Saturday, February 6, 2016

दिनोदिन जनता की हमसे अपेक्षा बदती जा रही हे

दिनांक ३ फरवरी को नौयडा स्थित मुख्य कार्यालय में मौलिक भारत का चोथा स्थापना दिवस आगामी समय में संस्था के विस्तार, कार्यक्रमों और रणनीति पर अनोपचारिक चर्चा साथ अगले बर्ष में अपनी सक्रियता से देश में बिशिष्ट पहचान बनाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ. राष्ट्रिय महासचिव अनुज अग्रवाल ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए संस्था के पिछले एक बर्ष की गतिविधियों एवं उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया . उन्होंने बताया के हमारे कम संख्या बल होते हुए भी सभी ज्वलंत मुद्दों पर गहन बोद्धिक चिंतन , एवं लक्ष्य केन्द्रित क़ानूनी लड़ाई के कारण संस्था निरंतर देश समाज और मिडिया में प्रशंसा और चर्चा का तो कारण बनी ही साथ ही विभिन्न सरकारी नीति निर्माण और क़ानूनी मसलो में देश को एवं संवेधानिक संस्थाओ को दिशा देने में सफल साबित हुई. अब समय संस्था के विस्तार, प्रसार और जनता से सीधे जुडाव का हे ,ऐसे में जब दिनोदिन जनता की हमसे अपेक्षा बदती जा रही हे और अधिकाधिक लोग हमसे जुड़ना चाहते हे , उसके अनुरूप हमें अपनी सक्रियता और बढ़ानी होगी. संस्था के अध्यक्ष गजेन्द्र सोलंकी , कार्यकारी अध्यक्ष इश्वर दयाल कंसल , विभिन्न पदाधिकारियों एवं सदस्यों  के सुझावो  के उपरांत निम्न निष्कर्ष सामने आये --
१)      इस दिशा में पहले कदम के रूप में शहीद चंद्रशेखर आजाद जी के बलिदान दिवस के अवसर पर दिनांक २७ फरवरी २०१६ , शनिवार को संस्था का प्रथम राष्ट्रिय अधिवेशन करने का निश्चय किया गया हे , जिसका आमंत्रण पत्र संलग्न हे .  
२)      १) संस्था के बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टी , सलाहकार मंडल,राष्ट्रिय कार्यकारणी और प्रान्तों के संयोजक/ प्रभारियों व् समितियों का पुनर्गठन प्रस्तावित हे ,इसके लिए सभी सदस्यों से २० फरवरी तक सुझाव मांगे गए हे , सुझावों के अनुरूप नए पदाधिकारियों की घोषणा राष्ट्रीय अधिवेशन के समय की जाएगी , तब तक पुराणी कार्यकारणी तदर्थ आधार पर कार्य करेंगी. इस सुझाव पर भी विचार करने का आग्रह हे की राष्ट्र, प्रान्त और जिलो में संयोजक के अलावा अन्य पद समाप्त कर दिए जाये और सब सदस्य सामान क्षमता से कार्य करे.
३)      २) संस्था के बिहार प्रान्त के लिए रविश रवि,झारखण्ड के लिए अभिनव शंकर और तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश  के लिए प्रेम शंकर प्रभारी होंगे.
४)     ३)  सुसज्जित कुमार केन्द्रीय जनसंपर्क प्रमुख होंगे .
५)    4)   सदस्यता बढ़ाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा,झारखण्ड,हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना ,आंध्रप्रदेश , मध्य पदेश, छतीसगढ़ के प्रत्येक जिले में इकैयो के गठन का लक्ष्य रखा गया हे. प्रत्येक ग्राम पंचायत में ५, तहसील स्टार पर ७, जिले स्टार पर ११ , प्रान्त स्तर पर २१ एवं केन्द्रीय स्तर पर ५१ से कम सदस्य कार्यकारणी में नहीं होंगे अधिकतम न्यून संख्या से दुगनी संख्या तक सदस्यता का विस्तार किया जा सकेगा. सदस्यता शुल्क क्रमश रूपये १०० २०० ,५००, ११०० एवं २१०० बार्षिक रहेगा .दान की कोई सीमा नहीं हे .
