Wednesday, August 17, 2016

सन्देश

संदेश
मेहरा समाज म.प्र., भोपाल के प्रयासों के अंतर्गत सामाजिक पत्रिका श्मेहरा संदेशश् प्रकाशित की जा रही है, जिसमें मेहरा समाज की गतिविधियों की जानकारी तो प्रकाशित होंगी, साथ में समाज के विवाह योग्य युवक-युवतियों की जानकारियाॅं भी शामिल की जाएंगी, जो कि हमारे सामाजिक सरोकारों के हित में है, और समसामयिक समाज उपयोगी अन्य जानकारियों को समावेशित किया जायेगा, जिससे यह पत्रिका निश्चित रूप से एवं समग्रता के साथ हमारे समाज के प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक साथी के लिए लाभदायक होगी ! अतः पत्रिका के संपादक महोदय को बहुत सारी शुभकामनाएं ! मैं हमारे समाज द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होता हूंॅं इस दौरान मुझे हमारे वरिश्ठजनों एवं सक्रिय कार्यकताओं से मिलने का अवसर मिलता है, जो कि मेरे लिए बडा ही अदभुद एवं प्रेरणास्पद रहता है ! सिवनी समाज से मैंने एक चीज सीखी है, वह यह कि अपने वरिश्ठों को कैसे खुश रखा जाए ! छिन्दवाडा से मैंने सीखा है कि समाज के लिए कैसे तुरन्त फलदायी कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ! मंडला, जबलपुर से मैंने सीखा है कि हम समाज में युवकों और वरिश्ठजनों के सामंजस्य के आधार पर प्रेरणास्पद कार्यक्रम आयोजित करें ! मैं अभी हाल ही में इन्दौर और होशंगाबाद में मेहरा गढवाल समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुआ और इन दोनों कार्यक्रमों में सामाजिक एकता का ताना बाना कैसे स्थापित किया जाए, यह देखा ! मैंने नरसिंहपुर में 2-3 सामाजिक कार्यक्रम, बैठकों में उपस्थिति दी है, वहाॅं देखा है सामाजिक सौहार्दता का अनुपम स्वरूप ! बैतूल में समाज की जिज्ञासा और कुछ करने की हमेशा ललक दिखाई पडती है !
मुझे अवसर मिलता है, समाज के भाई-बहनों, वरिश्ठजनों एवं सक्रिय व उत्साही सामाजिक कार्यकर्ताओं से बात करने का और अपनीे बातें शेयर करने का ! कुछ गंभीर बाते हैं, जिन पर आज हमें विचार करने की आवश्यकता है ! हम सभी साल में समाज सेवा के नाम पर एक श्युवक युवती परिचय सम्मेलनश् आयोजित करके अपने सामाजिक कत्र्तव्यों को पूरा हुआ, समझ लेते हैं, यह औपचारिकता हमें अपने दायरों मे ंसीमित तो कर ही रही है, साथ में इससे आपसी भाईचारा, अपनापन और सामाजिक रिश्ते भी प्रभावित हो रहे हैं ! समाज कार्य, ईश्वरीय कार्य है, आत्म शुद्धि का द्वार है ! समाज के दुख दर्द, कश्ट वेदना, अभाव-अशिक्शा, अत्याचार को दूर करना समाज सेवा के विविध रूप हैं ! एकता का प्रचार करना, नारी सम्मान, दहेज उन्मूलन, मदयनिशेध, अन्ध श्रद्धा निवारण, नैतिक आचरण की प्रेरणा इत्यादि समाज सेवा के विराट रूप हैं ! समाज सेवा छोटी हो या बडी, इसकी कीमत नहीं है ! किस भावना से अथवा किस उददेश्य से की जा रही है, उसकी कीमत है ! ये बातें हम सभी समझते भी हैं, लेकिन कैसे हो, कहाॅं से हो, यहीं दुविधा है ! वृहद लक्श्य प्राप्ति के संदर्भ में कहा जाए तो आज हमे, हमारी सामाजिक एकता की जरूरत है और उसके माध्यम से हमारे सामाजिक संगठनों को मजबूत बनाने की सर्वप्रथम आवश्यकता है !
