Sunday, April 3, 2016

भाषण और चुनाव

शीर्षक :- आज का चुनाव ऐसे जीतते है |
मित्रो, मै भाषण नहीं लिख रहा हूँ, एक आम आदमी की व्यथा लिख रहा हूँ, जब-जब हमारे देश में लोक सभा, विधान सभा, ग्राम सभा या जिला स्तर पर कोई चुनावी प्रकिया की घोषणा होती है, तो हर वह नेता जो वोट मांगने जाता है, उसका एक जीता- जाता चरित्र चित्रण प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
## दृश्य - १ ##
नेता जी चमचमाती सफ़ेद रंग की कार से सफ़ेद कुर्ते पाजामें में अपने गुर्गो के साथ ऐसे उतरते है, जैसे गाव का मासिहा आ गया हो |
गाड़ी से उतारते ही नेता जी का स्वागत होता है, जैसे की नई नवेली दुल्हन, हर कोई चूम लेना चाहता है, छु कर देख लेना चाहता है, परखना चाहता है, कुछ तो मौका देखते रहते है, कुछ कहना था, यही कह दू क्या ?, नेता जी बुरा न मान जाये कही?,
ये मुन्ना पागल हो क्या बे, नेता जी को मंच पर तो आ जाने दो, अरे ससुर के नाती हम है न, सिफारिस कर देंगे तुम्हारी, अरे लल्लन समझाओ बे, हमरे साथ उठ बइठ है नेता जी से, काम हो जायेगा बे, हा नहीं तो पागलाओ जिन।  
चलिए नेता जी, ये कलुवा नारा लगाओ,
नेता जी- जिन्दाबाद, नेता जी - जिन्दाबाद, नेता जी - जिन्दाबाद,
नेता नहीं बेटा है, इसी जमीन से नाता है......... ।

आगे वालो नेता जी , जिन्दाबाद , पीछे वालो नेता जी , जिन्दाबाद , और जोर से नेता जी , जिन्दाबा

तभी अचानक से इतने बड़े समारोह में

## दृश्य -२ ##

“एक मिटटी से पुता हुआ , नाक सुदकता , रोता विलखता, नंगा ४ साल या ५ साल का बच्चा वहा दिखता है, तभी बंड की आवाज थम जाती है,
$ नेता जी आगे बढते हुए बच्चे को गोद में उठा लेता है और पुचकार कर उस बच्चे की नाक अपने चमचमाते सफ़ेद एक दम सफ़ेद कुर्ते से उंसकी पिली सुबकती नाक पोछ देते है,। $
और फिर , फिर क्या ? गुरु छा गए नेता जी , जिन्दाबाद , भाई नेता जी , जिन्दाबाद , नेता जी , जिन्दाबाद  नेता जी हाथ हिलाकर सबको शांत करते हुए कहते है।

## "ये बच्चा भारत माँ का भविष्य है, ये लाडला है, भारत माता का, यही इस गाव की तक़दीर है "##

जेब में हाथ डाल के नेता जी बच्चे को पार्ले जी का एक पैकेट बिस्कुट देते है |

##  दृश्य - ३ ##
मंच लगा हुआ है, दीप प्रजवलित कर नेता जी बोलना शुरू करते है ।
यहाँ किराये पर आये हुए दिहाड़ी मजदूर भाइयो माताओ और बहनोई की बहनो , मेरा आपको आभार जो आप यहाँ आये ।

