में काफी कुछ तथ्यात्मक सच्चाई है. मैं निवेदन करना चाहूँगा कि यदि श्री मनीष की कही बातें सही हैं तो यह अपने आप में एक अत्यंत गंम्भीर घटना मानी जाएगी जहां एक व्यक्ति को एक पुलिसकर्मी द्वारा मात्र इस आधार पर प्रताड़ित किया गया कि उसने उस पुलिसवाले के खिलाफ आरटीआई मांगने की हिम्मत और गुस्ताखी की. यह भी कहना चाहूँगा कि यदि यह घटना सही है तो मात्र मोबाइल वापस दिलाया जाना और डांट-डपट किसी भी प्रकार से पर्याप्त नहीं माना जाएगा क्योंकि श्री मनीष ने जैसा कि मुझे भी फोन पर बताया कि श्री जीतेन्द्र ने थाने में बुला कर श्री मनीष को गाली-गलौज किया, उनसे माट-पीट की, उन्हें आरटीआई फाइल करने पर बुरी तरह जलील किया, थाने में जबरजस्ती बैठा दिया और उनका मोबाईल छिन कर स्वीच आफ कर दिया.
यदि जैसा श्री मनीष कह रहे हैं कि उन्हें थाने में जबरदस्ती बैठाया गया और थाने के ज्यादातर पुलिसकर्मीयों द्वारा उन्हें भला-बुरा कहा गया और वह भी मात्र इसलिए कि श्री मनीष ने एक पुलिसवाले के खिलाफ आरटीआई मांगने की गलती की थी तो यह अपने आप में अत्यंत ही गंभीर और व्यापक प्रश्न लिए प्रकरण है और यह मात्र श्री मनीष और श्री जीतेन्द्र का मामला नहीं है बल्कि पुलिस और प्रशासन के कुछ अधिकारियों द्वारा इस प्रकार का आरटीआई मांगने वाले को प्रताड़ित करने, उनके साथ आपराधिक कृत्य करने और सीधे-सीधे अपने पद का दुरुपयोग कर ऐसा कुकृत्य करने के व्यापक प्रश्नों से जुड़ा प्रकरण है.
अतः मैं आपसे निवेदन करूँगा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कम से कम अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराते हुए मामले में श्री मनीष कुमार सिंह को न्याय दिलाने की कृपा करें ताकि इस के माध्यम से लोगों में सही सन्देश जाए और पुनः कोई पुलिसकर्मी अपनी राजकीय सत्ता अथवा अपने शासकीय अधिकारों का दुरुपयोग करने का अनुचित कृत्य ना कर सके.
पत्र संख्या- AT/Insurance/HZG
दिनांक- 04/08/2014
भवदीय,
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ 
#094155-34526
XXXXXX
पत्र संख्या-02/02 दिनांक 24.08.2014
प्रेषक- मनीष कुमार सिंह, सूचना कार्यकर्ता एवं संवाददाता जनवार्ता हिन्दी दैनिक, निवासी-ग्राम-गोतवां, पोस्ट- जमुआ बाजार, जिला-मीरजापुर, उत्तर प्रदेश, पिन-231314 मो- 9621800325, ईमेल- mirzapur.singh@gmail.com
सेवा में
      पुलिस अधीक्षक,
      सन्तरविदास नगर, भदोही।
विषय- क्षेत्राधिकारी औराई कार्यालय बुलाकर मारपीट, गाली-गलौज और धमकी देने के सम्बन्ध में।
महोदय,
      निवेदन है कि प्रार्थी सूचना कार्यकर्ता है प्रार्थी ने जन सूचना अधिकारी, कार्यालय सन्तरविदास नगर भदोही के यहाँ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना प्राप्त करने हेतु पत्र संख्या 37 जनसूचना दिनांक-24/07/2014 द्वारा आवेदन किया हुआ है।
प्रार्थी के उपरोक्त आवदेन पर सूचना प्रदान करने हेतु क्षेत्राधिकारी औराई कार्यालय से मो० नम्बर-8931057498 द्वारा दिनांक 23.08.2014 को फोन करके आज दिनांक-24.8.2014 को बुलाया गया। प्रार्थी आज दिनांक 24.08.2014 को समय लगभग 11.00 बजे क्षेत्राधिकारी औराई से मिला और क्षेत्राधिकारी औराई ने मेरे आवेदन पत्र दिनांक 24.07.2014 पर की गयी कार्यवाही की मौखित जानकारी दी।
क्षेत्राधिकारी औराई से मिलकर जैसी ही मैं उनके कार्यालय के बाहर आया तो वहा पर मौजूद एक पुलिसकर्मी जितेन्द्र यादव मो० -8115960014 ने कहा की तुमको थानाध्यक्ष औराई बुला रहे हैं चल के मिल लिजिए, तो मैंने जीतेन्द्र यादव से कहा कि चलिए मैं अपनी मोटरसाइकिल से आता हूँ, तो जितेन्द्र यादव ने कहा की नही क्षेत्राधिकारी औराई कार्यालय के पिछे से ही एक शॉर्टकट रास्ता हैं इधर से चलिए। क्षेत्राधिकारी औराई कार्यालय के पीछे पहुंचते की सिपाही जितेन्द्र यादव मुझे गाली देते हुए माट-पीट करने लगा और कहने लगा बहुत बड़का पत्रकार बनता हैं मेरे खिलाफ आरटीआई फाइल करता हैं चल तुझे मैं आज बताता हॅू।
जितेन्द्र यादव ने मुझे ले जाकर थाने में जबरजस्ती बैठा दिया और मेरा मोबाईल छिन कर स्विच ऑफ कर दिया। थानाध्यक्ष की अनुपस्थिती में मुझे थाने में जबरजस्ती बैठाया गया और थाने के ज्यादातर पुलिसकर्मियों द्वारा मुझे भला-बुरा कहा गया। किसी तरह क्षेत्राधिकारी को सूचना होने पर उन्होने मुझे छुड़वाया और जितेन्द्र यादव से मेरा मोबाईल दिलवाया। परन्तु मेरे द्वारा क्षेत्राधिकारी औराई से अनुरोध करने के बाद भी उन्होने उक्त सिपाही के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।
सिपाही जितेन्द यादव ने प्रार्थी से साथ मार-पीट की जिसके लिए धारा 323 भा0द0स0, गाली-गलौझ जिसके लिए-504 भा0द0स0, धमकी जिसके लिए धारा 506 भा0द0स0, जबरजस्ती बिना कारण थाने में बन्धक बनाये रखना जिसके लिए धारा 362 भा0द0स0, द्वारा अपने पद का गलत इस्तेमाल करना धारा 166 भा0द0स0 व पुलिस सेवा नियमावली के तहत दोषी हैं।
अतः दोषी के खिलाफ उपर्युक्त व अन्य धाराओं के तहत कार्यवाही करने की कृपा करें।
प्रार्थी
(मनीष कुमार सिंह)

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