आईये हम सब एक प्रतिज्ञा ले कि हम अपने समाज मे व्याप्त कुरितियों, भेदभाव एवं छुआछुत से लडेनें के लिये प्रतिबध होवेंगें ओर इनका पूरजोर विरोध करेंगें ओर देश और समाज की प्रगति मे विशेष भागीदारी निभाने के लिये प्रयास करेंगें, तो समाज इस विकास की दौड में सम्मिलित हो सकेगा। समाज के हर नागरिक का कर्तव्ये है कि सब मिलकर अपनी भागीदारी निभायें तो प्रगति की राह समाज को जल्दय मिल सकेगी। कुछ समाज के लोग शासकीय नोकरियों मे लग गये है पर वो समाज से हट कर चलने लगे है जैसे नोकरी वाले नोकरी वालों के यहॉ ही सम्बंलध करना पसन्दे करते है तथा अन्य समाजों मे भी अपने बच्चोंस का संबंध करने लगे है इस प्रकार की मानसिकता से हमे बचना पडेगा। समाज के पिछे छुटे गरीब वर्ग को आगे बढाने का प्रयास करना होगा। एवं साथ ही साथ समाज की एकता अखण्डमता और देश को साथ लेकर चलने का प्रयास करे ताकि रैगर समाज गौरव महसूस कर सकें आज हमारे समाज को विद्वान, बुद्धिजीवी, अनुभवी और समाज सेवा वाले व्येक्तियों की जरूरत है। हमे अपने समाज को आपस मे मिल कर बांधकर रखना होगा नहीं तो समाज दिशाहीन होकर लुप्त हो सकता है। जिस प्रकार एक व्यलक्ति अपने परिवार की पूर्ण जिम्मेदारी उठाता है उसी प्रकार उसे इस बात को भी समझना होगा की परिवार समाज का ही एक हिस्सात है ओर जितनी जिम्मेरदारी उसकी अपने परिवार के प्रति है उतनी ही अपने समाज के प्रति भी होना चाहिये। आज के युवा वर्ग द्वारा इस महत्व पूर्ण जिम्मेेदारी को ईमानदारी से निभाना होगा। आईये हम सब मिलकर समाज की बुराईयों, कुरितियों, रूडिवादिताओं से उबारतें हुए समाज को नई राह दिखाये, ओर समाज के प्रति अपने कर्त्तव्यि का निर्वाह करने का सफल प्रयास करें।
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