जैसा कि मैंने पिछले १० साल पहले  भी कहा था कि
१- भारत एक गरीब देश है, इसको अनेको अनेको बार लुटा गया |
२- अंग्रेजो ने भारत को गुलाम बनाया और भारत माता को जंजीरों से जकड दिया, भारत वीरो की भूमि रही है |
३- भारत कभी सोने की चिड़िया कहलाता था, आज भुखमरी की कगार पर है |
४- भारत को अंग्रेजो ने लुटा और सारा धन इंग्लैंड ले गए |
५- भारत माता के लिए मै आज संघर्ष कर रहा हू, छोटे -छोटे बच्चो को रोते देख कर मेरा मन बच्चा हो जाता
है |
६- किसान भाई आज आत्महत्या कर रहे है, जिस खेत से सोना उगलता था आज उसी जगह किसान को मौत
निगल रही है |
७- एक किसान पुरे परिवार के साथ पुरे देश का पेट भरता था आज पुरे परिवार को देश के निति ने सड़क पर ला खड़ा कर दिया है |
८- जिस किसान ने मेहनत मजदूरी कर शिक्षित होने में हमें - आपको सहयोग किया वह दो रोटी की भीख मांग रहा है |
९- देश के युवा - युवतीया पच्छिमी सभ्यता की तरफ बेलगाम घोड़े - घोड़ी की तरह अग्रसर है |
१० - देश की इज्जत आज आप गाव के लोगो के हाथ में है , मै जानता हू, और मेरा पूरा विस्वास है की इस चुनाव में ये पूरा गाव मुझे भारी मतों जितायेगा और मै वायदा करता हू की एकबार फिर इस गाव के लोगो को मै निरास नहीं करूँगा |

नेता जी की बाते इतनी ही नहीं थी तालियों की गूंज में बैठे बहुत से लोग समस्याओ को पर्ची लिए बैठे है, सोच रहे है, कब मौका मिले, नेता जी से पूछे मेरे काम का क्या हुआ
मेरा राशन कार्ड नहीं बना,
लड़के का स्कूल में दाखिला है चिठ्ठी लिखवाना है
नहर में पानी नहीं है, बाड़ आई थी उसका मोवाव्जा नहीं मिला
इस बार वरिश नहीं भइ, का खाहिये का कमैहे ,
महगाई इतनी बड गयी है
?? ? ?  ?  
ये भैया लल्लन, मौका मिले तो नेता जी को हमार पर्ची देइ देते ईलो  येमा १०० का नोट लगा दिया है तोहरे लिए ,
अरे चाचा, बस इतना ही, अच्छा चलो १०० रूपया और दिहो तो काम हो जाये

नेता जी, फिर एक गिलाश पानी पिने के बाद,

११- मै जनता हूँ  आप सबके पास बहुत ही समस्याए है, लेकिन देश की समस्या उससे बड़ी है
१२- गाव में २४ घंटे बिजली, नाली , साफ सफाई , शौचालय, पक्के घर, पक्की सड़के, हर घर में पिने योग्य पानी, अस्पताल, और सरकारी स्कूल जहा बच्चे मुफ्त में पढ़ लिख कर विद्वान बन सके औ। ..... र

........ नेता जी , जिन्दाबाद , ......... नेता जी , जिन्दाबाद , …
नेता नहीं बेटा है, इसी जमीन से नाता है......... ।

१३ - गाव में हर बेटी को एक साइकिल और हर लड़के को एक रेडियो और गर्भवती माताओ को एक बनारसी साड़ी, दादी-आम्मा लोगो को चार धाम की मुफ्त यात्रा खाना पीना और रहना वापसी के साथ, किसान भाइयो को बिज और मुफ्त की खाद,.........

....... नेता जी , जिन्दाबाद , ......... नेता जी , जिन्दाबाद , …
नेता नहीं बेटा है, इसी जमीन से नाता है.........

........ देने का मेरा मन है.......

जनता जोरो से झूम उठी .......नेता जी, जिन्दाबाद , ..............नेता जी .

नेता नहीं बेटा है, हमारे गाव का देवता है

नेता जी धीरे से कहते हैं ......... इस बार के जीत के बाद |

१४- अगले चुनाव के बाद आप देखेंगे की सड़के फ़िल्मी हिरोइनो के गाल की तरह और नालियों  से कचरा ऐसे निकलेगा जैसे गुटली निकलती है सडे आम की तरह, मकान होंगे ऊँचे, आपके सपनों के ऊँचे असमान की तरह

