Tuesday, March 15, 2016

सम्मलेन -2



  • पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन का 12वाँ प्रादेशिक अधिवेशन दिनांक 31 अगस्त 2014 को संपन्न हुआ..
    कोलकाता! पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन का 12वां अधिवेशन आज स्थानीय पूर्वांचल विद्या मंदिर सभागार, कांकुरगाछी, कोलकता-54 में बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर श्री विजय डोकानिया ने कार्यकाल (2014-16) के लिये अध्यक्ष पद का भार ग्रहण करते हुए कहा कि समाज, आर्थिक संसाधनों का अपव्यय न कर, समाज कल्याण हेतु उपयोग करें। धार्मिक आयोजन पर धन का भौंडा प्रदर्शन बन्द होना चाहिए। आधुनिकता समय की मांग है। इसके साथ ही कुरितीयां भी समाज में प्रवेश कर रही है उनसे बचने का प्रयास करना होगा। समाज में संस्कार व नैतिकता में गिरावट आई है। हमें मिलकर तमाम समस्याओं का डट कर मुकाबला करना होगा। आपने अपने कार्यकाल में शिक्षा पर विशेष महत्व देने पर जोर देते हुए नये छात्रावास बनाने की बात रखी। 
    इस अवसर पर सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष श्री विजय गुजरवासिया ने श्री विजय डोकानियां को बधाई देते हुए कहा कि समाज को जोड़ने व संगठन को मजबूत करने के लिये हर संभव सहयोग देते रहेंगे।
    इस समारोह में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री रामअवतार पोद्दार ने संगठन के विचार पर जोर दिया। पश्चिम बंगाल शाखा के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपने बताया कि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की नई डायरेक्टरी का प्रकाशन होने जा रहा है।
    सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सीताराम शर्मा ने कहा कि मारवाड़ी सम्मेलन का नाम ही स्वतः समाज सुधार है। जो अपने आप में समाज सुधार का काम करती है। मारवाड़ी समाज में जो रुप बदला वह सम्मेलन के विचारों के चलते बदला है, अपने आप नहीं बदला। इसमें सम्मेलन की बहुत बड़ी भूमिका रही है। आज हमारे समाज में पर्दा प्रथा थी, सम्मेलन के लोगों ने लाठिया खाई समारोह में जाकर महिलाओं के घुंघट खिंचे गये, जिसके चलते कई लोगों ने मार भी खाई। शिक्षा में आज चारों तरफ लड़कियां अव्वल स्थान प्राप्त कर रही है। एक समय था जब इसी समाज मं लड़कियों को सातवीं क्लास से अधिक पढ़ाई नहीं पढ़ाई जाती थी।
    आपने आगे कहा कि- समाज का काम गिनाने या बताने का काम नहीं है। इसकी भूमिका को किसी अन्य संस्था के क्रिया कलापों से नहीं आंका जा सकता है। सम्मेलन को एक वैचारिक संस्था बताते हुए कहा कि सम्मेलन के कार्य से समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ते है।
    इस अवसर पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष श्री प्रह्नलाद राय अग्रवाल ने सम्मेलन को और मजबूत करने पर जोर दिया। राजस्थानी में अपनी बात रखते हुए आपने हा कि ‘‘पैंला आपणें समाज महिला आगे कोनी आती, आज हर क्षेत्र में आपणे समाज की महिलायें आगे है। देखो! विसंगतियां और बुराई हर समाज र'वै। आपणें भी समाज में कोणी आवे, ईसी बात कोणी है। आज मोबाइल एवं मीडिया को युग है, इको असर हर तरफ देख्यो जा रहे हैं। आ बात भी सही है आ आज की जरूरत भी है। दोष देने से सिर्फ काम कोणी बन सके।
    इस अवसर पर महिला सम्मेलन के अध्यक्षा श्रीमती मंजू यादुका ने मातृशक्ति को जोड़ने पर जोर दिया। समारोह का संचालन श्री जगदीश प्रसाद पाटोदिया ने किया। श्री शिवकुमार अग्रवाल (गुजरवासिया) ने धन्यवाद दिया।
    प्रतिनिधि सभाः दूसरा सत्र
    इस अधिवेशन के मौके पर सम्मेलन द्वारा तीन प्रस्ताव पारित किये गये।

