Thursday, February 18, 2016

कानून को काम करने दे


राष्ट्रवाद के साथ सबसे बड़ी खूबी यह है कि कोई भी बिना पढ़े-जाने इसे जानने का दावा कर सकता है। 19वीं सदी से पहले तो इसके बारे में कोई जानता ही नहीं था लेकिन पिछले दो सौ सालों में राष्ट्र और राष्ट्रवाद का स्वरूप उभरता चला गया।

इस दो सौ साल में राष्ट्रवाद के नाम पर फासीवाद भी आया जब लाखों लोगों को गैस चैंबर में डाल कर मार दिया गया। हमारे ही देश में राष्ट्रवाद का नाम जपते-जपते आपात काल भी आया और दुनिया के कई देशों में एकाधिकारवाद जिसे अंग्रेजी में टोटेलिटेरियन स्टेट कहते हैं, जिसमें आप वो नहीं करते जो राज्य और उसके मुखिया को पसंद नहीं।

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