Thursday, May 5, 2016

सामूहिक विवाह सम्मेलन

जयपुर। श्री नामदेव छीपा समाज युवा समिति जयपुर की ओर से सातवां सामूहिक विवाह सम्मेलन देवउठनी एकादशी 22 नवम्बर को आयोजित किया जाएगा।  समिति ने इसमें 51 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य रखा है। अब तक 21 से अधिक जोड़ों का पंजीयन हो चुका है। विवाह सम्मेलन का आयोजन महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय संस्थान, सेक्टर 3, आरटीओ ऑफिस के सामने, विद्याधर नगर में होगा।
समाज में समता, समानता, सहृदयता व मितव्ययता को बढ़ावा देने और दहेज प्रथा को खत्म करने की दिशा में नियमित रू प से सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दूरदराज से आए हजारों समाजबंधुओं की मौजूदगी में कई जोड़े परिणय सूत्र में बंधते हैं। वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले इस विवाह सम्मेलन की अलग पहचान कायम हो चुकी है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इस बार भी सम्मेलन को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
वैवाहिक कार्यक्रम
20 नवम्बर को दोपहर 2 बजे संत नामदेव की शोभायात्रा एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। 21 नवम्बर को सुबह 10 बजे गणेश पूजन होगा। इसी दिन दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 22 नवम्बर को सुबह थाम पूजन व वेदी पूजन होगा। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक निकासी होगी। दोपहर 2 बजे शाम 5 बजे पाणिग्रहण संस्कार होगा। शाम 7 बजे आशीर्वाद समारोह व विदाई समारोह होगा। समारोह में अतिथियों और समाजबंधुओं की मौजूदगी में नवदम्पती को अनेक उपहार देकर उनके सफल दाम्पत्य जीवन की कामना की जाएगी।
देखने लायक होगा नजारा
हजारों समाजबंधुओं की मौजूदगी और उनके आशीर्वाद के बीच कई नवयुगल गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे। एक ही पांडाल में कई वेदियां सजेंगी। वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज के बीच नवयुगल पवित्र अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर नव दाम्पत्य जीवन शुरू करेंगे। इससे पहले सामूहिक निकासी होगी।
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कालापीपल मंडी । मुख्यमंत्री सर्वधर्म सामूहिक विवाह योजनांतर्गत बुधवार को कालापीपल में 106 नवयुगल परिणय बंधन मे बंधे। नये मंडी प्रांगण में गायत्री पद्घति से वैवाहिक रस्में पूरी करवाई गई।
सम्मेलन स्थल पर प्रातः 7 बजे से ही वरवधुओं के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। गर्मी की तपिश देखते प्रातः 9 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ हो जाना था लेकिन कुछ जोड़ों के समय पर नही पहुंचने के कारण यह कार्यक्रम 10.30 बजे प्रारंभ हुआ। विधायक इंदरसिंह परमार, जिला पंचायत अध्यक्ष लीलादेवी परमार, जनपद अध्यक्ष मधुरमेश मालवीय ने मां गायत्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। शुजालपुर गायत्री शक्तिपीठ से आए यज्ञाचार्य बापूलाल विश्वकर्मा, लखनलाल परमार, दामोदरप्रसाद शर्मा, नंदकिशोर लेवे, शंकरलाल परमार ने मंत्रोच्चार के साथ वैवाहिक रस्मे प्रारंभ करवाई। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सहयोग दिया। सभी जोड़ों ने जीवन भर साथ निभाने की प्रतिज्ञा ली। रस्में पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधियों ने एक-एक वेदी पर जाकर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक इंदरसिंह परमार ने कहा कि यह एक ऐसा क्षण है जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था। मप्र के मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता प्रकट करते हुए ऐसी अनोखी योजना लागू की है। मैं उनकी और से सभी वरवधुओं को आर्शीवाद एवं शुभकामनाएं देता हूं । कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष लीलादेवी परमार, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्रसिंह बैस, पूर्व विधायकद्वय फूलसिंह मेवाड़ा, बाबुलाल वर्मा, मंडी अध्यक्ष कालापीपल तेजसिंह