    इस अवसर पर श्री प्रमोद शाह ने मंच का संचालन करते हुए सभी प्रतिनिधियों को इस प्रतिनिधि सभा में आमंत्रित करते हुए कहा कि समाज सुधार का बड़ा विषय है। शादी-विवाह समारोह आम लोगों की पहुंच से बाहर निकलता जा रहा है। इसी प्रकार - धर्म के नाम पर आस्था के नाम पर धन का संग्रह कर - आयोजकों द्वारा धन की बर्बादी का इन दिनों प्रचलन सा बनता जा रहा है। समाज में कुछ समस्याओं पर निमंत्रण होता है तो दूसरी अन्य कई कुरूतियां एक साथ जन्म ले लेती है। श्री शाह ने आज के इन तीनों प्रस्ताव पर चर्चा समय की जरूरत बताते हुए कहा कि इससे समाज को साकारात्मक संदेश जाएगा।
    इस अवसर पर श्री शंभु चौैधरी ने कहा कि धन का प्रर्दशन समाज में प्रतिष्ठा का सूचक बनता जा रहा है। आपने कहा कि समाज मिथ्या भ्रम का शिकार हो चुका है। समाज में लोगों ने धन अर्जित किया परन्तु इस धन का लाभ उनको या उनके परिवार व उनके आस-पास के चंद लोगों को होता है। परन्तु समाज में एक समृद्ध विचार पैदा होने से लाखों लोगों को लाभ मिलता है। आज से 50-60 साल पूर्व स्व. सीताराम सेक्सरिया व स्व. भंवरमल सिंघी ने महिला शिक्षा पर काफी कार्य किया परिणाम स्वरुप आज समाज की लाखों लड़कियां उच्च शिक्षा में अग्रसर होकर समाज को समृद्व कर रही है। श्री चौधरी ने इस प्रतिनिधि सभा को भविष्य की दिशा देने में एक सार्थक कदम बताया।
    प्रस्ताव संख्या -1 : धार्मिक आडम्बर
    पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के 12वें प्रादेशिक अधिवेशन के अवसर पर यह सभा समाज बंधुओं से अनुरोध करती है कि धार्मिक आडम्बर जैसे - भागवत पाठ, अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के अवसर पर धन की बर्बादी करने से बचें।
    प्रस्तावक: श्री जगदीश प्र. पाटोदिया
    समर्थक : श्री चान्द रतन दम्माणी
    प्रस्ताव संख्या -2 : सामाजिक समारोह पर मद्यपान
    पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के 12वें प्रादेशिक अधिवेशन के अवसर पर यह सभा समाज बंधुओं से अनुरोध करती है कि सामाजिक समारोह विवाह इत्यादि के अवसरों पर मद्यपान पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करें।
    प्रस्तावक: श्री संजय हरलालका
    समर्थक : श्री प्रमोद जैन
    प्रस्ताव संख्या -3 :राजनैतिक चेतना
    पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के 12वें प्रादेशिक अधिवेशन के अवसर पर यह सभा समाज बंधुओं से अनुरोध करती है कि समाज के सभी वयस्कों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवानें एवं मतदान के दिन अपना वोट देने हेतु समाज को जागरूक किया।
    प्रस्तावक: श्री प्रकाश किल्ला
    समर्थक : श्री उत्पल जालान
    परिचर्चा में भाग लेते हुए सम्मेलन के निवर्तमान अध्यक्ष श्री विजय गुजरवासिया ने कहा कि समाज में सामाजिक व धार्मिक समारोह पर धन के भौंडे प्रदर्शन पर हर संभव रोक लगाने के लिये हमें आगे आना होगा। उन्होंने कहा समारोह का बहिष्कार ना कर उस समारोह के आयोजकों से पत्राचार करने पर बल दिया। सम्मेलन के पूर्व उपाध्यक्ष श्री नन्दकिशोर अग्रवाल ने कहा कि धार्मिक आयोजनों पर धन की जिस प्रकार बर्बादी हो रही है इसे तत्काल रोकने के लिए सम्मेलन को प्रभावशाली कदम उठाना चाहिए। इस प्रतिनिधि सभा में श्री गोपी धुवालिया, श्री उत्पल जालान, श्री संजय धानुका, श्री जगदीश प्र. पाटोदिया, श्री चान्दरतन दम्मानी, श्री बिमल कुमार चौैधरी, श्री प्रमोद जैन, श्री प्रमोद गोयनका, श्री सत्यनारायण अग्रवाल, श्री प्रकाश किल्ला व श्री रामनिवास चोटिया ने हिस्सा लिया। सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गये। इस अवसर पर बिहार से श्रीमती सुषमा अग्रवाल, श्री बसन्त मित्तल, झारखण्ड से, श्री शिवकुमार लोहिया, राष्ट्रीय महामंत्री, श्री आत्माराम सोंथालिया, श्री गोपाल अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, श्री श्याम लाल डोकानिया, श्री संजय हरलालका, श्री कैलाश तोदी, श्रीमती बिमला डोकानिया, श्री नन्दकिशोर अग्रवाल, श्री प्रमोद शाह, श्री देवकुमार सराफ, श्री किशनलाल बजाज आदि कई सम्मानित सदस्य समारोह में उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री शंभु चौैधरी, श्री सत्यनारायण अग्रवाल सीए, श्री नरेश डालमिया, श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, श्री सुदेश अग्रवाल, श्री संजय भरतिया, श्री अनिल डालमिया, श्री प्रमोद गोयनका, श्री प्रदीप जीवराजका आदि सदस्य सक्रिय थे। समारोह में बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे। इस अधिवेशन पर पहलीबार 100/- पंजीकरण शुल्क के रूप में लिया गया था।
  • No comments:

    Post a Comment