Thursday, November 12, 2015

करवा चौथ की कविता भावपूर्ण शुभकामनाये



करवा चौथ की शुभकामनाये~~~~~
आंखो में काजल, मांग सिन्दूरी,
माथे पर चमके है बिंदिया,
चुनर है लाल, केश लहराते,
गहनों से सजे हैं अंग भी सारे...
करे सोलह श्रंगार, निहारे दर्पण, रूप मनभावन,
चूड़ी पायल की खनक सुन जाग गए साजन,
इत्र तो नहीं फिर किसकी आज सुगंध है ये,
थम गई दृष्टि, देखा कि मेहंदी की सौरभ बिखेरती हथेलियां हैं ये...
सजा रूप देखकर चौंके ऐसे,
मुस्कुराये ! और पूछ बैठे,
क्यूं है आज सौंदर्य पर इतना साज,
विशेष है क्या कुछ आज ???
सजनी बोली हंसकर,
है ये एक पर्व खास,
मिले आपको आयु लम्बी,
इस हेतु रखूंगी आज दिन भर उपवास...
रात्रि में चंद्रमा को देख,
निहारूंगी जब आपका चेहरा,
आपके ही हाथों से तब लेकर,
जल मिष्ठान होगा यह व्रत पूरा...
रहेगी मां चौथ की कृपा आप पर,
दीर्घायु आप पाएंगे,
मिले वैभव आपको जीवन में सारा,
तो अनुष्ठान ये होगा पूरा...
प्रिय उठकर नजदीक फिर आए,
बोले मेरे सारे वैभव तो हैं तुझमें समाए,
तेरी खिलखिलाती हंसी में ही तो मेरा सम्पूर्ण जीवन है,
तेरा हाथ मेरे हाथ में रहे, बस यही क्या कम है...
मैं तो संग तेरे जीना चाहूँ,
फिर कैसे अकेले लम्बी आयु का तुझसे ये उपहार पाऊँ,
उपवास सजनी तू मेरे लिए रखे,
तो क्यूं ना मैं भी तूझ संग इस उपवास का हिस्सा बन जाऊँ...
तेरी आशीषों में मैं दीर्घ जीवन पाऊँ,
तो क्यूं ना अपनी मन्नतों में तुझे उस दीर्घ जीवन का साथी कर लाऊँ...
लेकर बाहों में फिर बोले,
पगली ! तेरे संग ही मुझे जीना है,
हर स्वप्न को संग रहके ही हमें साकार करना है...
तुझ संग मैं भी आज निर्जल और संयमित रह लूँ,
चौथ की पावनता में कली तू मुझे मांग ले मैं तुझे पा लूं
- बीना कली जैसानी

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