सप्रे संग्रहालय में स्थापना दिवस समारोह राज्यपाल राम नरेश यादव ने आज यहाँ माधवराव सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल के 28 वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाचार-पत्रों और पत्रकारों पर देश और समाज को सही दिशा देने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पत्रकार और लेखक अपने शब्दों और विचारों से देश में नया जन-जागरण ला सकते हैं। श्री यादव ने कहा कि पाठक छपे हुए शब्दों पर भरोसा करते हैं, इसलिए पत्रकार अपने लिखे शब्दों के प्रभाव और परिणामों पर विचार अवश्य करें।राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि भारत में पत्रकारिता और राष्ट्रीय पुनर्जागरण का आंदोलन साथ-साथ चले हैं। इस संग्रहालय में संग्रहीत पुराने जमाने के पत्र-पत्रिकाओं की इबारत में समकालीन इतिहास के सूत्र और साक्ष्य दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम, समाज सुधार के आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन आदि की समूची श्रंखला इन जर्जर पृष्ठों में सुरक्षित है। श्री यादव ने कहा कि भारत की महान विभूतियों के व्यक्तित्व और कृतित्व का अभिज्ञान पूरी प्रमाणिकता और जीवंतता के साथ यहाँ होता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह भारतीय पत्रकारिता का तीर्थ है। राज्यपाल ने कहा कि यह शोध संस्थान राष्ट्रीय बौद्धिक धरोहर के संग्रहण और संरक्षण का महत्वपूर्ण दायित्व निभा रहा है। उन्होंने श्री विजयदत्त श्रीधर को इसी वर्ष राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी।राज्यपाल ने इस अवसर पर तीन पत्रकार को राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कारों से सम्मानित किया। माधवराव सप्रे राष्ट्रीय पुरस्कार दैनिक भास्कर'' नागपुर के ग्रुप एडीटर श्री प्रकाश दुबे को सुसम्पादन और रचनात्मक लेखन के लिए दिया गया। लाल बलदेव सिंह राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार राजस्थान पत्रिका'' समूह के उप संपादक श्री भुवनेश जैन को धारदार पत्रकारिता के लिए प्रदान किया गया, जो उनकी अनुपस्थिति में पत्रिका के भोपाल स्थित प्रतिनिधि श्री हरीश मलिक ने ग्रहण किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में किसी विशिष्ट अवदान के लिए इसी वर्ष से शुरू किया गया पहला महेश गुप्ता राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार स्वतंत्र वार्ता'' हैदराबाद के डा. राधेश्याम शुक्ल को दक्षिण भारत के अहिंदी भाषी क्षेत्र में उत्कृष्ट समाचार सम्पादन के लिए दिया गया। पुरस्कारों का प्रशस्ति-वाचन संस्थान की निदेशक डा. मंगला अनुजा ने किया।राज्यपाल श्री यादव ने इस अवसर पर पटि्टका का अनावरण कर संस्थान के कान्फ्रेंस हाल और उन्नयन कार्यों का शुभारभ किया। ज्ञातव्य है कि होशंगाबाद क्षेत्र से लोकसभा के सांसद उदय प्रताप सिंह ने इन उन्नयन कार्यों के लिए सांसद निधि से 10 लाख की राशि प्रदान की है।समारोह के अध्यक्ष नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि देश में सप्रे संग्रहालय समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं का एक मात्र और अनूठा संग्रहालय है। सन् 1511 से आज तक 400 से अधिक वर्षों के समय के समाचार-पत्र,पत्रिकाएँ, दस्तावेज और संदर्भ- सामग्री शोध-छात्रों के लिए एक अमूल्य निधि है। उन्होंने कहा यह संग्रहालय लगन,समर्पण और लक्ष्य प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है। श्री गौर ने संग्रहालय की शुरूआत से अभी तक के विभिन्न पड़ावों की चर्चा करते हुए कहा कि भोपाल के लिए पत्रकारिता का यह तीर्थ गर्व की बात है। यहाँ संकलित बहुमूल्य सामग्री हमारी बौद्धिक विरासत की रोचक झाँकी प्रस्तुत करती है।सांसद उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आज के भौतिक युग में देश की परम्पराओं और अतीत की धरोहर और भविष्य की सम्भावनाओं को एक जगह संजोने की सोच के साथ किया गया ये उपक्रम सचमुच प्रणाम के योग्य है। श्री सिंह ने कहा कि समाचार-पत्र आम आदमी की मनःस्थिति तय करते हैं। उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया कि वे अच्छाई और बुराई दोनों को बिना किसी लाग- लपेट के पाठकों के सामने रखें। श्री सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में पत्रकारिता में भी परिवर्तन आया है। स्थितियों को जस का तस न रखना चिंता का विषय है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे इस दिशा में भी विमर्श करें।संस्थान के संस्थापक संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि यशस्वी और तपस्वी श्री माधवराव सप्रे ने इस देश और समाज को कई ऐसे बड़े पत्रकार और सम्पादक दिये हैं जिन्होंने इस देश के जन और मन को नई दिशा और नई सोच दी है। उन्होंने संग्रहालय को राष्ट्रीय बौद्धिक धरोहर का संरक्षण और संकलन करने का साकार संकल्प बताया। श्री श्रीधर ने बताया कि हाल ही में 19 जून को सप्रे जयंती पर संग्रहालय ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर से सप्रे पीठ' की स्थापना के लिए एक एमओयू हस्ताक्षरित किया है।कार्यक्रम के दूसरे चरण में पुरस्कृत पत्रकारों और सम्पादकों ने विमर्श के तहत कौन रोकता है अच्छा और सच्चा लिखने से'' विषय पर व्याख्यान दिये।पूर्व में राज्यपाल राम नरेश यादव ने माँ सरस्वती और श्री माधवराव सप्रे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। संस्थान निदेशक डा. मंगला अनुजा ने राज्यपाल को श्री विजयदत्त् श्रीधर द्वारा लिखित पत्रकारिता का इतिहास'' के दो खण्ड का एक सेट भेंट किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री रामेश्वर नीखरा, संस्थान के अध्यक्ष श्री नूरूल हसन नूर, उपाध्यक्ष श्री विष्णु ठाकुर, श्री शिवकुमार अवस्थी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment