प्रश्न मांस का नहीं
आस्था-भावना का है,
आस्था-भावना का है,
एक महिला-लेखिका
( शोभा डे ) की टिपण्णी
( शोभा डे ) की टिपण्णी
"मांस तो मांस होता है ,चाहे गाय का हो या बकरे का, फिर हिन्दू जानवरों के प्रति अलग अलग व्यवहार का क्यों ढोंग करते है की बकरा काटो पर गाय मत काटो ,
ये मुर्खता है की नहीं "
ये मुर्खता है की नहीं "
मेरा जवाब -
1.मर्द तो मर्द होता है ,चाहे भाई हो या पति या बेटा फिर तीनो के साथ आप अलग अलग व्यवहार क्यों करती है ,
क्या संतान पैदा करने के लिए पति ही जरुरी है ?
भाई मित्र या बेटे के साथ भी वही व्यवहार कर बच्चे पैदा किया जा सकता है फिर अलग अलग मर्द के साथ अलग अलग व्यव्हार का ढोंग क्यों
ये आप की मुर्खता है की नहीं ?
1.मर्द तो मर्द होता है ,चाहे भाई हो या पति या बेटा फिर तीनो के साथ आप अलग अलग व्यवहार क्यों करती है ,
क्या संतान पैदा करने के लिए पति ही जरुरी है ?
भाई मित्र या बेटे के साथ भी वही व्यवहार कर बच्चे पैदा किया जा सकता है फिर अलग अलग मर्द के साथ अलग अलग व्यव्हार का ढोंग क्यों
ये आप की मुर्खता है की नहीं ?
2. आप अपने बच्चों पति को नाश्ते में दूध तो देती होंगी?
जाहिर हैं वो गाय या भैस का ही
होगा
आप कुतिया का दूध क्यों नहीं पिलाती आखिर दूध तो दूध है
हैं की नहीं
फिर दूध पिलाने में मूर्खता क्यों
जाहिर हैं वो गाय या भैस का ही
होगा
आप कुतिया का दूध क्यों नहीं पिलाती आखिर दूध तो दूध है
हैं की नहीं
फिर दूध पिलाने में मूर्खता क्यों
प्रश्न मांस का नहीं आस्था और भावना का है जिस तरह भाई पति,और बेटे का सम्बन्ध भावना और आस्था के आधार पर चलता है उसी प्रकार गाय ,बकरा या कुतिया भी हमारे भावना का आधार है
हर जगह एक ही नियम लागु नहीं होता लेखिका साहिबा जी
हर जगह एक ही नियम लागु नहीं होता लेखिका साहिबा जी
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