६)      ५)संस्था आगामी अनेक राज्यों में प्रस्तावित चुनावो से पूर्व मतदाता जागरूकता अभियान चलाएगी,
७)     ६)  संस्था अब उन्ही संस्थाओ के साथ काम करेगी जो अपने साहित्य व् प्रचार सामग्री में सदस्य मौलिक भारत अभियान का स्पष्ट उल्लेख करेंगी.
८)    ७)  संस्था किसी भी राजनीतिक दल के साथ मिलकर काम नहीं करेगी बल्कि अपने सदस्यों को स्वतंत्र रूप से वैकल्पिक नेतृत्व देने हेतु जमीनी स्टार पर कार्य करने को प्रेरित करने के साथ  ही यथासंभव सहयोग व् प्रशिक्षण देगी..और न ही किसी भी प्रकार के विदेशी चंदे को लिया जायगा।
९.) संस्था अपने सभी सदस्यों को परिचय पत्र जारी किया करेगी, जो बार्षिक सदस्यता शुल्क दिए जाने के बाद जारी किया जाया करेगा और एक बर्ष तक मान्य होगा।
१०). १३ फरवरी को दोपहर 3 बजे से दिल्ली स्थित प्रदेश कार्यालय पर राष्ट्रिय अधिवेशन की तैयारियों को सुचारू रूप देने के लिए एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे आप सब आमंत्रित हें।
 आपको याद होगा जब 20 अक्टूबर 2012 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में वैकल्पिक नीतियों और व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ हमारी पहली अनोपचारिक बैठक हुई और इस संकल्पना को आधार व स्वीकृति मिली। जिसको समग्र रूप देकर 3 फरवरी 2013 में अपने स्थापना दिवस पर राष्ट्र के सामने रखा गया। सन 2014 के लोकसभा चुनाव तक मौलिक भारत की रूपरेखा, संगठन और कार्ययोजना व्यवस्थित रूप ले चुकी थी। विदेशी पेसो से चलाये जा रहे सैकड़ो राष्ट्रविरोधी आंदोलनों के विरुद्ध मौलिक भारत उन्ही समस्याओं के भारतीय समाधान के साथ सामने आया और लाखों- करोड़ो देशवासियों को भ्रमित होने से बचाने में सफल रहा।
 हमारी प्रस्तावित नीतियों व सुझावो में से अनेको को हम सब के प्रयासों से आयी वर्तमान  केंद्र सरकार ने अपनाया जिससे देश में क्रन्तिकारी परिवर्तनों का आगाज हुआ है।
 मौलिक भारत, भारत की समस्याओ के भारतीय समाधान का पक्षधर है, जो हमारे हज़ारों साल पुराने समृद्ध अतीत में छुपी हुई हें।
राष्ट्रवाद, भारतीयता के साथ ही हम सुशासन के पक्षधर हें। व्यवस्था को जनकेंद्रित, समाज के नियंत्रण में, पारदर्शी आधुनिक और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना हमारा संकल्प है। चुनाव सुधारो व भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी पिछले तीन बर्षों की लड़ाई इसी उद्देश्य से लड़ी जा रही है। इन तीन बर्षों के हमारे संघर्ष और उपलब्धियों से सब सदस्य और राष्ट्र परिचित है अतः इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है।  जब तक भारत में राष्ट्रवादी, भारतीयता एवं सुशासन से युक्त सरकारें केंद्र के साथ साथ प्रत्येक राज्य में नहीं आ जाती, हमारा संघर्ष चलता रहेगा।
 हमारा चौथा बर्ष , निष्क्रिय सदस्यों को सक्रिय करने, अधिकाधिक सदस्य बनाने, आगामी अनेक प्रदेशो में होने वाले चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाने,नयी पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने में, बिहार, झारखंड, पश्चमी बंगाल, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश में संगठन खड़ा करने का बर्ष होगा, वहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में संगठन का विस्तार करने का ।

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