57 🌷🌷 संस्कार ..!!
एक संत ने एक द्वार पर दस्तक दी और आवाज लगाई भिक्षां देहि’..!!!
एक नन्ही बालिका बाहर आई और बोली, ‘‘बाबा, हम गरीब हैं, हमारे पास देने को कुछ नहीं है।’’
एक नन्ही बालिका बाहर आई और बोली, ‘‘बाबा, हम गरीब हैं, हमारे पास देने को कुछ नहीं है।’’
संत बोले, ‘‘बेटी, मना मत कर, अपने आंगन की धूल ही दे दे।’’ लड़की ने एक मुट्ठी धूल उठाई और भिक्षा पात्र में डाल दी ।
शिष्य ने पूछा, गुरु जी, धूल भी कोई भिक्षा है ? आपने धूल देने को क्यों कहा ?’’
संत बोले, ‘‘बेटे, अगर आज ना कह देती तो फिर कभी नहीं दे पाती । आज धूल दी तो क्या हुआ, देने का संस्कार तो पड़ गया । आज धूल दी है, कल .फल-फूल भी देगी ।’’
मित्रो एक बात जो मैंने जानी है नास्तिक वो नहीं होता जो मन्दिर ना जाये या पूजा पाठ न करे नास्तिक वह होता है जो हर बात को नकारात्मक रूप में ले और नकारात्मक सोच की शुरुआत बचपन से पड़ जाती है । 🌷🌷
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