UP: 'ऊंची जाति' के हिसाब से निकले दलित की बारात, पुलिस ने पेश किया नक्शा
लोगों और प्रशासन, दोनों का कहना है कि परंपरा बनाए रखने के लिए समुदाय विशेष को बारात नहीं निकालनी चाहिए
भारत बंद, दलितों के प्रदर्शन और SC-ST act से जुड़ी तमाम बातें चल रही हैं. इस बीच दलितों से जातीय भेदभाव का एक और मामला सामाने आया है. हाथरस के संजय कुमार की शादी कासगंज जिले के निजामपुर गांव में शीतल से है. गांववालों का कहना है कि बारात गांव के बीच से नहीं निकलेगी. बल्कि घर से 80 मीटर दूर तक जाएगी. पुलिस ने मामले में परंपरा का हवाला देते हुए बारात का नक्शा पेश किया है. इसमें बारात गांव के बीच से नहीं जाएगी.
संजय जाटव समुदाय से हैं और गांव में कथित ऊंची जाति के लोग नहीं चाहते हैं कि कोई कथित नीची जाति का युवक घोड़ी पर बैठ कर गांव के बीच से बारात निकाले. इसके विरोध में संजय ने कोर्ट में याचिका दायर की है. 20 अप्रैल को होने वाली इस शादी के लिए संजय ने प्रशासन से मदद मांगी. प्रशासन की तरफ से भी संजय को कुछ खास मदद मिलती नहीं दिख रही. जबकि संजय का कहना है कि वो भी भारत के नागरिक हैं और उन्हें ये हक है कि अपनी बारात अपने हिसाब से और घोड़ी पर चढ़कर निकालें. शादी से पहले ये मामला क्या मोड़ लेगा देखना बाकी है.
https://hindi.firstpost.com/india/dalit-in-kasganj-hathras-barat-route-not-allowed-by-high-cast-police-supports-higher-cast-am-101990.html
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