Saturday, August 20, 2016

दोहे

हुई फेसबुक से मझे, दौलत.......... इतनी गेन!
कुछ लाइक कुछ टिप्पणी, कुछ गर्दन का पेन!!
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कट्टा रूपी जीभ पे, गाली-गोली..... लोड!
लाइसेंस के बिना ही, फ़ायर ऑटो मोड़!!
चैनल-चैनल चल रहे, राजतंत्र के स्वांग!
भरी जा रही लठ्ठ से, लोकतंत्र की मांग!!
साबित करते सभी दल, हैं खुद को निर्दोष!
राजनीति होती कहां, बिना..विध्न-संतोष??
राजनीति में आ जुड़ा, ऐसा तत्त्व अनूप?
डेमोक्रेसी का हुआ, पार्टीक्रेसी..... रूप??
बिके हुए अखबार की, देखा अजब इमेज?
ख़बर हासिए में धरी, विज्ञापन फुल-पेज??
राजनीति की जब उठी, उन्हें भयंकर खाज!
नेमप्लेट पर लिख दिया, सेवक सर्व-समाज!!
जाति न पूछे खून की, कोई....नर्सिंग-होम!
खूनी रिस्ता एक है, क्या बाभन क्या डोम!!
जिसने उनको भर दिया, बड़ा...पार्टी-फ़ंड?
वो तो लड्डू पा गया, बाकी को भुज-दंड??
मैं नत मस्तक हो गया, देख महा अभियान!
तरु का छायादान तो, नर का.....कायादान!!
दिल-दिमाग पर छा गया, पैकिंग का वैल्यूम?
जब उसको खोला गया, हाथ लगा...वैक्यूम??
रुक-रुक करके क्यों नहीं, चले जीव की नब्ज़!
ऊपर ठूंसमठूंस है, नीचे नियमित........कब्ज़!!
राम-बृक्ष ऐसा उगा, मथुरा के....... उद्यान!
निगल गया कप्तान को, धरती लहूलुहान!!
पंपों पर यूं हो रहा, घटतौली का.....खेल?
छप्पन की टंकी पिए, सत्तर लीटर तेल??
वेतन से भरता नहीं, किसी-किसी का पेट?
जब तक ऊपर से नहीं, डाला...जाता वेट!!
एसी-कूलर फ्रीज त्यों, पावर...बिन बेकार!
कारतूस के बिना ज्यों, मूल्यहीन हथियार!!
आया भ्रष्टाचार का, अजब लफंगा दौर!
अंड़ा सेवे और है, बच्चा..... लेवे और!!
नंगा अपनी नंगई, पहने.............नित इतराय!
अक़्ल से अधिक भैंस को, पॉवरफुल बतलाय!!
एमएलसी के चयन की, निकट अा गई डेट?
शेयर-मार्केट हो गए, माननीय..😃.के रेट??
शब्दों से शुभ बतकही, करते सज्जन लोग!
दुर्जन करनी लतकही, के काले.......उद्योग!!
अंगारों में तेज हो, लोहा दे...........पिघलाय!
लेकिन भूसी का घुवां, भोजन पका न पाय!!
भू की इज्जत से कभी, जब होता खिलवाड़!
विचलित हो उठती तभी, नदियाँ और पहाड़!!
लूटा सबने देश को,मिला जिसे भी चांस!

जिनको मौका ना मिला,वही करे है डांस! !
झोपड़ियों में जब गया, मिला वहां.. इंसान!
लिखा हवेली में मिला, 'सावधान हैं स्वान'!!

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