गत वर्श जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आशीश नंदी जो कि एक समाज शास्त्री हैं, उन्होंने बडा ही दुर्भाग्यपूर्ण वक्तव्य दिया, जिसे हमारा समाज कदापि स्वीकार नहीं कर सकता एवं हम इसकी निंदा करते हैं ! आशीश नंदी ने कहा कि हमारे देश में श्एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोग सबसे ज्यादा भ्रश्ट हैंश् ! आशीश नंदी के इस घिनौने वक्तव्य पर हमारे अनुसूचित जाति के किसी भी संगठन द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं प्रकट की गई, यह कितना दुखद है कि हम हमेशा सोए रहते हैं, एक व्यक्ति खुले आम हमारे समाज को अपमानित कर रहा है और हम अलमस्त, और नींद का मजा लेते हैं ! विभिन्न न्यूज चैनलों पर आशीश नंदी के इस वक्तव्य पर कई राजनीतिक, सामाजिक एक्सपर्टाें द्वारा कई प्रकार की चर्चांए की गई एवं किसी के भी द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया एवं सर्वथा दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया ! गत दिनों एक राजनैतिक व्यक्ति ने दलित समाज को, रावण का वंशज बताया, फिर भी हम शांत रहे, कोई प्रतिक्रिया नहीं ! म.प्र. सरकार द्वारा अनुसूचित समाज के कल्याण एवं विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जाती हैं, इन योजनाओं का वित्तीय पहलू की आज की महंगाई की दरों के अनुसार संवीक्शा की आवश्यकता है लेकिन इस ओर सही ध्यान नहीं दिया गया ! सामाजिक कुरीतियों पर पिछले 50 साल से हमारे वरिश्ठजन और सक्रिय सामाजिक लोग चिंतित दिखाई देते है, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है !
हमारा समाज अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है और मैंने इस संदर्भ को लेते हुए कई बार यह कहा है कि अब समय आ गया है कि हम सिर्फ जिला स्तर पर ही नहीं अपितु प्रदेश व राश्ट्रीय स्तर पर एक हो जाएं, इसके पीछे यही कारण रहा है कि हमारे सम्मान, हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्शा सिर्फ हम ही कर सकते हैं, दूसरे नहीं ! हमें हमारी जडों को समझना होगा और इस हेतु हमारे समाज के प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक युवक-युवती, वरिश्ठजनों को अपनी अपनी भूमिका की समीक्शा करनी होगी, हम सभी सिर्फ अपने अपने परिवारों और घरों तक सीमित नहीं रह सकते ! आज आवश्यकता है परस्पर विचारों के आदान प्रदान की, समाज संगठनों के कार्यकलापों की समीक्शा और नई नई योजनाएं बनाने की जिससे कि प्रत्येक विकास की मूलभूत आवश्यकता श्मेहरा समाज की प्रदेश स्तर पर और अखिल भारतीय स्तर पर अखण्ड एकताश् को सुदृढ बनाने की ! मेरा अनुभव है कि हमारे पास पिछले 10-20 सालों से कहने लायक कुछ विशेश नहीं है, बल्कि हमारे नैतिक व्यवहार पर हमारी व्यक्तिगत महत्वकांछाएं भारी पडी हैं ! अतः आओ हम सभी दोस्त हो जाएं, भाई-भाई हो जाएं, फिर देखिए हमारी एकता की यह हलकी सी किरण, कैसे बडे स्तर पर सिर्फ हमारे सामाजिक सरोकारों के ही संदर्भ में नहीं, अपितु अखिल भारतीय स्तर पर हमारे सम्मान और संवैधानिक अधिकारों को मजबूती के साथ संरक्शित करेगी !
हमारी समिति द्वारा दिनांक 01-03-2015 को सामाजिक वेबसाइट ूूूण्उमीतंेंदकमेीण्पद लांच की जा रही है ! इसमें समाज उपयोगी समग्र जानकारियाॅ डाली जाएंगी, जिससे हमारा मेहरा समाज, समग्रता से लाभान्वित होगा ! हमें श्री धीरज पूर्वे, श्री सुनील बाबू डेहरिया और उनके साथियों का इन तकनीकि कार्यों में सतत मार्गदर्शन एवं सहयोग मिलता है, इन्हीं के सम्पूर्ण सहयोग से यह पत्रिका और यह बेवसाइट चालू की जा रही है ! हम हमारे समाज के इन साथियों के उज्ज्वल भविश्य की कामना करते हैं !
अंत में सिर्फ एक वाक्य - न्यूसेंस वैल्यू के प्रभाव को रोककर ही व्यक्तित्व निर्माण व विकास हो सकता है, जो कि हमारी सामाजिक एकता का आधार होगा !

यह पत्रिका मेहरा संदेश समाज के लिए समग्र उपयोगी हो ! 

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