, ................. नेता जी , जिन्दाबाद , ...... नेता जी , जिन्दाबाद , …

१५- जैसा की आप सभी जानते है, पिछले ५ वर्ष में हमें एक पैसा कही से किसी प्रकार का ---- पीछे से---- नहीं मिला , फिर भी मैंने पूरी कोशिश करके आप सबका मान बढाया |
१६ - किसी भी प्रकार का कोई भी संशय हो, समस्या हो, तो मै आप सबके बिच  में ही  रहता हूँ  आप सब , कलुवा, लल्लन , मुन्ना या शीधे मुझ से कह सकते है |

इसी के साथ मै आप सबका आशीर्वाद लेता हू और उस छोटे मासूम बच्चे की माँ को एक बोरी गेहू , चावल, साडी , ५०० नगद और बच्चे को रेल गाड़ी देता हू |
धन्यवाद्
नेता जी , जिन्दाबाद , , नेता जी , जिन्दाबाद , नेता नहीं बेटा है, हमारे गाव का देवता है, नेता नहीं बेटा है, हमारे गाव का देवता है

## दृश्य - ०४ ##
ये लल्लन भाई, मेरी पर्ची लगा दो न, बड़ी तकलीफ है,
अच्छा गाँधी जी लगा दिए हो न ५० रूपए थे लगा दिया है ,
अबे पागल है का बे टाइम ख़राब कर रहा है,
ये, ये बुद्धिया, २०० रूपए आ गए क्या ,
हँ,
का काम है एक चिठ्ठी लिखा दो,
ये ले सादा पन्ना लिखा लियो जो चाहे तू तो अपना आदमी है , जा मौज कर |
ये लल्लन कितना माल आया बे, भाई १ लाख हो गए, बहुत बढ़िया, आज शाम का काम तो हो गया |
नेता जी , जिन्दाबाद , , नेता जी , जिन्दाबाद , ..............नेता जी , जिन्दाबाद , , नेता जी , जिन्दाबाद ,
मंच से नेता जी चले गये सभा समाप्त, सामने की भीड़ समस्याओ की चिठ्ठी कुछ दे गयी कुछ अपने साथ ले गयी कुछ मन में कुछ तन में,
किस्मत को अपने कोसते हुए नेता जी की जय करते हुए करवा आगे बड गया .

## दृश्य - ०५  ##

चुनाव हुआ,
भोला भाला गाव का ईमानदार आम आदमी फिर ठगा गया उसको सिर्फ ये याद था कि नेता जी बड़े आदमी हैं उन्होंने गरीबो का मान किया नंगे बच्चे कि नाक पोछ दी अपनी धोती कि परवाह नहीं कि ,
## एक बच्चे ने चुनाव जीता दिया, नेता जी जीत गए, और उस बच्चे को भूल गए |##
“ भारत का भविष्य किसान है, कह कह कर सब लुट गए ।
पीड़ा मिली भोले मन को, मौज मिला दोगलेपन को |”
इस देश में ऐसी बिडम्बना रोज देखने को मिलती है, और अब तो ऐसा लगता है की ये सब कुछ भारत देश के लोगो की जिस्म में खून की तरह हो रहा है, जल्द ही इस सामाजिक बीमारी की रोक थाम नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब हम लोग शिक्षित और समृद्ध होते हुए भी दुसरे देशो के तलवो के निचे मसले जायेंगे , भ्रष्ट राजनीती और कुछ व्यावासिक सोच रखने वाले ब्यूरोक्रेट लोग देश को बेच कर बिज़नस कर लेंगे और हम गुलाम बन कर मन से फकड़ स्वतंत्र कहलायेंगे ।
इस देश की मान - मर्यादा, इज्जत, धर्म , संस्कृति और तकनिकी को दाव पर लगा चुके कुछ स्वार्थी नेता हमारी नारीओ, परमपराओ को भी मिटा देना चाहते है, अब भी वक्त है, इन बहरूपियो को इनकी सही जगह दिखने की, गाव के भोले भाले मासूम लोगो को शिक्षित कर मजबूत करने और कृषि कार्यो को बढावा देने की, जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सके |

जय हिन्द, जय भारत

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