राजपूत, शुजालपुर अध्यक्ष कैलाश सोनी, जनपद अध्यक्ष एवं कार्यक्रम अध्यक्ष मधुरमेश मालवीय, जिला पंचायत सदस्य नवीन शिंदे आदि ने भी संबोधित करते हुए वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया। एसडीएम श्री चुंडावत ने बताया कि यहां प्रत्येक जोड़े को 16 हजार की सामग्री एवं कन्या के नाम से 6 हजार की एफडी दी जा रही है। इसमें शामिल विकलांग जोड़ों को योजनानुसार 25 हजार की राशि अलग से दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिलाधीश प्रमोद गुप्ता भी आनेवाले थे लेकिन मुख्यमंत्री कान्फ्रेंस होने से नही हो सके उन्होंने सभी को शुभकांमनाएं दी हैं। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य हर्षवर्द्घन चतुर्वेदी ने किया। मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन पर राजकीय शोक होने के कारण मंच पर पुष्पमालाओं से स्वागत नहीं किया गया।
फिर से मंत्रों से गूंज उठा पंडाल
सम्मेलन के दौरान जहां पूरा पंडाल मंत्रों की ध्वनि से गूंज रहा था वर-वधु अग्नि के समक्ष सात फेरे ले रहे थे वहीं 104 नंबर के हवन कुंड की अग्नि भी प्रज्वलित नहीं हो पाई। यहां खेड़ा बोल्दा (शुजालपुर) से आई दुल्हन मधुबाई अपने जीवन साथी का इंतजार कर रही थी। लेकिन धीरे-धीरे वैवाहिक रस्मे पूरी होते देख उसके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी। वरवधुओं की बिदाई होने लगी लेकिन दूल्हे का कहीं पता नहीं था। जब दूल्हे अपनी दूल्हनों को बिदा कर ले जा रहे थे तब मधुबाई का दूल्हा रूपेश गोरियाखेड़ा (राजगढ़) से विवाह पंडाल में पहुंचा। यज्ञाचार्यो ने भी तत्परता दिखाई । कर्मचारियों ने तुरंत हवन कुंड के समक्ष दोनों को बिठाकर वैवाहिक रस्मे पूरी की।
उच्च शिक्षित युवक ने किया विवाह सम्मेलन एक उच्च शिक्षित युवक ने अपना विवाह सामूहिक विवाह सम्मेलन में करवाते हुए सभी के सामने मिसाल पेश की। ग्राम कादीखेड़ी 23 वर्षीय युवक मोहन पिता हिम्मतसिंह मेवाड़ा ने इंदौर से बीई की शिक्षा पूरी करने के बाद वह अब दिल्ली में रहकर गेट की तैयारी कर रहा है। उसने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे अपनी संगिनी चिंताबाई पिता गोपालसिंह के साथ विवाह रचाया। मोहन ने बताया कि उसने दोनों पक्षों को ध्यान मे रखते हुए इसमें विवाह करना उचित समझा।जनप्रतिनिधियों ने भी इस जोड़े के पास जाकर युवक के विचारों की प्रशंसा की ।
विकलांग जोड़े ने लिए सात फेरे
सम्मेलन के दौरान एक विकलांग जोड़े ने भी अग्नि के समक्ष सात फेरे लिए। दुल्हन वर्षाबाई पिता मोहनलाल पाटीदार ग्राम उगली एवं दुल्हा सुरेश पिता मदनलाल पाटीदार ग्राम झरखेड़ा दोनों ही पैरों से विकलांग हैं। विधायक इंदरसिंह परमार ने इस जोड़े के पास जाकर आर्शीवाद दिया। शासन द्वारा इन्हें 25 हजार की अतिरिक्त राशि दी गई ।
जोड़ो को दिए उपहार
विवाह पांडाल मे वैवाहिक रस्मो के बाद शासन की योजनान्तर्गत उपहार सामग्री वितरित की गई। मंच पर प्रतिकात्मक रूप से पांच जोड़े को अतिथियों ने शासन की योजनान्तर्गत सिलाई मशीन, पलंग, गादी, बर्तन, जेवर, गैस टंकी उपहार में दिए। वहीं विधायक श्री परमार ने सभी जोड़ों को एक-एक दीवार घड़ी एवं टिफिन भेंट किए। उपहार के साथ विवाह प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए ।
व्यवस्थाओं को सराहा
जनपद पंचायत द्वारा आयोजित किए गए इस सम्मेलन की व्यवस्थाओं की जनप्रतिनिधियों के साथ वरवधुओं के रिश्तेदारों ने भी सराहना की। जिला पंचायत अध्यक्ष लीलादेवी परमार ने कहा कि वह पूरे जिले के कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं, लेकिन कालापीपल के वैवाहिक सम्मेलन जैसी व्यवस्था कहीं नही देखी गई। विधायक इंदरसिंह परमार ने भी व्यवस्था देख कर्मचारियों की पीठ थपथपाई। पूरा पंडाल तोरणद्वार से सजा हुआ था। जनपद पंचायत द्वारा अचानक किसी जोड़े के आ जाने पर 106 की बजाय 107 वैदियों की तैयारियां की थीं लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी । प्रातः 10.30 बजे प्रारंभ हुए सम्मेलन का समापन दोपहर 1.30 बजे हुआ।

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